संभल पर सियासत: 'बुलडोजर बाबा' की नो एंट्री से 2 घंटे जूझने के बाद बैरंग लौटे राहुल-प्रियंका...

बुलडोजर बाबा की नो एंट्री से 2 घंटे जूझने के बाद बैरंग लौटे राहुल-प्रियंका...
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काफिले को गाजीपुर बॉर्डर से आगे नहीं बढ़ने दिया गया, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, सांसद प्रियंका गांधी समेत प्रतिनिधिमंडल को इजाजत नहीं…

संभल। 'बुलडोजर बाबा' की नो एंट्री के बाद संभल जा रहे राहुल-प्रियंका को बैरंग लौटना पड़ा। संभल में 24 नवंबर को भड़की हिंसा मामले पर राजनीति गरमाई हुई है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, प्रियंका गांधी समेत प्रतिनिधिमंडल को संभल जाने की इजाजत नहीं दी गई।

संभल के लिए निकले राहुल-प्रियंका ने गाजीपुर में रोके जाने के बाद करीब पौने दो घंटे तक प्रशासन के समक्ष आगे जाने की मांग रखी।

उनकी मांग को नहीं माना गया। इसके बाद राहुल गांधी ने वापस लौटने का फैसला लिया। इस दौरान राहुल गांधी अपनी गाड़ी के सनरूफ से बाहर निकल कर मीडिया को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारे नेता प्रतिपक्ष के संवैधानिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है।

संविधान की किताब को हाथ में लिए राहुल गांधी ने कहा कि सरकार संविधान के नियमों का पालन नहीं कर रही है। प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि राहुल गांधी एक संवैधानिक पद पर हैं। उनके अधिकारों को छीना जा रहा है।


'संभल मुद्दे पर हम लड़ते रहेंगे लड़ाई' : गाजीपुर बॉर्डर से वापसी के फैसले के बाद राहुल गांधी ने कहा कि हम संभल जाने की कोशिश कर रहे हैं, पर पुलिस इजाजत नहीं दे रही है। विपक्ष के नेता के तौर पर जाना मेरा अधिकार है।

इसके बाद भी वे मुझे रोक रहे हैं। मैंने कहा कि मैं अकेले जाने को तैयार हूं। मैं पुलिस के साथ जाने को तैयार हूं। इसके बाद भी हमें इजाजत नहीं दी गई। हम संवैधानिक अधिकारों की लड़ाई लड़ते रहेंगे।

गाजीपुर में योगी आदित्यनाथ सरकार की नो-एंट्री को राहुल गांधी आखिरकार नहीं भेद पाए। अब राहुल गांधी और प्रियंका गांधी गाजीपुर बॉर्डर से संसद की कार्यवाही में भाग लेने जा रहे हैं।

दोनों ऑफर ठुकराए जाने के बाद राहुल गांधी आए : गाजीपुर बॉर्डर पर भारी सुरक्षा इंतजाम के बीच राहुल गांधी-प्रियंका गांधी के काफिले को रोका गया। इसके बाद पुलिस-प्रशासन के साथ राहुल गांधी ने बातचीत की।

संभल जाने के लिए तीन ऑफर दिए। हालांकि, पुलिस ने उनकी सभी मांगों को ठुकरा दिया। कांग्रेस की ओर से पुलिस अधिकारी के सामने पहला प्रस्ताव रखा गया कि कांग्रेस नेताओं के काफिले को संभल जाने दिया जाए।

पुलिस नहीं मानी तो कांग्रेस ने पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को संभल जाने देने का प्लान दिया गया। इस प्रतिनिधिमंडल में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, केसी वेणुगोपाल, अविनाश पांडेय और अजय राय के जाने की बात कही गई।

पुलिस प्रशासन की ओर से दोनों ऑफर ठुकराए जाने के बाद राहुल गांधी आए। गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस अधिकारी से बातचीत की। उन्होंने प्रशासन के सामने तीसरा ऑफर अकेले संभल जाने देने का दिया गया।

उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारी की गाड़ी से वे संभल जाने को तैयार हैं। हालांकि, इस तीसरे ऑफर को भी नहीं माना गया। यूपी कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय ने इस मामले में कहा कि राहुल गांधी ने पुलिस अधिकारी के साथ बातचीत की।

उन्होंने पुलिस अधिकारी को उनकी गाड़ी में ही बैठकर संभल जाने की बात कही। हालांकि, उनकी मांग पर अभी पुलिस की ओर से स्वीकार नहीं किया। पुलिस अधिकारी सीनियर अफसरों के साथ बातचीत की बात कहकर निकल गए।

ह्यूमन चेन बनाकर खड़े हुए जवान : राहुल गांधी के काफिले के सामने पुलिस के जवान बैरिकेडिंग के पीछे कतार लगाकर खड़े थे। राहुल गांधी के समर्थन में पूर्णियां सांसद पप्पू यादव भी गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे थे।

उनके अलावा, यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय, सहारनपुर सांसद इमरान मसूद, राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल समेत कई नेता वहां मौजूद रहे। राहुल गांधी गाजीपुर बॉर्डर पर काफिले को रोके जाने के बाद अपनी गाड़ी से बाहर निकले।

वे गेट पर खड़े दिखाई दिए। इस दौरान आम लोगों का गुस्सा वहां पर भड़कता दिखा। लोग अपनी-अपनी परेशानी को सामने रख रहे हैं।

