मैं सरकार को धन्यवाद देता हूं: आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को मिल रहा आवास, सरकार का जताया आभार

आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को मिल रहा आवास, सरकार का जताया आभार
X

PMAY Benifits for Balrampur Surrendered Naxali : बलरामपुर। छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में एक अनूठी पहल देखने को मिली है, जहां पहली बार आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों और नक्सली हिंसा से प्रभावित लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) की विशेष परियोजना के तहत लाभ दिया जा रहा है। यह कदम नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति और पुनर्वास की दिशा में एक सकारात्मक प्रयास माना जा रहा है। इस योजना से न केवल आत्मसमर्पित नक्सलियों को नई जिंदगी मिल रही है, बल्कि उनके परिवारों को भी सामाजिक मुख्यधारा में लौटने का अवसर मिल रहा है।

आत्मसमर्पित नक्सली की कहानी

आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली सीताराम सोनवानी ने अपनी जिंदगी के अनुभव साझा करते हुए बताया, "मैं 1999 में एक नक्सली संगठन में शामिल हो गया था। मेरी पत्नी ने मुझे इस संगठन को छोड़ने के लिए बार-बार प्रेरित किया। इसके बाद हम 15 साल तक असम में रहे। आखिरकार, मैंने आत्मसमर्पण कर दिया और अपने अतीत के अपराधों के लिए 14 महीने जेल में भी रहा।

आज मेरा परिवार पीएमएवाई के तहत मिले घर में खुशी से रह रहा है। मैं सरकार का इसके लिए दिल से धन्यवाद देता हूं।" सीताराम की यह कहानी उन लोगों के लिए प्रेरणा बन सकती है, जो नक्सली गतिविधियों से उबरकर नई जिंदगी शुरू करना चाहते हैं।

विशेष परियोजना के तहत लाभ

जिला पंचायत बलरामपुर की मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) नयनतारा सिंह तोमर ने इस पहल की जानकारी देते हुए कहा, "विशेष परियोजना के तहत पीएमएवाई का लाभ उन लोगों को दिया जा रहा है, जो नक्सली हिंसा से प्रभावित हुए हैं या फिर आत्मसमर्पित नक्सलियों में शामिल हैं।

हमें 77 लोगों की सूची प्राप्त हुई थी, जिसमें से 30 लोगों को पात्र पाया गया। इनमें से 23 को पहले ही आवास की स्वीकृति दे दी गई है। शेष 7 लोगों के लिए तकनीकी कमियों को दूर करने की प्रक्रिया चल रही है, जिसके बाद उन्हें भी लाभ मिलेगा।" यह योजना नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आर्थिक और सामाजिक स्थिरता लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बदलाव

बलरामपुर जिला नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शामिल रहा है, जहां लंबे समय से हिंसा और अशांति की समस्या रही है। आत्मसमर्पण नीति और पुनर्वास कार्यक्रमों के तहत कई नक्सलियों ने हथियार डाले हैं। पीएमएवाई की विशेष परियोजना इन लोगों को सम्मानजनक जीवन प्रदान करने का एक प्रयास है।

बलरामपुर में पीएमएवाई की विशेष परियोजना नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति और विकास की एक नई किरण बनकर उभरी है। सीताराम सोनवानी जैसे आत्मसमर्पित नक्सलियों और उनके परिवारों के लिए यह योजना न केवल एक घर दे रही है, बल्कि उन्हें समाज की मुख्यधारा में वापस लाने का अवसर भी प्रदान कर रही है। यह पहल नक्सलवाद से प्रभावित लोगों के पुनर्वास और राज्य में शांति स्थापना की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।

सरकार की पहल

छत्तीसगढ़ सरकार और केंद्र सरकार मिलकर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास और शांति की दिशा में काम कर रही हैं। बता दें कि, 2023 से शुरू किए गए इस विशेष प्रोजेक्ट के तहत अब तक कई परिवारों को लाभ मिल चुका है। नक्सलियों के आत्मसमर्पण को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने पुनर्वास पैकेज, आजीविका के अवसर, और आवास जैसी सुविधाएं प्रदान की हैं।

Tags

Next Story