संभल में बवाल: शाही जामा मस्जिद में सर्वे करने पहुंची टीम पर पथराव, पुलिस ने छोड़े आंसू गैस के गोले
Sambhal Jama Masjid Survey: उत्तर प्रदेश। संभल कीजामा मस्जिद में सर्वे को लेकर गुस्साए लोगों ने पुलिस पर पथराव किया है। भीड़ को भगाने के लिए पुलिस की तरफ से आंसू गैस के गोले छोड़े हैं। कोर्ट के आदेश के बाद जब आज दूसरी बार सर्वे करने के लिए टीम फिर से पहुंची तो भीड़ भड़क गई और भीड़ ने पुलिस पर हमला कर दिया।
इलाके में तनाव
गुस्साए लोगों की भीड़ ने पुलिस पर पत्थरबाजी की गई और जमकर धक्का-मुक्की हुई। इस घटना का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें पुलिस और एसपी हेलमेट पहने नजर आ रहे हैं, जबकि दूसरी तरफ से पत्थरबाजी की जा रही है। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने हवाई फायरिंग भी की, लेकिन बताया जा रहा है, दूसरी ओर से भी फायरिंग की गई थी। पूरे इलाके में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।
रविवार को हो रहा था दूसरी बार सर्वे
सर्वे टीम रविवार (24 नवंबर ) सुबह जामा मस्जिद के अंदर दाखिल हुई थी, तो लगभग एक घंटे तक हालात सामान्य थे, लेकिन अचानक भीड़ आ गई और पुलिस के साथ बहस शुरू हो गई। इस दौरान संभल के एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई और डीएम डॉ. राजेंद्र पेंसिया ने मोर्चा संभाला और आक्रोशित भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस छोड़ी।
जब डीएम और एसपी भीड़ को समझाने के लिए पहुंचे, तो भीड़ ने नारेबाजी शुरू कर दी। जामा मस्जिद के आसपास के इलाके में इकट्ठी हुई भीड़ को हटाने के लिए मस्जिद के सदर ने मस्जिद के अंदर से ऐलान किया, लेकिन भीड़ नहीं हटी और थोड़ी देर बाद पत्थरबाजी शुरू हो गई।
आदित्य सिंह की कोर्ट ने जामा मस्जिद के सर्वे का आदेश दिया
बता दें कि, संभल में जामा मस्जिद का सर्वे करने के लिए आज एडवोकेट कमिश्नर की टीम दूसरी बार पहुंची थी। इससे पहले 19 नवंबर को संभल जिले के चंदौसी स्थित सिविल जज (सीनियर डिवीजन) आदित्य सिंह की कोर्ट ने जामा मस्जिद के सर्वे का आदेश दिया था। अदालत ने ‘एडवोकेट कमीशन’ गठित करने के निर्देश दिए थे, ताकि सर्वे के दौरान वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की जा सके और रिपोर्ट अदालत में दाखिल की जा सके।
इस मामले में एएसआई ,उत्तर प्रदेश सरकार, जामा मस्जिद कमेटी और संभल के जिलाधिकारी को पक्षकार बनाया गया है। याचिकाकर्ता अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा, “संभल में हरिहर मंदिर हमारी आस्था का केंद्र है। हमारी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यहां कल्कि अवतार होना है। साल 1529 में बाबर ने मंदिर को तोड़कर मस्जिद में बदलने की कोशिश की थी।
यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा संरक्षित क्षेत्र है, जिसमें किसी भी तरह का अतिक्रमण नहीं हो सकता। वहां बहुत सारे निशान और संकेत हैं जो हिंदू मंदिर के हैं। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए अदालत ने यह आदेश जारी किया है।
कड़ी सुरक्षा के बीच जुमे की नमाज
इससे पहले 19 नवंबर को पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच शाही जामा मस्जिद में जुमे की नमाज अदा की गई थी। पुलिस ने सात थानों के पुलिसकर्मियों, पीएसी और ड्रोन कैमरों का सहारा लिया था ताकि स्थिति नियंत्रण में रहे।