कानपुर में आज से तीन दिवसीय राष्ट्रवादी साहित्यकारों के समागम की शुरुआत

कानपुर में आज से तीन दिवसीय राष्ट्रवादी साहित्यकारों के समागम की शुरुआत
कार्यक्रम के आयोजक 'राष्ट्रवादी लेखक संघ' ने 10, 11 एवं 12 अप्रैल का समय नियत किया है। यह अनुष्ठान पनकी के गंगागंज स्थित नारायणा विद्यापीठ में हो रहा है।

लखनऊ: देश के राष्ट्रवादी लेखकों, साहित्यकारों, सांस्कृतिकर्मियों एवं फिल्मकारों का पहला जुटान का अनुष्ठान कानपुर में हो रहा है। इसके लिए कार्यक्रम के आयोजक 'राष्ट्रवादी लेखक संघ' ने 10, 11 एवं 12 अप्रैल का समय नियत किया है। यह अनुष्ठान पनकी के गंगागंज स्थित नारायणा विद्यापीठ में हो रहा है। इस सारस्वत कार्यक्रम के संयोजक डॉ. यशभान सिंह तोमर हैं।

राष्ट्रवादी लेखक संघ के राष्ट्रीय संयोजक डॉ. यशभान सिंह तोमर ने बताया कि कानपुर में 10, 11 एवं 12 अप्रैल को राष्ट्रवादी लेखकों एवं शोध अध्येताओं का सम्मेलन एवं फिल्म निर्माण कार्यशाला आहूत की गई है। इसमें उत्तर प्रदेश सहित देश के के विभिन्न प्रांतों के प्रतिनिधि रूप 100 से अधिक लेखकों का आगमन हो रहा है।

उन्होंने बताया कि कोरोना गाइडलाइन के अनुसार सावधानी रखते हुए आयोजन किया जाएगा। 'लेखक सम्मेलन' पूर्वनिर्धारित है, जिसकी रूपरेखा फरवरी में ही बनी थी। उसी के अनुरूप प्रतिभागी लेखकों ने अपना यात्रा आरक्षण करा लिया था। तदानुसार ही उनके आवास एवं भोजन की व्यवस्था की गई है। इस त्रिवदिवसीय लेखक सम्मेलन में लेखकीय विमर्श, भाषिक विमर्श, इतिहास विमर्श, संस्कृति विमर्श, सामाजिक विमर्श एवं विज्ञान विमर्श होना है।

राष्ट्रवादी लेखक संघ के राष्ट्रीय संयोजक डॉ. यशभान सिंह तोमर ने बताया कि फिल्म निर्माण कार्यशाला के दौरान फिल्म/लघु फिल्म/वृत्तचित्र का प्रदर्शन किया जाएगा। इसके अतिरिक्त पुस्तक/पत्रिका की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। इस दौरान कला प्रदर्शनी, काव्य/गीत संध्या एवं लेखक सम्मान समारोह का आयोजन भी किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि इस सम्मेलन में सुविख्यात राष्ट्रवादी चिंतक एवं लेखक मेजर जनरल जीडी बक्शी, बुन्देलखण्ड विकास परिषद के उपाध्यक्ष, खजुराहो अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव समिति के अध्यक्ष वलेव सुविख्यात फिल्म अभिनेता, निर्माता व निर्देशक राजा बुंदेला, 'भारतीय चित्र साधना' के अध्यक्ष एवं 'हरियाणा उच्च शिक्षा परिषद' के अध्यक्ष प्रो. बृजकिशोर कुठियाला, 'भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद' के सचिव प्रो. कुमार रत्नम, 'मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी' के निदेशक डॉ. विकास दवे, सुप्रसिद्ध प्राच्यविद् एवं आईपीएस रहे डॉ. अरुण कुमार उपाध्याय, भुवनेश्वर, भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रतिष्ठान 'भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद' की पत्रिका 'गगनांचल' के संपादक डॉ. आशीष कन्धवे शामिल हो रहे हैं।

डॉ. यशभान सिंह तोमर ने बताया कि अयोजन में 'उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान' के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. राजनारायण शुक्ल, 'हिंदुस्तानी अकादमी' प्रयागराज के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. उदय प्रताप सिंह, 'रामायण केंद्र' भोपाल के निदेशक डॉ. राजेश श्रीवास्तव, 'कभी खुशी-कभी गम' फिल्म के गीतकार एवं दिल तो बच्चा है/72 हूरें/ कलेण्डर गर्ल/अगली और पगली के पटकथा लेखक अनिल पाण्डेय, चर्चित फिल्म तौबा तेरा जलवा व बाल फिल्म 'नानी तेरी मोरनी' के निर्देशक आकाश आदित्य लांबा, सामाजिक समरसता के लिए संघर्षरत चर्चित राष्ट्रवादी चिंतक शांत प्रकाश जाटव, भारतीय जनसंचार संस्थान, अमरावती के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. अनिल सौमित्र, सुप्रसिद्ध लेखक, पूर्व सैन्य व प्रशासनिक अधिकारी राघवेन्द्र विक्रम सिंह, सुप्रसिद्ध कवि, लेखक व समीक्षक डॉ. आनंद कुमार सिंह, सुप्रसिद्ध कवयित्री, लेखिका एवं वृत्तचित्र-दूरदर्शन फिल्म निर्देशिका डॉ. स्वर्ण अनिल, सुप्रसिद्ध लेखक मेजर सरस त्रिपाठी सहित अन्य लेखक और संस्कृतिकर्मी इस सारस्वत अनुष्ठान में शामिल हो रहे हैं।

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