UP News: सनातन ही भारत का 'राष्ट्रीय धर्म'...CM योगी ने अयोध्या में की टिप्पणी, कहा - औरंगजेब के वंशज रिक्शा चला रहे

सनातन ही भारत का राष्ट्रीय धर्म...CM योगी ने अयोध्या में की टिप्पणी, कहा - औरंगजेब के वंशज रिक्शा चला रहे
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UP News : उत्तरप्रदेश। अयोध्या में एक कार्यक्रम के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा बयान दिया है। सनातन को राष्ट्र का धर्म बताते हुए सीएम योगी ने यह कि, औरंगजेब के वंशज आज रिक्शा चला रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी श्री अयोध्या धाम में 'अष्टोत्तरशत 108 श्रीमद्भागवत पाठ, पंच नारायण महायज्ञ' के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए थे।

सीएम ने कहा -

उन दो तिथियों को याद करिए जब 500 वर्षों के कलंक को ख़त्म कर राम मंदिर कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ और 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम हुआ। कौन ऐसा भारतीय और सनातनी था जिसकी आंखों में श्रद्धा के आंसू न आए हों। यही हमारी परंपरा है और इस पर हर भारत वासी गर्व करता है। भारत की धरती पर जन्म लेना दुर्लभ है और उसमें भी मनुष्य के रूप में जन्म लेना अतिदुर्लभ है।

आज अयोध्या में क्या नहीं है। राम लला का यहां आगमन हो गया है। संतों के मार्गदर्शन में जो काम शुरू किया वह आज पूरा हो गया है।

यज्ञ के पीछे का भाव समझिए। सांसरिक उत्कर्ष को बनाए रखते हुए भारत के महान लोगों से प्रेरित होकर जब हम आगे बढ़ेंगे तो भारत, भारत बना रहेगा।

"सनातन धर्म' ही भारत का 'राष्ट्रीय धर्म' है..." इसने दुनिया के हर सम्प्रदाय के लोगों को संरक्षण दिया है। आज बांग्लादेश और पकिस्तान में क्या हुआ है। अफगानिस्तान में क्या हुआ है। वे कौन लोग थे जिन्होंने देश में सनातन के धर्मबिन्दुओं को ख़त्म करने की कोशिश की। वे इस धरती को नर्क बनाने की कोशिश कर रहे थे। कभी अयोध्या में राम मंदिर , कभी कशी में विश्वनाथ, कभी भोज में मां सरस्वती के मंदिर को तोड़ा जाता है। कभी मथुरा तो कभी संभल में मंदिरों को तोड़ा गया। ऐसा करने वालों का कुल ही नष्ट हो गया।

जिन कारणों से देश को गुलामी की बेड़ियों को झेलने के लिए मजबूर होना पड़ा था, हमारे पवित्र धर्म स्थलों को अपमानित होना पड़ा था... फिर ऐसी स्थिति पैदा न हो, इसके लिए अभी से हर भारत वासी को तैयार होना होगा।

मंदिर तोड़ने वाले औरंगजेब के वंशज आज रिक्शा चला रहे हैं। अगर उसने मंदिर न तोड़े होते तो क्या वह इस दुर्गति को प्राप्त होता क्या। मैं यही कहूंगा कि, विश्वशांति की स्थापना सनातन धर्म ही कर सकता है।

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