अमित शाह कुछ घंटों में ही सेट कर गए मिशन-2022 का फॉर्मूला, मुख्यमंत्री योगी को बताया देश का भविष्य
अतुल कुमार सिंह/लखनऊ। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह को वर्तमान राजनीति में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का चाणक्य यूं ही नहीं कहा जाता। उत्तर प्रदेश के हालिया दौरे में भी इसकी बानगी देखने को मिली। एक तीर से कई निशाने साधने में माहिर अमित शाह उत्तर प्रदेश के कई सवालों को हल करने का फार्मूला सिर्फ कुछ घंटो में दे गए। 2022 का विधानसभा चुनाव और 2024 का लोकसभा चुनाव भाजपा के लिए न सिर्फ चुनौती है, बल्कि अपनी सत्ता को बरकरार रखने की सबसे भरोसेमंद चाबी भी है। 2014 के आम चुनाव से पहले अमित शाह उत्तर प्रदेश के प्रभारी बने थे।
उत्तर प्रदेश में भाजपा को रसातल से निकालकर 80 में से 73 संसदीय सीटों पर जीत दिलाने वाले अमित शाह ने उस दौर में भाजपा के लिए जो जमीन तैयार की वह 2017 से होते हुए 2019 तक अमिट छाप छोड़े हुए है। इसे बरकरार रखना और इसे कुछ और गहरा करने की तैयारी बीजेपी लगातार कर रही है। इसी क्रम में अमित शाह का लखनऊ, काशी मिर्जापुर दौरा बेहद खास हो गया। उनके हावभाव और तेवर योगी को मजबूती देने का स्पष्ट संकेत कर रहे थे। उन्होंने अलग-अलग मंचों से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की न सिर्फ प्रशंसा की बल्कि उन्होंने भविष्य के लिए उनको संगठन का मजबूत और महत्वपूर्ण विकल्प भी बता दिया। लखनऊ के मंच से जहां उन्होंने योगी आदित्यनाथ को केंद्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन में भाजपा शासित राज्यों में सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री बताया। काशी के मंच से उन्होंने ही हिंदू संस्कृति को सम्मान देने के लिए योगी की पीठ थपथपाई। मीरजापुर पहुंचने पर उन्होंने पिछड़ेपन से निजात दिलाने के लिए योगी आदित्यनाथ को साहसिक निर्णय लेने वाला नेता करार दिया। यह कुछ उदाहरण उपरोक्त कथन की पुष्टि करते हैं।
एक साथ कई निशाने साध गए अमित शाह
लखनऊ में उत्तर प्रदेश स्टेट फॉरेंसिक साइंस इंस्टिट्यूट की आधारशिला रखने के साथ ही गृहमंत्री अमित शाह एक साथ कई संदेश दे गए। अमित शाह पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ की और केंद्र सरकार की योजनाओं को अच्छी तरीके से लागू करने पर प्रदेश सरकार की पीठ थपथपाई वहीं, योगी आदित्यनाथ के काम और प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर वोट मांगने की बात कही। इस कार्यक्रम के बहाने अमित शाह ने उत्तर प्रदेश से अपना नाता भी याद दिलाया। उन्होंने कहा कि वह जब यहां आते थे तो सिर्फ राजधानी तक ही नहीं, बल्कि जिले, तहसील और विधानसभा क्षेत्रों में भी लोगों से मिलते थे। मुख्यमंत्री योगी ने उन खामियों को दूर करने का भरसक प्रयास किया है, जिनकी वजह से उत्तर प्रदेश बदनाम था।
कानून-व्यवस्था के लिए जस्ट एक्शन का निर्देश
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कानून व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए पुलिस से सबका वास्ता पड़ता है। पुलिस की छवि बेहतर बने इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को आईपीएस अधिकारियों से बातचीत कर उनको सहज और सरल होकर जनता के बीच जाने की अपील की। वहीं, गृहमंत्री अमित शाह भी लखनऊ में रविवार को कुछ इसी तरीके के टिप्स दिए। शाह ने कहा कि पुलिस को लेकर जनमानस में जिस तरीके की एक छवि है उससे उबरने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार लगातार प्रयास कर रही है। उन्होंने पुलिस से "नो एक्शन" और "एक्स्ट्रीम एक्शन" के बजाए "जस्ट एक्शन" यानी स्वाभाविक प्रतिक्रिया पर काम करने का आग्रह किया।
योजनाएं गिनाकर चुनावी अभियान को दी गति