बैरिकेडिंग पर चढ़कर प्रदर्शन : पुलिस-प्रशासन की कोशिश राहुल गांधी के काफिले को आगे न बढ़ने देने की है। गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस के जवानों की ओर से काफिला रोकने से कांग्रेस कार्यकर्ता नाराज हो गए। बैरिकेडिंग पर चढ़कर प्रदर्शन करने लगे।

वे पुलिस अधिकारियों से बैरिकेडिंग हटाने और काफिला को आगे बढ़ने देने की मांग कर रहे थे। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि संभल में अगर सब कुछ सही है तो फिर बॉर्डर पर पुलिस का पहरा क्यों है? हमें क्यों रोका जा रहा है।

इमरान मसूद ने बोला हमला : कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने ने कहा कि प्रशासन की ओर से हमें बॉर्डर पर रोक दिया गया है। कोई कुछ कर नहीं रहा है। हमारी मांग है कि या तो पुलिस प्रशासन हमें आगे बढ़ने दे या फिर हमें डिटेन किया जाए।

उन्होंने बताया कि सैंकड़ों कार्यकर्ता यहां जुटे। पुलिस को कोई एक्शन लेना होगा। जाम के कारण लोगों का गुस्सा बढ़ता दिख रहा है। पुलिस ने मानव श्रृंखला बनाकर राहुल गांधी के काफिले को रोक रखा है।

गाजियाबाद में जाम जैसे हालात : राहुल-प्रियंका के दौरे को लेकर दिल्ली से सटे यूपी के तमाम जिलों में सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद किया गया है। गाजियाबाद के गाजीपुर बॉर्डर पर सुबह से ही बैरिकेडिंग लगाई गई है। वाहनों को चेकिंग के बाद आगे बढ़ने की इजाजत दी जा रही है। इस कारण वाहनों की गति धीमी हुई है।

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और एनएच-9 पर इसका असर दिखा। गाजियाबाद में जाम जैसी स्थिति बन गई थी। वाहनों की लंबी कतारें सड़कों पर ट्रैफिक के आगे बढ़ने का इंतजार कर रही थीं।

गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस ने रोका संभल जा रहे राहुल गांधी का काफिला : गाजियाबाद में ट्रैफिक जाम जैसी स्थिति को लेकर लोगों में गुस्सा दिखा। जाम में फंसे एक व्यक्ति ने बताया कि बेटी का मेरठ में एग्जाम है। हम सुबह से ही निकले हुए हैं।

जाम में फंसे हैं। नेताओं को धरना-प्रदर्शन करना है तो सड़क किनारे बैठकर करें। ट्रैफिक को रोकना कहां तक उचित है। कांग्रेसी कार्यकर्ता आक्रोशित दिखे।

आराधना मिश्रा लखनऊ में हाउस अरेस्ट : लखनऊ से कांग्रेस विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा मोना भी निकलने वाली थीं। लखनऊ पुलिस की ओर से आराधना मिश्रा मोना को उनके घर पर ही रोक दिया।

उन्हें हाउस अरेस्ट किया गया था। आराधना मिश्रा को सुबह 9:30 बजे संभल के लिए रवाना होना था। उन्हें लखनऊ स्थित कैंट के आवास पर हाउस अरेस्ट किया गया।

हापुड़ में टोल प्लाजा पर सुरक्षा : हापुड़ के पास छजारसी टोल प्लाजा पर सुरक्षा-व्यवस्था कड़ी की गई थी। गाजीपुर बॉर्डर, छिजारसी टोल प्लाजा, ब्रजघाट टोल प्लाजा, अमरोहा बॉर्डर, संभल बॉर्डर पर पुलिस ने बेरिकेड्स लगाए थे।

प्रतिनिधिमंडल को रोकने के लिए बड़ी संख्या में सुरक्षा तैनात थे। दिल्ली-लखनऊ हाईवे समेत अन्य दूसरे रास्तों पर भी ऐसे ही बेरिकेड्स थे।

संभल हिंसा का आज 11वां दिन : संभल हिंसा का बुधवार को 11वां दिन था। 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद सर्वे के दौरान आक्रोशित लोगों ने पुलिस को निशाना बनाया, जमकर पत्थरबाजी हुई। छत से पत्थर बरसाए गए।

इस हिंसा में 5 लोगों की मौत हो चुकी है। घटना में 31 लोगों को अब तक हिरासत में लिया जा चुका है। घटना के 11 दिन बाद भी जिले में तनाव है। इसको देखते हुए संभल प्रशासन ने 10 दिसंबर तक बाहरी लोगों के संभल में प्रवेश पर रोक लगा रखी है। संभल में धारा-163 लागू है।

डीएम ने पड़ोसी जिलों को भेजा पत्र : मुरादाबाद मंडल आयुक्त आंजनेय सिंह ने कहा है कि संभल में अभी तनाव है। संभल डीएम डॉ.राजेंद्र पैंसिया ने दिल्ली से सटे 4 जिलों को पत्र भेजा है। गाजियाबाद, नोएडा, अमरोहा, बुलंदशहर की पुलिस को डीएम की ओर से पत्र लिखा है।

चौकसी बरती जा रही है। पुलिस-प्रशासन का कहना है कि संभल में माहौल को शांतिपूर्ण बनाए रखने के लिए कार्रवाई हो रही है।

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