कोरोना वायरस की दूसरी लहर है ज्यादा तीव्र: डॉ. राजेश गुप्ता
ग्वालियर/वेब डेस्क। कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने समूचे विश्व में एक विकराल रूप धारण किए हुए है। इस बार भारत व साउथ एशिया के देशों में इसका प्रकोप ज्याता है। भारत में 21,57,000 लोग इस समय कोरोना वायरस से ग्रस्त हैं व यह आकड़ा पिछले वर्ष से दोगुना है। भारत में रोजाना दो लाख से अधिक लोग कोविड-19 से ग्रस्त हो रहे हैं।
कोरोना वायरस में निरंतर बदलाव हो रहा है व भारत में इसके 771 रूप हैं। इस वायरस में बदलाव होने के कारण यह अधिक घातक व तीव्रता से फैल रहा है। महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, कर्नाटक में यह अधिक विकराल रूप लेता जा रहा है। महाराष्ट्र सरकार ने वायरस सैम्पल की जीनोम सीक्वेंसिंग की 61 प्रतिशत लोगों में यही नया वायरस पाया गया। यह डबल क्यूटेंट वायरस इनता प्रभावशाली है कि स्वस्थ व्यक्ति को भी रोगग्रस्त कर सकता है। सरकार द्वारा कोरोना वायरस नियमों में दी गई छूट व लोगों को मास्क पहनने में उदासीनता तथा शारीरिक दूरी में लापरवाही बरतना भी इसके लिए जिम्मेदार हैं।
नए वायरस में क्या अंतर है?
डबल क्यूटेंट वायरस अब अधिक ताकतवार हो गया है व यह अच्छी रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को भी रोगग्रस्त करने में सक्षम है। इसलिए अब बच्चे व युवा भी इसका अधिक शिकार बन रहे हैं। वायरस के लक्षणों में भी अब परिवर्तन हो गया है। जैसे पहले बुखार आना, सूखी खांसी होना, मांसपेशियों में दर्द, सुगंध व स्वाद की क्षमता खोना जैसे लक्षण पाए जाते थे। लेकिन अब नए स्टे्रन में मुंह सूखना, पेट में दर्द, भूख न लगना, उल्टी होना या इच्छा करना, दस्त होना, संक्रमण के कारण आंखों का लाल होना, गैस बनना व सिरदर्द होना इसके नए लक्षण हैं। सांस फूलना, छाती में दर्द या भारीपन बना रहना, तेज बुखार होना व उलझन होना जैसे लक्षण अधिक संक्रमण दर्शाते हैं। ऐसे में तत्काल चिकित्सकीय मार्गदर्शन आवश्यक है। हालांकि गंभीर संक्रमण वाले रोगियों की संख्या काफी कम है व घर पर एकांतवास में रहकर व चिकित्सकीय परामर्श लेकर भी स्वास्थ्य लाभ लिया जा सकता है।
संक्रमित होने पर क्या करें?
सर्वप्रथम स्वयं को परिवार से अलग करें व अपने उपयोग की सारी वस्तुएं उनसे प्रथक कर लेंं, ताकि वह संक्रमित न हों। चिकित्सकीय परामर्श लेकर उसका पालन करें, परिवार के सदस्यों को दूसरे कमरे में रखें व उनका मास्क पहनना आवश्यक है। गंभीर रोगियों को ही अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता पड़ती है।
रेमडिसिवीर क्या सबके लिए आवश्यक है?
रेमडिसिवीर इंजेक्शन या अन्य एंटी वायरस दवाइयां केवल चिकित्सकीय परामर्श से केवल मध्यम संक्रमित व गंभीर संक्रमित लोगों के लिए आवश्यक है। मामूली लक्षणों व बिना लक्षणों वाले कोरोना संक्रमित लोगों के लिए यह दवा आवश्यक नहीं है। इस दवा को लेकर जो भ्रम का माहौल बना हुआ है, उसे दूर करना अत्यंत आवश्यक है। घर में रहकर इलाज ले रहे रोगियों के लिए इस दवा का कोई उपयोग नहीं है।
ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी है, क्या करें?
हर कोरोना वायरस से संक्रमित रोगी को ऑक्सीजन की जरूरत नहीं पड़ती है। एक स्वस्थ व्यक्ति रक्त में ऑक्सीजन के प्रवाह की रीडिंग 95 प्रतिश से 100 प्रतिश(एसपी02) होती है। यदि कोरोना संक्रमित व्यक्ति का एसपी02 का आकड़ा 95 प्रतिशत या उससे अधिक है तो उसे ऑक्सीजन की बिलकुल भी जरूरत नहीं है। यदि पल्स ऑक्सी मीटर की रीडिंग 94 प्रतिशत दिखाती है तो तुरंत चिकित्सकीय परामर्श लें व यदि एसपी 02 का आकड़ा 90 प्रतिशत है तो रोगी को तुरंत अस्पताल में भर्ती करना पड़ता है व ऐसे गंभीर रोगियों को ही ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है अन्य को नहीं। पल्स ऑक्सीमीटर द्वारा प्रत्येक रोगी को दिन में तीन बार अपना एसपी 02 लेबल जांचना चाहिए। यदि एसपी 02 लेबल कम होता है व यदि सांस लेने में परेशानी होती है व उलझन हो रही है तो तुरंत चिकित्सकीय मार्गदर्शन लें।
कोरोना से बचाव के लिए क्या करें?
कोरोना से बचने के लिए घर पर ही रहें, मास्क लगाएं, शारीरिक दूरी का पालन करें, संतुलित आहार लें, नियमित व्यायामं व योग करें। रोग-प्रतिरोधक क्षमता को सुदृढ़ करने के लिए होम्योपैथिक एवं आयुर्वेदिक दवाओं का सेवन करें। चिकित्सक की सलाह के बिना कोई दवा का उपयोग न करें। मन को भयमुक्त एवं शांत रखने के लिए ध्यान लगाएं व योगाभ्यास करें। मन के हारे हार है, मन के जीते जीत। यदि आपने ठान लिया है तो आप निश्चित ही कोरोना को मात दे सकते हैं।
क्या वैक्सीन लगवानी चाहिए?
जी हां वैक्सीन लगवाने से शरीर में एंटी बॉडी बनती हैं, जिससे कोरोना से बचा जा सकता है और यदि वैक्सीन लगवाने के बावजूद कोरोना से संक्रमित होते हैं तो यह संक्रमण बेहद ही हल्का होता है। इसलिए वैक्सीन लगवाना बेहतर है।
-डॉ. राजेश गुप्ता, वरिष्ठ होम्योपैथिक फिजीशियन