योजनाओं के बहाने गृहमंत्री अमित शाह ने उत्तर प्रदेश की जनता को पूरी तरीके से चुनावी मोड में ढाल दिया। अमित शाह ने परिवारवाद समेत एक विशेष जाति को तवज्जो दिए जाने की बात कहकर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा। पुराने समय में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हुए दंगों और उसके बाद वहां से पलायन करने वाले लोगों का जिक्र करते हुए अमित शाह ने लखनऊ से पश्चिमी उत्तर प्रदेश को भी साधने का प्रयास किया। अमित शाह ने अपने संबोधन में न सिर्फ फॉरेंसिक इंस्टिट्यूट की बात की बल्कि केंद्र सरकार की योजनाओं का जिक्र किया। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में कोरोना के दौरान किए जाने वाले उपायों और वैक्सीनेशन का भी ज़िक्र किया और लोगों को यह संदेश देने की कोशिश की कि केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार दोनों मिलकर बेहतर राज्य बनाने की दिशा में आगे चल रहे हैं। उन्होंने इस कार्यक्रम के दौरान आने वाले विधानसभा चुनाव में कमल की सरकार ही बनने की बात कहकर चुनावी आगाज किया।
विपक्षी दलों के मुकाबले भाजपा की सधी रणनीति
भाजपा एक ओर जहां अपने दो बड़े-बड़े नेताओं को उत्तर प्रदेश की राजनैतिक जमीन पर चुनावी माहौल बनाने के लिए लॉन्च कर चुकी है वहीं, दूसरी ओर विपक्षी पार्टियां अभी बहुत पीछे दिख रही है। भाजपा की यही खासियत है कि जब तक लोग संभलते हैं तब तक वह मैदान में अपनी सारी गोटियां बिछा चुके होते हैं। अमित शाह का उत्तर प्रदेश का यह दौरा सिर्फ योजनाओं का शुभारंभ या उद्घाटन करने तक ही सीमित नहीं है। उत्तर प्रदेश के एक एक जिले के एक एक बूथ की खाक छान चुके अमित शाह उड़ती चिड़िया के पर गिनने में महारथ रखते हैं। इसलिए यूपी के चुनावी समर से पहले शाह का यह दौरा भले गृहमंत्री के रुप में था लेकिन भीतर 2014 से पहले का यूपी प्रभारी गुप्त रुप से सक्रिय था।
हिंदू आस्था केंद्रों के विकास से साधा एजेंडा
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को मिर्जापुर जिले में विंध्याचल पहुंचकर मां विंध्यवासिनी का दर्शन पूजन किया। इसके बाद विंध्य कॉरिडोर के लिए भूमि पूजन किया। फिर गृह मंत्री अमित शाह ने नगर के जीआईसी स्थित मैदान में रोप-वे का लोकार्पण कर आयोजित जनसभा को संबोधित किया। अमित शाह ने कहा कि मिर्जापुर, चंदौली और सोनभद्र नक्सलवाद के प्रभाव से पूर्ण रूप से मुक्त हो चुके हैं। उत्तर प्रदेश में 1,574 करोड़ रुपये की माफियाओं की संपत्ति जब्त की गई है। लूट, डकैती, हत्या जैसी घटनाओं में 28 से 50 प्रतिशत तक की कमी दर्ज की गई है।
उत्तर प्रदेश बना दंगामुक्त और माफ़ियामुक्त प्रदेश
पहले उत्तर प्रदेश में खुलेआम माफिया घूमते थे, लेकिन आज कोई माफिया दिखाई नहीं पड़ता। उत्तर प्रदेश को दंगा मुक्त, माफिया मुक्त, भू-माफियाओं से मुक्ति करने का काम और उत्तर प्रदेश की माताओं-बहनों को सुरक्षा देने का काम भाजपा की सरकार ने किया है। आज उत्तर प्रदेश मेक इन इंडिया के तहत निवेश की पहली पसंद बनता जा रहा है। करीब 3.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश उत्तर प्रदेश की जमीन पर लाने का काम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया है।
कोरोना प्रबंधन में यूपी मॉडल का दुनिया ने माना लोहा
कोरोना की दो लहरों में उत्तर प्रदेश सरकार ने बेहतर कोरोना प्रबंधन किया। सीएम ने परिश्रम, मेहनत, सूझबूझ और अपनी प्रशासनिक क्षमता से जो कार्य किए, उससे उत्तर प्रदेश लगभग-लगभग कोरोना मुक्त हो रहा है। सबसे ज्यादा टीकाकरण, टैस्टिंग, बेड की व्यवस्था यहीं हुई। उन्होंने कहा कि आपपके आशीर्वाद का परिणाम है कि 2014 और 2019 में जो पूर्ण बहुमत आपने दिया, उसी का परिणाम है जो 500 वर्षों से लंबित था अब अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बनने की शुरुआत हो चुकी है।