UP News: 'कठमुल्ला' शब्द के प्रयोग से भड़के ओवैसी, जज ने कहा था - ये देश के लिए हानिकारक...

कठमुल्ला शब्द के प्रयोग से भड़के ओवैसी, जज ने कहा था - ये देश के लिए हानिकारक...
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कठमुल्ला' शब्द के प्रयोग से भड़के ओवैसी

UP News : उत्तरप्रदेश। इलाहबाद हाई कोर्ट के जज शेखर कुमार यादव द्वारा वीएचपी के कार्यक्रम में 'कठमुल्ला' शब्द का प्रयोग किया गया था। उनका यह बयान अब सोशल मीडिया पर वायरल है। इसी वायरल क्लिप पर अब सांसद असदुद्दीन आवैसी ने टिप्प्पणी की है। जज द्वारा की गई टिप्पणी को लेकर ओवैसी अब तक कई बात प्रतिक्रिया दे चुके हैं।

हाईकोर्ट के जस्टिस शेखर कुमार यादव ने टिप्पणी की थी कि, 'जो लोग 'कठमुल्ला' हैं... शब्द गलत है, लेकिन मुझे इसे कहने में कोई झिझक नहीं है। क्योंकि वे देश के लिए हानिकारक हैं। वे लोग हैं जो झड़पों को भड़काते हैं और जनता को भड़काते हैं। देश आगे न बढे इस तरह के लोग हैं। इनसे सावधान रहने की जरूरत है।

अब ओवैसी ने इसे लेकर कहा है कि -

एक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ने 'कठमुल्ला' शब्द का प्रयोग किया और भारत में मुसलमानों के लिए शर्तें निर्धारित कीं (जैसे कि हमें उनकी अनुमति की आवश्यकता हो)। 'न्यायिक जीवन के मूल्यों का पुनर्कथन' (1997) से कुछ अनुस्मारक:

- न्याय केवल किया ही नहीं जाना चाहिए बल्कि यह भी देखा जाना चाहिए कि न्याय किया जा रहा है। उच्च न्यायपालिका के सदस्यों के व्यवहार और आचरण से न्यायपालिका की निष्पक्षता में लोगों के विश्वास की पुष्टि होनी चाहिए। तदनुसार, सर्वोच्च न्यायालय या उच्च न्यायालय के न्यायाधीश का कोई भी कार्य, चाहे वह आधिकारिक या व्यक्तिगत क्षमता में हो, जो इस धारणा की विश्वसनीयता को नष्ट करता हो, उससे बचना होगा।

- कोई न्यायाधीश सार्वजनिक बहस में शामिल नहीं होगा या राजनीतिक मामलों या न्यायिक निर्णय के लिए लंबित या उठने वाले मामलों पर सार्वजनिक रूप से अपने विचार व्यक्त नहीं करेगा।

- प्रत्येक न्यायाधीश को हर समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वह जनता की निगाह में है और उसके द्वारा ऐसा कोई कार्य या चूक नहीं होनी चाहिए जो उसके उच्च पद और उस पद के प्रति सार्वजनिक सम्मान के प्रतिकूल हो।

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