इकबाल अंसारी का बड़ा बयान, हिन्दू बनने को तैयार पर जेल से लगता है डर
अयोध्या। बाबरी मस्जिद के पेरोकार इकबाल अंसारी ने स्वदेश से बात करते हुए बड़ा बयान दिया है और कहा है कि हम सभी राम के वंशज हैं और मैं 22 तारीख को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में जरूर जाऊंगा। अयोध्या में जितने हिन्दू हैं,उतने ही मुसलमान भी हैं ऐसे में आज की अयोध्या में सब खुशहाल हैं। अयोध्या में हजारों देवता के मंदिर हैं लेकिन आज तक किसी भी देवता ने मुसलमानों का बुरा नहीं किया है। मुसलमानों को किसी भी देवता से रंजिश नहीं है बाकी लड़ाई तो श्री राम और रावण के बीच भी हुई थी ऐसे में इस लड़ाई को भी वैसे ही देखा जाए, भारत में सभी राम के ही वंशज हैं । उन्होंने अपने बात चीत में ये भी कहा कि अयोध्या में किसी भी तरह के मस्जिद की जरूरत नहीं है । मस्जिद की जमीन पर खेती की जानी चाहिए और अनाज हिन्दू और मुसलमानों दोनों में बाँट देनी चाहिए।
इस बात-चीत में जब हमने इकबाल अंसारी से ये पूछा कि आप अपने को राम का वंशज बोल रहे हैं ऐसे में अगर कभी श्री राम आपको राममय हो जाने को कहेंगे और घर वापसी का मन होगा तो क्या आप इसके लिए भी राजी हैं, इस पर उनका जवाब था कि कि इस बात से उन्हे कोई गुरेज नहीं है, वो हिन्दू बनने को तैयार हैं , धर्म परिवर्तन को लेकर कानून हटा दिया जाए तो वो धर्म परिवर्तन कर लेंगे क्योंकि उन्हे जेल जाने से डर लगता है।
इकबाल अंसारी ने अयोध्या में हो रहे विकास का स्वागत किया है और कहा है कि इस विकास में यहाँ के मुसलमानों का भी उतना ही फायदा होगा जितना हिंदुओं का क्योंकि पूजन सामग्री से लेकर लड्डू बनाने के कारोबार में अयोध्या के मुसलमान भी किसी न किसी रूप में जुड़े हुए हैं । पहले जो चीजें एक किलो बिका करती थीं अब 2 से 3 किलो की बिक्री हो रही है।
गौरतलब है कि अभी हाल ही में जब प्रधानमंत्री का अयोध्या दौरा हुआ था तब इकबाल अंसारी और उनके परिवार ने उन पर गुलाब के फूल बरसाए थे । प्रधानमंत्री पर फूल बरसते उनका वीडिओ काफी सुर्खियों में रहा था । तब उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी के अयोध्या दौरे का वो स्वागत करते है और अयोध्या के विकास के लिए उनका धन्यवाद । उसके बाद प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण मिलने पर इकबाल अंसारी राम मंदिर के प्रतीकात्मक मंदिर को लेकर अयोध्या की सड़कों पर नज़र आये थे और ऐलान किया था कि वो 22 जनवरी को होने वाले श्रीराम प्राण प्रतिष्ठा समारोह में जरूर जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि बाबरी मस्जिद की लड़ाई लड़ने वले हाशिम अंसारी के बेटा इकबाल अंसारी को श्री राम जन्मभूमि पर प्राण प्रतिष्ठा के लिए सबसे पहले न्योता गया था।
इकबाल अंसारी अयोध्या भूमि विवाद मामले के वादियों में से एक थे। उनके पिता हाशिम अंसारी भूमि विवाद केस के सबसे उम्रदराज वादी थे । 2016 में 95 वर्ष की उम्र में हाशिम अंसारी की मौत हो गई थी, जिसके बाद इकबाल ने अदालत में मामले को आगे बढ़ाया था । कोर्ट ने जब आपसी समझौते से हल निकालने की सलाह दी थी तब इस केस के वादी इकबाल अंसारी, हाजी महबूब और मोहम्मद उमर ने इस बात से इनकार कर दिया था कि अयोध्या विवाद का फैसला अदालत के बाहर हो सकता है। तब इस संबंध में अयोध्या में स्थानीय मुसलमानों की एक बैठक भी हुई थी जिसमें एक प्रस्ताव पारित किया गया था और कहा गया था कि मुसलमान मस्जिद को किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित नहीं होने देंगे । लेकिन जब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया था तब इकबाल अंसारी ने उस फ़ैसले स्वागत किया था और उस वक़्त भी इकबाल अंसारी ने मस्जिद के लिए अन्य स्थान पर जमीन दिए जाने की जरूरत से मनाही की थी ।