हरदोई: सपाइयों ने चोरी चुपके कलेक्ट्रेट गेट पर फूंका योगी का पुतला
हरदोई। सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ पर तंज करते हुए सपा मुखिया अखिलेश यादव ने मठाधीशों और माफियाओं को एक जैसा बताया था। जवाब में प्रदेश भर में भाजपा की यूथ विंग भारतीय जनता युवा मोर्चा ने अखिलेश का पुतला फूंका था।
हरदोई में पुलिस से छीना झपटी में हाथ आए आधे पुतले को पेट्रोल से फूंकने के जिलाध्यक्ष आकाश सिंह सहित तीन कार्यकर्ता झुलस गए थे। प्रत्युत्तर में सपा के पूर्व सदर पालिका अध्यक्ष प्रत्याशी ने इतवार के सन्नाटे में कलेक्ट्रेट गेट पर मुख्यमंत्री का पुतला फूंक दिया।
सपा नेता रामज्ञान गुप्ता कुछेक साथियों के साथ पुतला लेकर कलेक्ट्रेट गेट पहुंचे और सत्ता दल के विरुद्ध नारेबाजी करते हुए मुख्यमंत्री का पुतला फूंक दिया। गुरिल्ला शैली में किए गए पुतला दहन के बाद भाजपा और सपा के गलियारों के साथ प्रशासनिक हलकों में सरगर्मी दिखी।
समाजवादी पार्टी जिलाध्यक्ष ने मुख्यमंत्री के पुतला दहन से पार्टी को अलग कर लिया। बोले, इस दिशाएं राष्ट्रीय और प्रदेश नेतृत्व से जिला संगठन को कोई निर्देश नहीं मिला। ये हमारे संगठन का कार्यक्रम नहीं था। सीएम का पुतला किन लोगों ने, कैसे और क्यों फूंका, जानकारी नहीं है। कार्यालय पहुंचे तब घटना की जानकारी हुई।
जहां तक बात शनिवार को हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष का पुतला फूंकने की बात थी, बयान दिया था कि इसकी पुनरावृत्ति होगी तो समाजवादी चुप नहीं बैठेंगे, लेकिन मुख्यमंत्री का पुतला फूंकने का कोई निर्देश संगठन के किसी स्तर से नहीं था।
सपाइयों द्वारा मुख्यमंत्री का पुतला फूंकने पर भारतीय जनता पार्टी जिलाध्यक्ष अजीत सिंह बब्बन ने तीखी प्रतिक्रिया दी। कहा, साहस होता तो चोरों की तरह मुंह छिपाकर नहीं करते। कृत्य निंदनीय है और प्रशासन आवश्यक कार्यवाही करेगा।
भाजयुमो के शनिवार के मूवमेंट को लेकर एक सवाल पर कहा, अगर पार्टी झण्डा नहीं था तो ये ध्यान रखा जाएगा। भाजयुमो कार्यकर्ताओं द्वारा सिनेमा चौराहे के आसपास की दुकानों से बांस और तिरपाल आदि नोच कर अखिलेश का पुतला बना लेने के प्रश्न पर बोले, पुतला बना कर ले जाया गया था, बाकी जानकारी करेंगे। सार्वजनिक स्थान पर पेट्रोल ले जाने के सवाल पर कहा, पेट्रोल नहीं था, मिट्टी तेल या डीजल होगा।
दोनों मामलों को लेकर पुलिस अधीक्षक नीरज जादौन ने भी बयान जारी किया है। कहा, एक राजनीतिक दल ने पूर्व मुख्यमंत्री का पुतला फूंकने का प्लान बनाया था। इस दिशा में जरूरी पुलिस डिप्लॉयमेंट किया गया और पुतला फूंकने से रोका गया था। इस दौरान एक शीट पर आग लग गई थी, जिसे पुलिस ने तत्काल प्रभाव से बुझाया था। रविवार को एक अन्य राजनीतिक दल ने मुख्यमंत्री का पुतला जलाया है, जिला वीडियो वायरल है। इस बारे में सिटी कोतवाली पुलिस आवश्यक वैधानिक कार्यवाही कर रही है।
भले ही रविवार की छुट्टी के सन्नाटे में मुख्यमंत्री का पुतला फूंका गया है, पर कलेक्ट्रेट की चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल लाजिमी ही खड़े हुए हैं। जिलाधीश मंगला प्रसाद सिंह ने कलेक्ट्रेट की सुरक्षा की दृष्टि से घनघोर किलेबंदी कराई हुई है। मुख्य दो द्वार में एक ही खुलता है, जिस पर सुरक्षाकर्मियों की तैनाती है। सवाल है, रविवार को सुरक्षाकर्मी ढीले हो जाते हैं या प्रशासन के दावे ही खोखले हैं।