कोरोना राहत और प्रबंधन में इस्तेमाल सामग्री पर जीएसटी रेट कटौती सराहनीय
वेबडेस्क। कोरोना ने वैश्विक स्तर पर हर देश को पूरी ताकत से स्वास्थ्य, आर्थिक, शैक्षणिक सहित सभी क्षेत्रों को खोखला करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। परंतु इस पृथ्वी पर मानवीय बौद्धिक क्षमता का जवाब नहीं, महामारी की काट में वैक्सीन को खोज कर अनेक देशों द्वारा इस महामारी पर नियंत्रण करने की दिशा में तीव्रता से कदम बढ़ा दिए हैं और शीघ्र ही इस महामारी से महायुद्ध में अर्थ मानव की विजय होगी।
बात अगर हम भारत की करें तो भारत ने भी इस महायुद्ध में हर नागरिक ने महामारी से जंग कर जीतने का संकल्प कर जीत की ओर आगे हम बढ़ गए हैं और उम्मीद है शीघ्र ही भारत कोरोना मुक्त देश की श्रेणी में आ जाएगा। बात अगर हम कोरोना महामारी राहत और प्रबंधन में इस्तेमाल किए जा रहे सामानों पर जीएसटी दरों की करें, तो बहुत समय से यह मांग उठ रही थी कि उपरोक्त इस्तेमाल किए जा रहे सामानों पर से जीएसटी को ज़ीरो किया जाए जिस पर विचार करने के लिए 28 मई 2021 को 43 वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक हुई थी जिसमें कोई निर्णय नहीं हो पाया और एक 8 सदस्सीय ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की कमेटी का गठन किया गया और उन्हें इन सभी विषयों पर चर्चा कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया। इस कमेटी में महाराष्ट्र, गुजरात के उपमुख्यमंत्री, गोवा के परिवहन व पंचायत राज्य मंत्री तथा केरल, ओडिशा, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, के वित्तमंत्रियों, को शामिल किया गया इस तरह 8 मंत्रियों के समूह को सुझाव देने के लिए एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया मंत्री समूह ने अपनी रिपोर्ट 8 जून को सौंप दी।
जीएसटी काउंसिल की 44 वीं बैठक -
शनिवार को जीएसटी काउंसिल की 44 वीं बैठक का आयोजन किया गया और मंत्री समूह की रिपोर्ट रखी गई और उसे स्वीकार करते हुए निम्न लिखित कोरोना राहत और प्रबंधन में इस्तेमाल सामग्री पर जीएसटी रेट की कटौती और कुछ को जीरो किया गया यह जानकारी मंत्रालय द्वारा जारी अपनी प्रेस विज्ञप्ति में दी गई है जो वित्त मंत्री के ट्विटर हैंडल पर है और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी जानकारी दी गई उसके अनुसार, वित्त मंत्री की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए जीएसटी काउंसिल की 44वीं बैठक हुई।इस बैठक में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री, कई राज्यों के वित्त मंत्री और केंद्र और राज्य सरकारों के सीनियर ऑफिसर मौजूद रहे। बता दें कि 28 मई को हुई पिछली बैठक में पीपीई किट, मास्क और टीके सहित कोविड संबंधी आवश्यक वस्तुओं पर कर राहत देने के लिए मंत्रियों के एक समूह के गठन का फैसला किया गया था।
जीएसटी में कटौती -
कोरोना के दौरान रोज़ाना इस्तेमाल होने वाला हैंड सैनिटाइजर, प्लस ऑक्सिमीटर और थर्मामीटर भी अब सस्ता होगा। इनपर लगने वाले जीएसटी को घटाकर 5 फ़ीसदी कर दिया गया है जो पहले 12 या 18 प्रतिशत था। साथ ही कोरोना की जांच और डी डाइमर जैसे खून की जांच में इस्तेमाल होने वाले टेस्टिंग कीट पर भी जीएसटी को घटाकर 5 फ़ीसदी कर दिया गया है। इसके चलते कोरोना की जांच सस्ती होने की संभावना है। इसके अलावा कोरोना से मरने वाले लोगों के अंतिम संस्कार में इस्तेमाल होने वाले शवदाह गृह के गैस और इलेक्ट्रिक फर्नेस पर लगने वाले जीएसटी को भी 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। रेमडेसिवीर पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। उन्होंने बताया, एंबुलेंस पर जीएसटी 28 से घटाकर 12 फीसदी कर दिया गया है।
ब्लैक फंगस दवा टैक्स फ्री -
ऑक्सीमीटर पर जीएसटी 12 से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है। ऑक्सीजन कंसेन्ट्रेटर पर टैक्स कम किया गया है। ब्लैक फंगस की दवा पर कोई भी टैक्स नहीं लगेगा। वेंटिलेटर पर भी जीएसटी घटाकर 12 से 5 प्रतिशत किया गया है। कोरोना मरीजों के इलाज में काम आने वाली दवा रेमडेसिविर पर भी टैक्स कम कर 12 से 5 फीसदी पर लाया गया है। वहीं कोरोना वैक्सीन पर 5 फीसदी जीएसटी जारी रहेगा। केंद्र सरकार 75 प्रतिशत कोरोना वैक्सीन की खरीदारी करेगी और खुद जीएसटी का वहन करेगी। जीएसटी से होने वाली 70 प्रतिशत आय राज्यों के साथ साझा की जाएगी। ब्लैक फंगस की दवा पर जीएसटी ज़ीरो की गई है। आज आएगा नोटिफिकेशन, जीएसटी काउंसिल ने कोरोना से जुड़ी राहत सामग्रियों, ब्लैक फंगस की दवा और एंबुलेंस इत्यादि पर कर की दर को 30 सितंबर 2021 तक के लिए ही कम किया है।
नई दरें 30 सितम्बर तक लागू -
ये नई दरें नए बने सामान के लिए होंगी। वित्त मंत्री ने कहा कि इससे जुड़ी अधिसूचना आज तक जारी हो जाएगी। अतः उपरोक्त विवरण का अगर हम अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो जीएसटी काउंसिल की 44 वीं हुई बैठक कोविड-19 राहत और प्रबंधन सामग्री पर जीएसटी रेट मैं कटौती करने का फैसला बहुत ही महत्वपूर्ण है तथा वैक्सीन पर 5 प्रतिशत जीएसटी बरकरार रखी गई है जिसे जीरो करना उचित रहता तथा नई दरें 30 सितंबर 2021 तक लागू रहेगी। कोरोना महामारी राहत और प्रबंधन में इस्तेमाल सामग्री पर जीएसटी रेट कटौती सराहनीय कदम है परंतु कटौती दरें पूर्वव्यापी प्रभाव से अगर मिलती तो यह सोने पर सुहागा होता।