मोदी मंत्रिमंडल में फिर बदलाव को लेकर कयासबाजी

मोदी मंत्रिमंडल में फिर बदलाव को लेकर कयासबाजी
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नई दिल्ली/विशेष संवाददाता। मकर संक्रांति के नजदीक आते ही केंद्र में मंत्री पद की उमीद लगाए बैठे नेताओं की धडक़नें अचानक से बढ़ गई हैं। यह स्पष्ट तो नहीं लेकिन कयासबाजी जरूर है कि संक्रांति के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कभी भी मंत्रिमंडल विस्तार कर सकते हैं। माना जा रहा है कि मकर संक्रांति के बाद देशभर में जहां टीकाकरण अभियान तेजी पकड़ेगा वहीं प्रधानमंत्री मोदी अपनी सरकार में फेाबदल करेंगे। इस तरह की कयासबाजी पिछले वर्ष भी चली थी लेकिन पूरे 365 दिन निकल गए और एक बार फिर सूर्य उारायण में आ गया है। दरअसल, जब कभी भी सरकार या संगठन में कुछ बदलाव होता है मंत्रिपद के दावेदारों की उमीदें बढ़ जाती हैं। चुनाव प्रक्रिया के दौरान भी सरकार में फेरबदल की उमीदें बढ़ जाती हैं। पहले कहा गया कि मलमास तक प्रधानमंत्री कुछ नहीं करने वाले सो अब मलमास के बीतने में कुछ ही दिन शेष हैं।

बताया जा रहा है कि अभी मंत्रिमंडल में विस्तार नहीं होता है तो फिर बजट प्रक्रिया के बाद ही फेरबदल की संभावना बनेगी। वैसे भी प्रधानमंत्री मोदी कयासबाजी को विफल करने में देर नहीं लगाते। वे जो कुछ भी कदम उठाते हैं, किसी को भनक तक नहीं लग पाती। जिन चेहरों पर चर्चा की जा जाती है, वे ही हाशिए में चले जाते हैं। मंत्रिमंडल में विस्तार को लेकर चर्चा इसलिए भी है योंकि हाल ही में भाजपा संगठन में छोटा सा बदलाव हुआ था। भाजपा में संगठन का दायित्व संभालने वाले तीन संयुक्त महासचिवों को बड़ी जिमेदारी देकर उन्हें नए प्रभार सौंपे गए। सौदान सिंह, वी सतीश और शिव प्रकाश को अलग अलग राज्यों की जिमेदारी मिली है।

संगठन में हुए इस बदलाव के बाद सहज रूप से यह अंदाजा लगाया जाने लगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब जल्द ही मंत्रिमंडल में का विस्तार करेंगे। पिछले साल नवंबर में हुए बिहार विधानसभा चुनाव के बाद भी इसी तरह अटकलबाजी थी। अभी पश्चिम बंगाल, असम और दक्षिण भारत के तीन राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं इसलिए संभव है कि बहुप्रतीक्षित मंत्रिमंडल विस्तार हो। पर सरकार के विस्तार के लिए अभी दो सप्ताह का समय है।

संक्रांति से 29 जनवरी को बजट सत्र शुरू होने के बीच के 15 दिन में अगर सरकार में फेरबदल होती है तो होगी, वरना फिर अप्रैल के मध्य तक इंतजार करना होगा। मई में उनकी सरकार के दूसरे कार्यकाल का दो साल पूरा हो रहा है। उससे पहले वे बड़ी फेरबदल करके अपनी सरकार को नया रूप दे सकते हैं। लेकिन यह भी अंदाजा ही है। वैसे एक अटकलबाजी यह भी है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का विभाग बदलेगा। अगर इस पहलू से देखें तो बजट से पहले फेरबदल की संभावना खत्म हो जाती है क्योंकि निर्मला सीतारमण बजट की तैयारी कर रही हैं और वे अपना तीसरा बजट पेश करेंगी। अगर बजट से पहले कैबिनेट विस्तार होता है तो इसका मतलब होगा कि निर्मला की विा विभाग संभालती रहेंगी। वैसे उनके विा विभाग में ही बने रहने की ज्यादा संभावना है, चाहे विस्तार कभी भी हो। बहरहाल, अगले तीन-चार दिन में पता चल जाएगा कि विस्तार बजट से पहले हो रहा है या बाद में।

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