गोरखपुर: प्रधान पद के दावेदार की गोली मारकर हत्या, 3 आरोपी गिरफ्तार
- परिजनों ने चार लोगों के खिलाफ दर्ज कराया मुकदमा
- तीन नामजद आरोपी पुलिस के गिरफ्त में
गोरखपुर: गुलरिहा थाना क्षेत्र के नरायणपुर में शुक्रवार की रात भाजपा सेक्टर प्रभारी और पूर्व प्रधान बृजेश सिंह की अपने आवास जाते समय रास्ते में गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस बार पंचायत चुनाव में वह प्रधान पद के दावेदार थे। चुनावी रंजिश और प्रॉपर्टी के विवाद में भाजपा नेता की हत्या किए जाने की आशंका है। परिजनों ने चार लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस ने तीन नामजद अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया है।
मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार की रात 11 बजे के आसपास बृजेश लोगों से मिलकर मोटरसाइकिल से मोगलहा स्थित अपने आवास पर लौट रहे थे। इसी दौरान हमलावरों उनको घेरकर सीने और सिर में गोली मार दी।गोली की आवाज सुनकर पहुंचे आसपास के लोगों ने गंभीर हालत बृजेश को मेडिकल कालेज ले गए जहां रथ ने मृत घोषित कर दिया। बृजेश की हत्या की सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में उनके करीबी और रिश्तेदार मेडिकल कॉलेज में जुट गए। हत्या की सूचना पर पहुंचे समर्थकों ने हंगामा किया। एसएसपी ने जल्द घटना का पर्दाफाश करने का दिलासा देकर लोगों शांत कराया।
नरायनपुर गांव के पूर्व प्रधान 52 वर्षीय बृजेश सिंह का मेडिकल कालेज रोड पर मोगलहा के पास मकान है। ग्राम प्रधान की सीट सामान्य होने पर बृजेश ने इस बार दावेदारी की तैयारी किया था। शनिवार को नामांकन के लिए उन्होंने पर्चा भी खरीद लिया था।
पूर्व प्रधान बृजेश सिंह की हत्या को लेकर पुलिस चुनावी रंजिश के साथ ही प्रापर्टी के विवाद को घटना की वजह मानकर जांच कर रही है। परिजनों ने बताया कि कुछ दिन पहले उनका प्रापर्टी को लेकर विवाद हुआ था।
बृजेश सिंह के पिता गुप्तेश्वर सिंह गुलरिहा के थानेदार रह चुके थे। बृजेश का सांसद कमलेश पासवान के परिवार से भी करीबी रिश्ता था। वाराणसी, ढेबरूवा के मूल निवासी गुप्तेश्वर सिंह पुलिस विभाग में सब इंस्पेक्टर के तौर पर गोरखपुर आए थे। मेडिकल कालेज के पास मोगलहा में उन्होंने मकान बनवा लिया। गुलरिहा के नारायनपुर गांव में भी उन्होंने मकान बनवाया और जमीन खरीदी। गुप्तेश्वर सिंह काफी नामी थे जिसके फायदा परिवार को भी मिला। उनके बेटे बृजेश सिंह 2010 में नारायनपुर गांव से प्रधान बन गए। पिछली बार की सीट पिछड़ी हो गई थी। इस बार फिर नारायनपुर की प्रधानी की सीट सामान्य है।
बृजेश सिंह की मां भी बीडीसी सदस्य रह चुकी हैं। वह भी इस बार बीडीसी के लिए पर्चा खरीदी थीं। मां और बेटे का पर्चा शनिवार को ही दाखिला होना था।बृजेश सिंह के छह भाई और एक बहन थे। वह अपने भाइयों में दूसरे नम्बर पर थे। बृजेश सिंह की एक बेटी और दो बेटे हैं। परिजनों ने चार लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया है। सुनील श्रीवास्तव ,पवन श्रीवास्तव ,विजय श्रीवास्तव एवं रामसमुझ को अभियुक्त बनाया गया है।
पुलिस ने विजय, रामसमुझ और सुनील को गिरफ्तार कर लिया गया है। शेष दो अभियुक्तों को गिरफ्तार करने के लिए टीम गठित की गई है। बृजेश सिंह की अंत्येष्टि राप्ती नदी के तट राजघाट पर किया गया। उनकी अंतिम यात्रा परिजन सहित में बड़ी संख्या में उनके शुभचिंतक और भाजपा कार्यकर्ता व पदाधिकारी सम्मिलित हुए।