गजवा-ए-हिन्द और सेक्यूलर राजनीति
जरा जान-समझ लीजिए, टुकड़े-टुकड़े गिराहों और उनके समर्थकों के कारनामे और लक्ष्य क्या है?
असदुद्दीन ओवैसी ने यूं ही नहीं कहा है कि ''एक दिन हिजाबी प्रधान मंत्री भी यहां बनेगी।''
अब तक टोपी वाले पुरूष तो भारत के प्रधान मंत्री नहीं बन बन पाए।
पर, ओवैसी के 'रोड मैप' में इस देश के लिए हिजाबी प्रधान मंत्री यानी महिला प्रधान मंत्री शामिल है।
सो कैसे ? मुसलमानों का इस देश में जब बहुमत होगा, तभी तो ?
सत्ता पर कब्जा होगा तभी तो
बहुमत कैसे होगा ?
सत्ता कैसे मिलेगी ?
उनकी ओर से उसका भी रोड मेप अखबारों में छपा है।
एक न्यूज एजंेंसी की खबर के अनुसार, ''कट्टर इस्लाम को मानने वाले कहते हैं कि इतने वर्षों में 'गजवा ए हिन्द' इसलिए नहीं हो पाया क्योंकि इससे पहले भारत पर जितने भी मुसलमानआक्रमणकारियों ने हमला किया था वो इस्लाम की कट्टर विचारधारा से तो प्रेरित थे लेकिन उनका असली मकसद भारत के धन और दौलत को लूटना था। वहीं अगली बार जो लोग 'गजवा ए हिन्द' करेंगे वो भारत को लूटने नहीं बल्कि उसे एक इस्लामिक राष्ट्र में बदलने के इरादे से हमला करेंगे।
(लगता है कि ओवैसी वैसे लोगों के निकट संपर्क में हैं।इसीलिए ओवैसी ने दावे व आत्म विश्वास के साथ कहा है कि हिजाब पहनने वाली महिला एक दिन भारत की प्रधान मंत्री बनेगी भले मैं वह दिन देखने के लिए तब तक जीवित ना रहूं।) गजवा ए हिन्द की थ्योरी के मुताबिक भारत को मुस्लिम मुल्क के रूप में बदलने से पहले मुसलमानों को उसके आसपास के देशों में मजबूत होना पड़ेगा
जिससे उस पर चारों ओर से शिकंजा कस सकेगा। और वक्त आने पर इस्लामी ताकतें चारों ओर से उस पर हमला कर भारत में गजवा ए हिन्द कर सकेगी। भारत के पड़ोस में पाकिस्तान,बांग्ला देश,मालदीव और अफगानिस्तान का उदाहरण सामने है।जहां पर कट्टरपंथी ताकतें इतनी मजबूत हैं कि इस्लाम के नाम पर किसी का भी गला काट सकती हैं।''वैसे तो केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने हाल में यह
कहा था कि भारत के मसलमानों के बीच के अस्सी प्रतिशत लोग शांतिप्रिय हैं।
उनको जेहाद,गजवा ए हिन्द आदि से कोई मतलब नहीं है।लेकिन दूसरी ओर ,पी एफ आई जैसे अतिवादी जेहादी संगठन भी हैं जिसने अपना रेड मैप तय कर रखा है।उन्हें समर्थन देने वाले तथाकथित सेक्युलर राजनीतिक दल क्या कट्टरपंथियों के खतरनाक इरादे से अवगत हैं ?या वे 'वोट बैंक' के लिए देश की अखंडता के साथ खिलवाड़ करने पर भी अमादा हैं ?
कम्युनिस्ट शासन वाले केरल के डी.जी.पी.ने हाल में वहां के हाई कोर्ट को बताया था कि सिमी के लोगों ने ही पी.एफ.आई.बनाया है। डी.जी.पी.की सिफारिश के बावजूद सी.पी.एम.के मुख्य मंत्री ने पी एफ आई पर प्रतिबंध लगाने से इनकार कर दिया।केरल की सरकार के ऐसे ही रवैये को देखकर योगी आदित्यनाथ ने हाल में कहा था कि हम यू.पी.को केरल,कश्मीर और बंगाल नहीं बनने देंगे। उससे पहले सिमी के प्रवक्ता ने कहा था कि हम हथियारों के बल पर भारत में इस्लामिक शासन कायम करना चाहते है।
(टाइम्स आॅफ इंडिया, सितंबर -2001)।
सिमी के इसी रवैये के कारण अस्सी के दशक में ही जमात ए इस्लामी ने सिमी से अपना संबंध तोड़ लिया था।
अब आप कल्पना कीजिए कि आंतरिक व बाह्य खतरों से भारत को बचाने के लिए केंद्र सरकार के पास कितने अधिक साधन और पैसे चाहिए। चीन भी हमारा नुकसान करने के लिए सदा तैयार ही रहता हैै।पर, जब इस देश में पेट्रोल का दाम बढ़ता है तो तथाकथित सेक्युलर पार्टियां विरोध करने लगती हैं। क्या वे दल भारत को कमजोर बनाए रखना चाहती है ताकि हमारे दुश्मन अपने धार्मिक उद्देश्य की प्राप्ति में सफल हो जाएं ?
( लेखक देश के ख्यात स्तंभकार है)