सुलतानपुर: हिंदू मंदिरों में सरकार का जो अधिग्रहण है वो हटाया जाए - जगतगुरू रामभद्राचार्य
जगतगुरू रामभद्राचार्य आज प्रतापगढ़ के ढकवा से शुक्रवार शाम सुल्तानपुर के विजेथुआ महावीरन धाम पहुंचे थे। यहां शोभा यात्रा के साथ उनका भव्य स्वागत हुआ।
इस बीच जगतगुरू ने मीडिया से बात करते हुए बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कह दिया है कि हिंदुत्व भारतीयता का पर्यायवाची है और जो अत्याचार मुस्लिम धर्म के लोग कर रहे हैं वो सहन करने योग्य नहीं हैं। बहराइच घटना का उल्लेख किए बगैर उन्होंने कहा अभी दुर्गापूजा में देखा कितना बड़ा अनर्थ हो गया। उन्होंने कहा हमने भविष्यवाणी की थी मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने जा रहे, अब बन गए। उन्होंने मोदी से विधि सम्मत अपेक्षाएं रखी हैं।
हिंदू मंदिरों में सरकार का जो अधिग्रहण है वो हटाया जाए...
उन्होंने कहा मेरी पहली अपेक्षा है, हिंदू मंदिरों में सरकार का जो अधिग्रहण है वो हटाया जाए। दूसरी अपेक्षा है गंगा जमुना की धारा मेल बहे। तीसरी अपेक्षा है हिन्दी राष्ट्र भाषा हो और चौथी अपेक्षा है राम चरित्र मानस राष्ट्र ग्रंथ हो। हमारा भारत पाक अधिग्रहित कश्मीर में मिल जाए।
रामभद्राचार्य ने मथुरा वृन्दावन पर भी कहा कि सरकार को इस पर भी ध्यान देना होगा, जैसे मेरी गवाही ने रामजन्म भूमि की दिशा बदली थी वैसे इसकी भी दिशा बदलेगी कोर्ट में अगर मैं जाऊंगा गवाही देने।
धर्मा अवलम्बियों में द्वेष की भावना बढ़ रही इस सवाल पर उन्होंने कहा कि ऐसा हो नहीं सकता। हिंदू जैसा कोई हो नहीं सकता।
जगतगुरू यहीं नहीं रुके उन्होंने आगे कहा कि हमारी सहनशीलता की अग्नि परीक्षा हो रही है। बंगलादेश में क्या हुआ, अन्य देशो में क्या हुआ और यहां तक की हमारे बंगाल में क्या हो रहा है, हम सहन करते रहे लेकिन अब सहन नहीं करेंगे। सनातन धर्म को लेकर आरोप प्रत्यारोप लग रहे इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वास्तव में सनातन धर्म ही वैदिक धर्म है। विजेथुआ महावीरन को रामायण सर्किल में जोड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं प्रयास करुँगा की इसे जोड़ा जाए।