बूथ विस्तारक अभियान, भाजपा के संगठन और देश के लोकतंत्र सशक्तिकरण कारण बनेगा

बूथ विस्तारक अभियान, भाजपा के संगठन और देश के लोकतंत्र सशक्तिकरण कारण बनेगा
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लेखक - रजनीश अग्रवाल, प्रदेश मंत्री भारतीय जनता पार्टी

स्वदेश वेबडेस्क। भारतीय जनता पार्टी के बूथ पर सशक्तिकरण का कार्य करने वाले कार्यकर्ताओं से प्रत्यक्ष और तकनीक के माध्यम से देशभर के 10 लाख से ज्यादा बूथों पर संवाद स्थापित करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मात्र भाजपा संगठन की ही नहीं बल्कि देश के लोकतंत्र के सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। भोपाल में मेरा बूथ सबसे मजबूत कार्यक्रम के संदर्भ में अमेरिका जाने से पहले उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा था कि "27 जून को भोपाल में आयोजित ‘मेरा बूथ, सबसे मजबूत’ कार्यक्रम हमारी सकारात्मक राजनीति को एक नया संकल्प और एक नई शक्ति प्रदान करने वाला है। यह दिन दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के लिए समर्पित भाजपा के लाखों ऊर्जावान कार्यकर्ताओं से संवाद का साक्षी बनेगा।"

रजनीश अग्रवाल, प्रदेश मंत्री भारतीय जनता पार्टी।

इस संदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का इस अभियान के पीछे एक व्यापक उद्देश्य छिपा हुआ है जो भा जा पा ही नहीं बल्कि देश की राजनीति और लोकतंत्र में अपना अमूल्य योगदान देने वाला है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा की अपेक्षा को साकार करते हुए भारतीय जनता पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और मध्यप्रदेश संगठन के शिल्पी श्रद्धेय कुशाभाऊ ठाकरे का जन्मशताब्दी वर्ष ‘‘संगठन-पर्व’’ के रूप में भाजपा की मध्यप्रदेश इकाई ने 2021- 22 में आयोजित किया था। इस संगठन पर्व में संगठन के सुदृढ़ीकरण और विस्तार हेतु बूथ विस्तारक योजना जनवरी- फरवरी 2022 में चलाई गई। इस योजना के अंतर्गत शक्ति केन्द्र पर दो विस्तारक 10 दिन, 10 घंटे यानि कुल-100 घंटे समय दान कर बूथ की समिति पुर्नगठन करते हुए साथ ही डिजिटलीकरण करते हुए संगठन एप में और भौतिक तौर पर पंजी में अंकित करने का कार्य किया। यह अभूतपूर्व अभियान रहा। सामान्य तौर पर चुनाव के अलावा किसी राजनीतिक दल की बूथ पर इस प्रकार होने वाली गतिविधि पहली और प्रभावी थी। बूथ विस्तारक अभियान का दूसरा चरण मार्च 2023 में चलाया गया जिसके तहत पार्टी ने प्रमुख तौर पर पन्ना प्रमुख मध्यप्रदेश में पृष्ठ प्रमुख (मतदाता सूची के एक पृष्ठ में सामान्य तौर पर 30 मतदाता अंकित होते हैं) बनाने और पन्ना समिति गठित करने का कार्य किया इन कार्यकर्ताओं का भी संगठन एप के द्वारा डिजिटलीकरण किया गया बूथ समिति और पन्ना समिति के इन कार्यकर्ताओं का 33 लाख से ऊपर कार्यकर्ताओं का समग्र डाटा संगठन ऐप के माध्यम से दर्ज हुआ दूसरे चरण में भत समिति में आवश्यक परिवर्तन और कमियों को दूर करने का भी कार्य हुआ।

‘बूथ विस्तारक योजना’ बूथ पर कार्यकर्ताओं का डिजिटली डेटा कलेक्शन करने मात्र की योजना नहीं अपितु कार्यकर्ता सशक्तिकरण और नेतृत्व विकास की प्रक्रिया का महत्वपूर्ण आयाम रही है। लोकतंत्र में किसी राजनैतिक दल का सशक्तिकरण तभी संभव है जब राजनैतिक दल में अधिकतर कार्यकर्ताओं की सहभागिता हो। इसी कारण लोकतंत्र का सशक्तिकरण भी होता है। जब दल में सर्वस्पर्शी और सर्वव्यापी कार्यकर्ता हों और समाज की प्रतिभा दलों में स्थान और सम्मान पाकर नेतृत्व की प्रक्रिया से गुजरने लगे तो निश्चित ही दल का ही नहीं अपितु लोकतंत्र का भला भी होता है। इस योजना में बूथ पर कार्य करने वाले कार्यकर्ताओं को चुनाव के अलावा भी सम्मान (Respect) पहचान (Recognition) और दायित्व (Responsibility) देने का कार्य हुआ है। इनका महत्व मात्र चुनावी राजनीति के लिए नहीं बल्कि सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन के अहम उपकरण के तौर पर भी सिद्ध करने के लिए भारतीय जनता पार्टी करती रही है। जिसमें डिजिटलीकरण के कारण गुणात्मक और परिणामकारी प्रभाव आने वाला है। तकनीक से शुद्धता (Accuracy), निष्पक्षता और प्रमाणिकता बढ़ती है।

