कुशीनगर में पुलिस और किसानों के बीच झड़प: एथेनॉल फैक्ट्री के लिए अधिग्रहण करने पहुंची थी पुलिस, 176 किसानों की 35 एकड़ जमीन का होना है अधिग्रहण…

एथेनॉल फैक्ट्री के लिए अधिग्रहण करने पहुंची थी पुलिस, 176 किसानों की 35 एकड़ जमीन का होना है अधिग्रहण…
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अवध एनर्जी शुगर मिल बना रहा है प्लांट, 90 किसानों ने उच्च न्यायालय में अपील दाखिल कर जमीन देने से किया है मना

कुशीनगर। ढांढा स्थित अवध एनर्जी शुगर मिल में रविवार को जमीन अधिग्रण को लेकर प्रशासन और किसानों में झड़प हो गयी। चीनी मिल परिसर में लगने वाली एथेनॉल फैक्ट्री के लिए 176 किसानों की 35 एकड़ जमीन का अधिग्रहण होना है।

88 किसानों ने मिल को अपनी जमीन देने के लिए पहले ही अपनी सहमति दे चुके है। 90 किसानों ने उच्च न्यायालय में अपील दाखिल कर अपनी जमीन देने से मना किया था।

2022 में हाईकोर्ट ने किसानों की अपील को खारिज कर चीनी मिल के पक्ष में फैसला दे दिया। अधिकतर किसान उस जमीन पर कब्जा जमाये हुए हैं। इससे एथेनाल फैक्ट्री मूर्त रुप नहीं ले पा रही है। रविवार को फिर जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू हुई, तो मिल परिसर में पुलिस और प्रशासन का जमावड़ा लगा। विरोध करने वाले कई किसानों को पुलिस ने हिरासत में लेकर हाटा कोतवाली भेज जमीन का अधिग्रहण कर लिया।

जानकारी के मुताबिक अवध शुगर मिल एंड एनर्जी लिमिटेड की यूनिट न्यू इंडिया शुगर मिल द्वारा एथेनॉल फैक्ट्री लगाने के लिए अधिग्रहित जमीन पर कुछ किसान कब्जा नहीं छोड़ रहे थे।

इसके लिए रविवार को जिला प्रशासन से एडीएम वैभव मिश्रा, अपर पुलिस अधीक्षक रितेश सिंह के नेतृत्व में कई थानों की पुलिस दो गाड़ी पीएससी लेकर पहुंचे। जहां किसानों ने विरोध शुरू किया। इस दौरान किसानों और पुलिस में झड़प भी हुई।

इसके बाद कुछ किसानों को पुलिस ने कोतवाली भेज हल्का बल प्रयोग कर किसानों को हटाया और जमीन का अधिग्रहण किया। इसको लेकर कुछ दिन पहले एसडीएम प्रभाकर सिंह ने कैम्प लगाकर किसानों को उनके भूमि के हिस्से की कागजी कार्रवाई करते हुए समझाया था।

जब भूमि का अधिग्रहण हो चुका है, तो अनावश्यक रूप से विरोध न पैदा करें। फक्ट्री के लिए मिल द्वारा चिह्नित 49 एकड़ जमीन वर्ष 2009 में से ढाढ़ा क्षेत्र के हरपुर के 178 किसानों की 14.67 हेक्टेयर भूमि को सरकार द्वारा अधिग्रहण किया गया है।

88 किसानों ने अपनी भूमि का मुआवजा लेकर जगह खाली कर दी है।

90 किसानों ने उच्च न्यायालय में अपील दाखिल कर अपनी जमीन देने से मना किया था। लेकिन, 2022 में हाईकोर्ट ने किसानों की अपील को खारिज कर चीनी मिल के पक्ष में फैसला दे दिया है। अधिकतर किसान उस जमीन पर कब्जा जमाये हुए हैं।

इससे एथेनॉल फैक्ट्री अपना रूप नहीं ले पा रही है। पिछले वर्षों से कई बार प्रशासन से किसानों की बातचीत बेनतीजा रही। इधर लगातार जिला एवं तहसील प्रशासन गांव में पहुंचकर किसानों से बातचीत कर रहा है, लेकिन उसके सकारात्मक नतीजे नहीं आ रहे है।

एडीएम वैभव मिश्रा ने अपने हिस्से के हिसाब से वर्ष 2024 के सर्किल रेट से दोगुना मुआवजा लेकर जमीन खाली करने की अपील की। उन्होंने बताया कि दर्जनों किसानों को जमीन छोड़ने की अपील करते हुए चीनी मिल और डिस्टीलरी के नाम से जमीन का सरकार ने अधिग्रहण कर लिया है।

किसानों की कोर्ट में अपील पहले ही खारिज हो गयी है। ऐसे में डिस्टीलरी के लिए जमीन देने के अलावा दूसरा विकल्प नहीं है। फैक्ट्री खुलने से क्षेत्र के किसानों का ही लाभ होगा।

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