ग्वालियर विधानसभा में चुनावी घमासान

ग्वालियर विधानसभा में चुनावी घमासान
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गलबहियां डालकर एकता का प्रदर्शन कर रहे कांग्रेसी

ग्वालियर/स्वदेश वेब डेस्क। विधानसभा चुनाव को लेकर इन दिनों जहां जबरदस्त घमासान नजर आ रहा है वहीं विगत दिनों जिस तरह से ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र में कांगे्रस में एकता नजर आई, उसे देखकर हर कोई हैरान है कि यह वास्तवित एकजुटता है या फिर यह सिर्फ दिखावा है।

उल्लेखनीय है कि देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस गुटबाजी और परिवारवाद के कारण इन दिनों सबसे बुरे दिनों का सामना कर रही है। वहीं जिस तरह से विगत रोज ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी ठाकुर साहब और पण्डित जी ने जिस तरह से महाराज के सामने एकजुटता का परिचय दिया, वह देखने वाले सभी लोगों को अचंभित करने वाला रहा क्योंकि यहां एक-दूसरे को फूटी आंख नहीं सुहाने वाले नेता एक-दूसरे की बांहों में बांह डाले जिस तरह से एक-दूसरे की प्रशंसा के कशीदे पढ़ते नजर आए, उसे देखकर सभी लोग आश्चर्य में पड़ गए कि यह एकजुटता वास्तव में हकीकत है या यह सब मात्र एक दिखावा है। यहां बता दें कि ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी प्रद्युम्न सिंह तोमर एवं कांग्रेस के प्रदेश महासचिव सुनील शर्मा के बीच परंपरागत रूप से प्रतिद्वंदिता चली आ रही है और दोनों एक-दूसरे को नीचा दिखाने का कोई अवसर नहीं गंवाते हैं। इस विधानसभा चुनाव में भी दोनों ही टिकट हासिल करने के लिए हरसंभव प्रयास में जुटे हुए थे, लेकिन संगठन ने सुनील शर्मा को दरकिनार कर प्रद्युम्न सिंह तोमर को टिकट दे दिया तो सुनील शर्मा कुपित होकर अदृश्य हो गए, लेकिन बीते रोज इंटक मैदान में आयोजित कांग्रेस के चुनाव अभियान समिति के संयोजक ज्योतिरादित्य सिंधिया की आमसभा में जिस तरह ठाकुर साहब और पण्डित जी एक-दूसरे की गलबहियां करते दिखे, उसे देखकर हर कोई अचंभित नजर आया कि यह वास्तविकता है या फिर सिंधिया के सामने मात्र एक दिखावा है। यहां बता दें कि ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र में प्रद्युम्न सिंह तोमर एवं सुनील शर्मा के बीच कट्टर प्रतिद्वंदिता चलती है, जिसके चलते दोनों किसी भी विषय में एक-दूसरे की कटी करने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं और दोनों ही नेता विधानसभा चुनाव के लिए बढ़-चढक़र दावेदारी कर रहे थे। कांग्रेस की इस एकजुटता पर हर कोई संदेह करता दिखा। लोग यह कहते सुने गए कि यह सब एक चुनावी शिगूफे से ज्यादा कुछ नहीं है और स्वयं कांग्रेस प्रत्याशी सहित कोई भी इस पर अधिक भरोसा नहीं कर रहा है क्योंकि वर्ष 2013 के चुनाव में भी प्रद्युम्न सिंह सहित ग्वालियर पूर्व विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशी मुन्नालाल गोयल करारी चोट खा चुके हैं। कांग्रेस से जुड़े सूत्र बताते हैं कि यही कारण है कि कांग्रेस प्रत्याशी प्रद्युम्न सिंह ने भले ही भरे मंच से इस एकजुटता का परिचय दिया हो, लेकिन वह उन पर अभी भी पूरी तरह से भरोसा नहीं कर पा रहे हैं। बहरहाल कांग्रेस प्रत्याशी द्वारा अपने चिर-प्रतिद्वंदी के साथ दिखाई जा रही यह आत्मीयता और दरियादिली क्षेत्रवासियों में चर्चा का विषय बनी हुई है और यह देखना दिलचस्प होगा कि ठाकुर साहब और पण्डित जी की यह दोस्ती क्या गुल खिलाती है?

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