अब दूसरी तरफ से भी हमला चालू...
बात कांग्रेस की ...
मध्यप्रदेश में राजनीतिक सरगर्मियां उफान मार रही हैं। आने वाले दिनों में जैसे जैसे उपचुनाव का समय नजदीक जाता जाएगा वैसे - वैसे ही राजनेताओं के बीच जुबानी टकराव भी बढ़ेगा। दरअसल जब से ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भाजपा का दामन थामा है उसके बाद से पूरी कांग्रेस में उथल - पुथल मची हुई है। रोज बैठकें और उसमें मंथन से निकले निर्णयों पर नए - नए फरमान जारी हो रहे हैं आज की ही बात है मप्र कांग्रेस के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 'सिंधिया समर्थक रहे वो लोग जो अभी भी कांग्रेस पार्टी में हैं' उनके लिए एक नया आदेश जारी किया है.... आदेश में साफ-साफ लिखा है की जितने भी सिंधिया समर्थक कार्यकर्ता हैं वो ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ व्यक्तिगत रूप से बयान दें। इस आदेश से अंदाजा लगा सकते हैं की वर्तमान टीम कांग्रेस के कर्ता-धर्ता मंशा क्या है ?... वो अगर नहीं देते हैं तो माना जाएगा की कहीं न कहीं लूपहोल है।
उधर कमलनाथ को घेरने के लिए अंदरूनी तौर पर दिग्विजय सिंह समर्थक कांग्रेस नेता उनके ही निर्णय के खिलाफ लामबंद हो गए हैं। कमलनाथ ने आलाकमान गांधी परिवार को भरोसे में लेकर 24 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में टिकट वितरण योजना बनायी है। योजना अनुरूप निजी एजेंसी द्वारा किये जाने वाले सर्वे के आधार पर ही टिकट दिए जायेंगे। यह निर्णय दिग्विजय सिंह समर्थित नेताओं को रास नहीं आ रहा और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने इस संबंध में कोई बयान नहीं दिया है।
अब बात भाजपा की ...
मप्र में शिवराज सरकार के 100 दिन तो पूरे हो गये है। लम्बे समय तक कोरोना के खिलाफ अकेले ही बैटिंग की और कुछ हद तक अन्य प्रदेशों की तुलना में रोकने में सफल भी हुए लेकिन कुछ मामलों में निर्णय ले नही पा रहे। जैसे पहले मंत्रिमंडल विस्तार पर तारीख पर तारीख मिलती रही और अब विभागों के बंटबारे पर तारीख पर तारीख मिल रही है। कैबिनेट की बैठक का दिन और समय में लगातार बदलाव हो रहे हैं इससे प्रदेश में अच्छा सन्देश नहीं जा रहा कुछ मीडिया रिपोर्ट अटकलों के हिसाब से प्लांट हो रही हैं। जबतक अंदरखाने से स्थिति साफ़ होकर आधिकारिक रूप से बाहर नहीं आएगी तब तक अटकलों का दौर चलता ही रहेगा... चलता ही रहेगा। इसको रोक पाना बढ़ा मुश्किल है। अब आज की ही बात है 3 बार के मंत्री, सरकार जाने के बाद पार्टी ने नेता प्रतिपक्ष बनाया, वर्तमान सरकार में भी कैबिनेट मंत्री गोपाल भार्गव भी दबी आवाज में भाजपा और उसकी नीतियों पर हमला कर ही रहे हैं। अब क्या चाहिए इनको ये खुल कर भी नहीं बोल रहे... पार्टी के नेता असमंजस में दिखाई पड़ते हैं।
कौन है देशभक्त और कौन है गद्दार ?
आज ज्योतिरादित्य सिंधिया के फेसबुक पेज पर एक वीडियो पोस्ट हुआ जिसमे उन्होंने कमलनाथ पर सीधा हमला किया है। राज्यसभा सांसद बनने तक दिल्ली से ही अपने पुराने कांग्रेसियों पर नजर रखे हुए थे कौन, क्या, कैसे बयानबाजी कर रहा है। उन्होंने लम्बे समय तक कोई ख़ास प्रतिक्रिया नहीं दी। उन पर हमला करने में सबसे आगे पूर्व मंत्री जीतू पटवारी और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ आगे हैं। अब सिंधिया ने जवाब देना शुरू किया है। कमलनाथ और दिग्विजय सिंह पर वर्चुअल रैली के शुरू होते ही तीखी टिपण्णीयां चालू हैं... आगे भी चलेंगी क्योंकि अब दिशा विपरीत है। और आज फेसबुक पर वीडियो पोस्ट हुई - इस वीडियो में कमलनाथ और सिंधिया के पुराने वीडियो क्लिप्स संकलित करके एक नया वीडियो बनाया है, शीर्षक दिया है - कौन है देशभक्त और कौन है गद्दार ?
ये रहा वीडियो -