लोकतंत्र में किसी भी दल में संवाद एक जरूरी व्यवस्था होती है। लगातार संवाद और सीधा संवाद संदेश की स्पष्टता के साथ होने के कारण दल अपने उद्देश्य को आसानी से प्राप्त करने में सक्षम हो पाता है। स्वाभाविक है तकनीक के इस युग में बूथ पर काम करने वाली कार्यकर्ताओं की टोली का डिजिटलीकरण होने से नेतृत्व के साथ द्वितरफा सीधा संवाद बनने का प्रबंध आसान हुआ है। बढ़ती पार्टी और सत्ता रूढ़ पार्टी होने के कारण बूथ पर कार्य करने वाला कार्यकर्ता एक अहम कड़ी बन जाता है जो जनता और संगठन या सरकार के बीच सेतु का कार्य करता है। अतएव संवाद की घनिष्ठता और सतत् होने के साथ ही संदेश की स्पष्टता बहुत आवश्यक रही है। जिसमें डिजिटलीकरण के कारण तेजी आयेगी।

राजनीतिक विज्ञानी और चुनाव के विश्लेषक कई बार यह बात कह चुके है कि लोकतंत्र के सफल और सार्थक होने के लिए मतदाताओं का राजनीतिक शिक्षण होना बहुत जरूरी है। भाजपा इस मान्यता की हामी है। इसी कारण अपनी विचारधारा, सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों और नीतियों पर कार्यकर्ता प्रशिक्षण की एक सुनियोजित परंपरा विकसित की है। जब इस प्रक्रिया का हिस्सा बूथ अध्यक्ष, महामंत्री और बूथ लेवल एजेंट बनेगा तो निश्चित ही जनता को राजनीतिक शिक्षण करने में आसानी होगी। सरकार का आंकलन विकास, सुशासन और जन कल्याणकारी योजनाओं पर जनता करती ही है, साथ ही साथ मुद्दों और नीतियों के संदर्भ में भी जनता तक संगठन रचना से सीधी और सही बात पहुंचनें की, समझने और समझाने की एक तकनीकी व्यवस्था को अपनाने का उपक्रम भी भाजपा ने किया है। इस पूरी प्रक्रिया में कार्यकर्ता सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन का उपकरण बनने के लिए तैयार हो जाता है। सरकार अपनी योजनाओं और लक्ष्यों को तभी सिद्ध कर पाती है जब जनभागीदारी बढ़ती है। विकास एक अभियान बनता है। सेवा और जनकल्याण आंदोलन का रूप धरता है और जनभागीदारी बढ़ाने का प्रबंध और प्रक्रिया बनाने का श्रेयस्कर कार्य बूथ सशक्तिकरण से आसानी से हो सकेगा।

बूथ पर नेतृत्वकर्ता जब वैचारिक प्रतिबद्धता और कल्याणकारी भावना के साथ आगे बढ़ता है तो वह नेतृत्व विकास की प्रक्रिया से भी गुजरता है। अपने गांव के बूथ से लेकर बस्ती का नेतृत्व करते हुए संगठन के माध्यम से वह भौगोलिक दायरा भी बढ़ाता है। इसी पद्धति से भारतीय जनता पार्टी ने अपने लंबे नेतृत्व की श्रंख्ला प्राप्त की है। पोस्टर चिपकाने के उदाहरण और बूथ पर काम करने के संस्मरण रखने वाले श्री अमित शाह और श्री नितिन गडकरी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने है। स्थान-स्थान पर भाजपा में ऐसे सैकड़ों उदाहरण दिखाई पड़ते है। आज का बूथ अध्यक्ष कल का राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हो सकता है यह महज एक नारा नहीं है बल्कि भाजपा में ऐसा होता रहा है। नेतृत्व के उद्भव और विकास की पद्धति और परंपरा जितनी वैचारिक और संगठनमयी भाजपा में है लोकंतत्र में किसी दूसरे राजनीतिक दल में ऐसी व्यवस्था दिखाई नहीं पड़ती है। सर्वस्पर्शी और सर्वव्यापी के उद्देश्य सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास और सबका विश्वास के लक्ष्य को साधने के लिए तकनीक के इस युग में जीरो एरर के साथ डिजिटलीकरण की यह व्यवस्था भाजपा की मंशा को पूरा करने वाली बनेगी।

कोई भी तकनीक निर्दोष और निरपेक्ष होती है लेकिन एक वैचारिक अवधारणा के साथ इस तकनीक का उपयोग सिद्ध किया जाये तो यह वैचारिक अधिष्ठान का हिस्सा बन जाती है। भाजपा ने लोकतंत्र के सशक्तिकरण के लिए संगठन के सुदृढ़ीकरण और समाज के राजनैतिक शिक्षण को सिद्ध करने का एक महत्वपूर्ण पड़ाव प्राप्त किया है। श्रद्धेय कुशाभाऊ ठाकरे जन्मशती वर्ष में शुरू हुआ यह कार्य का महत्व दशकों तक प्रतिपादित होता दिखाई देगा।

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