उप्र चुनाव में राम और रोटी सब मुद्दों पर भारी, भाजपा गदगद

उप्र चुनाव में राम और रोटी सब मुद्दों पर भारी, भाजपा गदगद
सतीश जोशी

उत्तरप्रदेश/वेब डेस्क। विधानसभा चुनाव में राम, रोटी और दवाई भी भाजपा की ओर से चुनाव लड रहे हैं। राम तो अपनी भूमिका कयी बार दोहरा चुके। पहली बार रोटी, दवाई (आयुष्मान कार्भाड) भाजपा के नये प्रचारक हैं। कोरोना में सरकार की नाकामी गिनाने वालों के स्वर की तुलना में मोदीयोगी की कोरोना से लडने की रणनीति अपना रोल चुपचाप निभा रही है। वह भीड का स्वर न बना हो पर उसने व्यक्ति पर भावनात्मक असर छोडा है, शायद वह चुनाव परिणाम में भी दिखे। सबसे ज्यादा तो रोटी खूब प्रभाव छोड रही है। यह रोटी राशन की दुकान से निकलकर वीवीपेड मशीन तक कितनी पहुंचती है, यह देखने वाली बात होगी, पर हां, चुनाव मैदान में जमकर खम ठोंक रही है, रोटी। मतदान केन्द्रों से वोट देकर बाहर आ रहे मतदाताओं की प्रतिक्रिया साफ बताती है कि रोटी ने खूब असर छोडा है।

सुरक्षा और आयुष्मान कार्ड के स्वर भी उभरे, कानून व्यवस्था ने भी मोदी-योगी के लिए काम किया, पर बेरोजगारी, गिरती अर्थ व्यवस्था का भी बडा असर देखा गया। उनका चुनाव परिणाम में कितना रोल होगा यह भी विश्लेषण किया जा रहा है। भाजपा की सीटों में कमी का अनुमान उसी आधार पर है। पर रोटी सबसे ज्यादा प्रभावी असर डाल रही है। अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर भी उसी दिशा में मददगार है। पर वह पहली बार नहीं है। इसी तरह आजादी के बाद से ही बेरोजगारी साारूढ दलों की नींद उडाते रहे हैं। महंगाई भी अपना प्रभाव छोड़ती रही है। आलू के भाव तो सरकारो को अपना ग्रास बना चुके हैं बहरहाल दस मार्च को ही पता चलेगा कि किस मुद्दे ने या गुल खिलाया। अभी तो समझें की रोटी भाजपा के लिए यों महत्वपूर्ण हो गयी। यह योजना है या?

मोदी की पहली रोटी

सत्तारूढ़ भाजपा इसे अपनी सबसे बड़ी ताकत मान रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ और बीजेपी के सभी नेता अपने भाषण में इस मुत राशन वितरण योजना का जिक्र जरूर करते हैं। वहीं विपक्ष के नेता इस पर सवाल खड़ा करते चुनाव बाद इस व्यवस्था बंद होने की बात कहते हैं, पर साथ ही इसी तरह की योजना लाने का वादा भी करते हैं।

गरीब कल्याण योजना

दरअसल केन्द्र सरकार की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना से यूपी के करोड़ों लोगों को महीनों से मुत अनाज वितरित किया जा रहा है। सरकारी आंकड़ों पर नजर डालें तो प्रदेश के सभी 75 जिलों में इस योजना का लाभ 14.96 करोड़ से अधिक लोगों को मिल रहा है। केन्द्र सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान 26 मार्च 2020 को 21 दिन के लॉकडाउन को ध्यान में रखते हुए जिस योजना को गरीब जनता के लिए शुरू किया था, उसका लाभ यूपी की जनता को मार्च, 2022 तक मिलता रहेगा।

योगी ने एक रोटी और जोड़ दी

महामारी के दौर में शुरू हुई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना पिछले साल (नवंबर, 2021) में खत्म हो रही थी। इसको देखते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने केन्द्र सरकार की योजना के साथ भागीदार बनकर यूपी की जनता के लिए अयोध्या से राज्य सरकार की ओर से होली तक मुत राशन वितरण (एक रोटी और) किये जाने का ऐलान किया। उसके बाद से यूपी के पात्र कार्ड धारकों को हर महीने डबल डोज के रूप में 10 किलो राशन मुत दिया जाने लगा। केंद्र ने भी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को मार्च 2022 तक बढ़ा दिया। गरीब को सीधा लाभ: सरकार की योजना का सीधा लाभ अंत्योदय और पात्र घरेलू राशन कार्ड धारकों को मिला। गरीबों, मजदूरों और किसानों को बड़ा सहारा देने के लिए शुरू हो रहे इस अभियान की निगरानी अफसरों के साथ सांसद और विधायकों को दी गई। यूपी सरकार राशन कार्ड धारकों को महीने में दो बार गेहूं और चावल मुफ्त दे रही है। साथ ही दाल, खाद्य तेल और नमक भी मुफ्त मिल रहा है। यूपी में केन्द्र की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत वितरित किये जा रहे मुफ्त राशन कार्ड धारकों की कुल संख्या 3.62 करोड़ है और इस योजना से लाभान्वित होने वालों की संख्या 14.96 करोड़ है। प्रदेश में एक महीने में 4.46 एलएमटी गेहूं का वितरण और 2.97 एलएमटी चावल वितरित किया जाता है। आधार अधारित 3.61 करोड़ कुल राशन कार्ड धारकों के माध्यम से 14.88 करोड़ लोगों को जबकि 0.41 करोड़ ्रङ्घ (अन्त्योदय अन्न योजना) कार्ड धारक भी इसका लाभ उठा रहे हैं। प्रदेश में अन्त्योदय अन्न योजना के लाभार्थियों की संख्या 1.32 करोड़ है। यूपी में कुल 3.21 करोड़ क्क॥॥ (पात्र गृहस्थी कार्ड धारक) हैं। जिनके 13.64 करोड़ से अधिक लाभार्थी योजना का लाभ उठा रहे हैं।

(लेखक एक सांध्य दैनिक के समूह सपादक हैं।)

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