कांग्रेस को तोड़ने में कमलनाथ - दिग्विजय सिंह की पूरी भूमिका
- किसी के आरोप से न मैं चोर और न ईमानदार हो सकता
- भाजपा संस्कारवान और अनुशासित पार्टी
ग्वालियर, राजीव अग्रवाल। कांग्रेस में रहते ग्वालियर विधानसभा से दो बार विधायक चुने गए प्रद्युम्न सिंह तोमर को इस बार कमलनाथ मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री भी बनाया गया था। सवा म के कार्यकाल में श्री तोमर की कैबिनेट बैठकों में सीधे मुख्यमंत्री कमलनाथ से कई बार गर्मा-गर्मी भी हुई। सफाई व्यवस्था को लेकर उन्होंने न सिर्फ अपनी ग्वालियर विधानसभा, बल्कि अन्य शहरों में जाकर नाला सफाई जैसा कार्य किया। ग्वालियर में विकास योजनाओं को आगे बढ़ाने का कार्य किया तो सरकार की ओर से पर्याप्त धनराशि न दिया जाना आड़े आने लगा। जिससे उनकी मंत्रिमंडल में असमंजस पूर्ण स्थिति रही। इस बीच उनके नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी कांग्रेस में उचित सम्मान और पद न मिलने से वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं विशेषकर कमलनाथ एवं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से दूरियां दिखाई देने लगीं। सिंधिया ने जब किसानों के कर्ज माफी और अतिथि शिक्षकों के मानदेय को लेकर सड़क पर उतरने की बात कही तो मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी कह दिया कि उतरना है तो उतर जाएं। बस यहीं से कांग्रेस के टूटने की शुरूआत हो गई। यह कहना है मंत्री पद त्याग कर भाजपा में शामिल हुए प्रधुम्न सिंह तोमर का। पिछले 20 दिन में राजनीतिक उठापटक और वे कहां रहे। इस सहित तमाम राजनीतिक मुद्दों पर स्वदेश ने उनसे चर्चा की।
सवालः अब आप भाजपा में
आ गए हैं, यहां आकर कैसा लग रहा है।
जवाबः भाजपा में आकर अच्छा लग रहा है। यह एक संस्कारवान एवं अनुशासित पार्टी है, इसका सेवाभाव का इतिहास रहा है।यहां काम करने का पूरा अवसर मिलेगा।
सवालः भाजपा की सरकार बने 15 दिन हो गए हैं, सरकार कैसा कार्य कर रही है,क्या आम लोगों के काम हो रहे हैं ?
जवाबः कोरोना वायरस के चलते मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आम एवं गरीबों के लिए सरकार के सारे दरवाजे खोल रखे हैं। गरीबों को निशुल्क राशन, दिहाड़ी मजदूरों को 1000 रुपए, उज्वला योजना में महिलाओं को निशुल्क गैस सिलेंडर और जनधन खातों में राशि पहुंच रही है। सरकार आत्मविश्वास में है कि वह आमजन के पूरे कार्य करेगी।
सवालः कांग्रेस यह आरोप लगा रही है कि कांग्रेस से मंत्री और विधायक पद छोड़ने के एवज में आपने मोटी धनराशि ली है, इसमें कितनी सच्चाई है?
जवाबः साफ बोलूंगा, मैं चोर हूं या ईमानदार, किसी के कहने से नहीं हो सकता।
सवालः कांग्रेस को तोड़ने और सरकार गिराने में किसकी भूमिका रही ?
जवाबः कांग्रेस की सरकार बनने के बाद कार्यकर्ता पन्द्रह महीने ठोकरें खाता रहा। वह अपनी पत्नी का तबादला तक नहीं करा पा रहा था। ब्लॉक और मंडलम अध्यक्ष नेताओं के यहां चक्कर लगाते लगाते थक गए। किंतु रेत खदानों पर
माफिया का राज चलता रहा। करोड़ों रुपए का राजस्व शासन को मिलना था, उसे लूटा गया। कार्यकर्ता ठगा रह गया। जब हमारे नेता श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अतिथि शिक्षकों एवं किसानों के कर्जमाफी के लिए सड़क पर उतरने की बात की तो कमलनाथ बोलते हैं किसने रोका है उतर जाएं। ऐसे मैं सम्मान की खातिर सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ी तो हमने भी अपने नेता के सम्मान के लिए मंत्री पद का त्याग कर दिया। ऐसे में कांग्रेस को तोड़ने का असली काम कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने किया। उन्होंने सिंधिया को रोकने के बजाय उनका लगातार अपमान किया। सरकार अल्पमत में आई तो कुर्सी से चिपकने का काम किसने किया।
सवालः मंत्री रहते ग्वालियर विकास के लिए आपने क्या कार्य किए ?
जवाबः हमने ग्वालियर में अच्छी सड़कें, उद्योगों का विकास, युवाओं को रोजगार, स्वच्छ पानी, और एक हजार बिस्तर के नए अस्पताल के लिए काफी प्रयास किए। किंतु कैबिनेट बैठक में छिंदवाड़ा को तो मिलते थे 5000 करोड़, किंतु ग्वालियर, भिंड, मुरैना, शिवपुरी,गुना, अशोकनगर, दतिया, जैसे क्षेत्रों के लिए कोई पैसा नहीं दिया जाता था। जिसपर हमारी मुख्यमंत्री से नौकझोंक भी होती रही। हमें जनता ने लोकतंत्र के मंदिर में भेजा था, विकास कार्य कराना हमारा कर्तव्य था, किंतु कांग्रेस सरकार में वह संभव नहीं हो सका।
सवालः भाजपा में आने से पूर्व आपको क्या आश्वासन मिला है, कब तक मंत्रिमंडल का गठन होगा?
जवाबः मंत्रिमंडल का गठन मुख्यमंत्री का विवेकाधिकार है, हमें कोई आश्वासन नहीं मिला है।
सवालः ऐसा माना जा रहा है कि उपचुनाव में आप ग्वालियर विधानसभा से भाजपा के उम्मीदवार होंगे। क्या भाजपा के पुराने कार्यकर्ता और चुनाव लड़ चुके प्रत्याशी आपका साथ देंगे।
जवाबः भाजपा का प्रत्येक कार्यकर्ता चुनाव प्रचार में निकलेगा।
सवालः कमलनाथ और दिग्विजय सिंह का दावा है कि उपचुनाव में सभी 22 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस जीतकर आएगी और 15 अगस्त को झंडा कमलनाथ ही फहराएंगे।
जवाबः यह उनका सपना है जो कभी पूरा नहीं होने वाला।
सवालः लगभग 20- 22 दिनों के लंबे अंतराल के बाद आप ग्वालियर लौटे हैं। जनता की किस तरह मदद कर रहे हैं।
जवाबः जनकल्याण संघर्ष मोर्चा एवं सिंधिया विचार मंच के बैनर तले ग्वालियर विधानसभा के अलावा अन्य जगह के गरीब लोगों को निशुल्क राशन एवं भोजन पैकेट वितरित कराए जा रहे हैं। साथ ही प्रशासन से भी आमजन की मदद कराने जुटा हुआ हूं। संकट के ऐसे वक्त में कांग्रेस का कोई भी नेता जनता की सुध लेने आगे आता दिखाई नहीं दे रहा है।