लोकसभा की कार्यवाही में क्या होता है 'प्रश्नकाल' ?
वेब डेस्क। प्रश्नकाल का समय 11 बजे से 12 बजे तक का नियत किया गया है। इसमें संसद सदस्यों द्वारा लोक महत्व के किसी मामले पर जानकारी प्राप्त करने के लिए मंत्रि परिषद से प्रश्न पूछे जाते है। प्रश्नकाल के समय भारत सरकार से संबंधित मामले उठाए जाते हैं और सार्वजनिक समस्याओं को ध्यान में लाया जाता है। जिससे सरकार वास्तविक स्थिति को जानने, जनता की शिकायतें दूर करने, प्रशासनिक त्रुटियों को दूर करने के लिए कार्रवाई कर सकें। प्रश्नकाल के दौरान विभिन्न प्रकार के प्रश्न पूछे जाते हैं।
प्रश्न चार प्रकार के होते हैं: -
तारांकित प्रश्न : वह होता है जिसका सदस्य सभा में मौखिक उत्तर चाहता है और पहचान के लिए उस पर तारांक बना रहता है। जब प्रश्न का उत्तर मौखिक होता है तो उस पर अनुपूरक प्रश्न पूछे जा सकते हैं। मौखिक उत्तर के लिए एक दिन में केवल 20 प्रश्नों को सूचीबद्ध किया जा सकता है।
अतारांकित प्रश्न : वह होता है जिसका सभा में मौखिक उत्तर नहीं मांगा जाता है और जिस पर कोई अनुपूरक प्रश्न नहीं पूछा जा सकता। ऐसे प्रश्न का लिखित उत्तर प्रश्न काल के बाद जिस मंत्री से वह प्रश्न पूछा जाता है, उसके द्वारा सभा पटल पर रखा गया मान लिया जाता है। इसे सभा की उस दिन के अधिकृत कार्यवाही वृत्तान्त (ऑफिशियल रिपोर्ट) में छापा जाता है। लिखित उत्तर के लिए एक दिन में केवल 230 प्रश्नों को सूचीबद्ध किया जा सकता है।
अल्प सूचना प्रश्न : वह होता है जो अविलम्बनीय लोक महत्व से संबंधित होता है और जिसे एक सामान्य प्रश्न हेतु विनिर्दिष्ट सूचनावधि से कम अवधि के भीतर पूछा जा सकता है। एक तारांकित प्रश्न की तरह, इसका भी मौखिक उत्तर दिया जाता है जिसके बाद अनुपूरक प्रश्न पूछे जा सकते हैं।
गैर सरकारी : सदस्य हेतु प्रश्न स्वयं सदस्य से ही पूछा जाता है और यह उस स्थिति में पूछा जाता है जब इसका विषय सभा के कार्य से संबंधित किसी विधेयक, संकल्प या ऐसे अन्य मामले से संबंधित हो जिसके लिए वह सदस्य उत्तरदायी हो। ऐसे प्रश्नों हेतु ऐसे परिवर्तनों सहित, जैसा कि अध्यक्ष आवश्यक या सुविधाजनक समझे जाएं, वही प्रक्रिया अपनायी जाती है जो कि किसी मंत्री से पूछे जाने वाले प्रश्न के लिए अपनायी जाती है।