जन्मदिन पर विशेष : संवेदनशीलता, संकल्प शक्ति और समन्वय की त्रिवेणी 'नरेन्द्र सिंह तोमर'

जन्मदिन पर विशेष : संवेदनशीलता, संकल्प शक्ति और समन्वय की त्रिवेणी नरेन्द्र सिंह तोमर
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कैलाश सोनी, राज्यसभा सदस्य

राजनीति में परिवार, घरानों और पीढ़ियों की विरासत के बलबूते आगे बढ़ने वालों की फेहरिस्त लंबी हो सकती है, लेकिन अति सामान्य परिवार से निकल कर लंबे संघर्ष के बाद समाज सेवा के क्षेत्र में अपना स्थान बनाने वाले राजनेताओं को सदैव स्मरण भी किया जाता है और उनका यशगान भी जनता के मुख पर मिलता ही है। अपना स्थान स्वयं बनाने वाले ऐसे राजनेताओं में यदि संवेदनशीलता, दृढ़संकल्प शक्ति और समन्वय से सभी को साथ लेकर चलने की विशेषता भी हो तो सोने पर सुहागा हो जाता है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मंत्रिमंडल के नवरत्नों में से एक, भारत के कृषि मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर व्यक्तित्व की एक ऐसी ही त्रिवेणी है जिसमें जन-जन के लिए संवेदना, कार्य को पूर्ण करने की संकल्प शक्ति और पक्ष-विपक्ष से उपर उठकर समन्वय के साथ जनता के कल्याण के लिए तत्पर रहने की योग्यता है।

श्री तोमर का लगभग 45 वर्षों का एक उज्ज्वल-धवल सार्वजनिक जीवन रहा है। छात्र राजनीति एवं अपने वार्ड के पार्षद के रूप में समाज सेवा की शुरूआत करने वाले श्री तोमर विगत साढ़े चार दशक में कई महत्वपूर्ण पदों एवं दायित्वों पर आसीन रहे हैं। श्री तोमर दो बार विधायक, मध्यप्रदेश सरकार में मंत्री, राज्यसभा सदस्य, तीन बार लोकसभा सदस्य, दो बार मध्यप्रदेश प्रदेश भाजपा अध्यक्ष, भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री रहने के साथ ही 2014 से लगातार केंद्रीय मंत्री का दायित्व संभाल रहे हैं। श्री तोमर ने हर जिम्मेदारी को अपनी पूर्ण निष्ठा के साथ निभाया है। उनके मध्यप्रदेश भाजपा अध्यक्ष रहते 2008 एवं 2013 में पार्टी को प्रचंड बहुत से मिली विजय ने शिवराज सिंह चैहान-नरेन्द्र सिंह तोमर की जोड़ी को देश में स्थापित किया था। उत्तप्रदेश एवं असम के चुनाव प्रभारी रहते हुए अपनी रणनीतिक कार्यशैली का लोहा वे मनवा चुके हैं।

श्री तोमर का सर्वाधिक योगदान देश के कृषि, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री के रूप में रहा है। भ्रष्टाचार का कलंक झेल रही मनरेगा को आज देश के ग्रामीण अंचल में रोजगार की रीढ़ बनाने में श्री तोमर का खास योगदान है। गांवों के विकास में पारदर्शिता, प्रधानमंत्री आवास योजना से हर गरीब को छत और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के माध्यम से पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी जी के स्वप्न को पूर्ण करने का कार्य श्री तोमर ने विगत 7 वर्षों में किया है। श्री तोमर की योग्यता, प्रतिभा और अनुभव का सही उपयोग देश के कृषि मंत्री के रूप में हुआ है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी मार्गदर्शन में बहुप्रतिक्षित कृषि सुधार कानूनों को अमली जामा पहना कर उन्होंने मील के वे पत्थर स्थापित किए है जिनके सकारात्मक परिणाम किसानों के जीवन की दशा और दिशा दोनों परिवर्तित कर देंगे। पीएम किसान योजना के माध्यम से किसानों की आय का सशक्तिकरण हो या स्वामिनाथन आयोग की अनुशंसा पर किसानों को लागत मूल्य से डेढ़ गुना एमएसपी प्रदान करना हो, श्री तोमर ने कृषि मंत्री के रूप में किसानों के हित में ऐसी उल्लेखनीय भूमिका निभाई है जो इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाएगी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आत्मनिर्भर भारत पैकेज तहत घोषित किए एक लाख करोड् के कृषि अवसंरचना कोष एवं दस हजार नए कृषक उत्पादक संगठन के निर्माण के माध्यम से छोटे एवं मझौले किसानों को खेती से समुचित लाभ दिलाने की दिशा में भी कृषि मंत्री श्री तोमर की भूमिका प्रशंसनीय है।

राष्ट्रीय स्तर पर कृषि एवं ग्रामीण विकास जैसे महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी निभानेे के बाद भी श्री तोमर सदैव अपने संसदीय क्षेत्र के विकास के प्रति सक्रिय एवं चिंतित रहते हैं। ग्वालियर संसदीय क्षेत्र के सांसद रहते हुए श्री तोमर ने सैंकड़ों ऐसे कार्य करवाए, चाहे आईटी पार्क और बिलौआ स्टील प्लांट के माध्यम से क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराने का विषय हो ग्वालियर में एयर कनेक्टिविटी एवं पासपोर्ट सेंटर की स्थापना करके इस क्षेत्र को मुख्य धारा से जोड़ने की बात हो। श्री तोमर के प्रयासों से यहां सबकुछ फलीभूत होता नजर आता है। ग्वालियर की मूलभूत समस्याओं को जड् से दूर करने में भी श्री तोमर की अहम भूमिका रही है। ग्वालियर में 398 करोड़ रुपए की लागत से परियोजना के तहत चंबल का पानी लाकर लोगों की प्यास बुझाने से लेकर शहर में 5 रेल ओवर ब्रिज की मंजूरी दिला कर यहां की यातायात समस्या को खत्म करने तक का श्रेय श्री तोमर को जाता है। ग्वालियर में संगीत और कृषि, एक दिन दो विश्वविद्यालयों की स्थापना का रिकार्ड स्थापित किया. मोदी मंत्रीमंडल के वे एकमात्र ऐसे सदस्य हैं, जिनका दूसरे राजनैतिक दलों तथा सामाजिक संस्थाओं में विशेष आदरभाव है. तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष ने वर्ष 2008 में उत्कृष्ट मंत्री के रुप में सम्मानित किया.

श्री तोमर मुरैना-श्योपुर संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हुए गंभीरता के साथ अपेक्षाकृत पिछड़े हुए इस क्षेत्र को विकास की मुख्य भूमिका में लाने का कार्य कर रहे हैं। श्री तोमर के प्रयासों से अटल एक्सप्रेस वे परियोजना तीव्र गति से आगे बढ़ रही है। इस परियोजना के धरातल पर आने के बाद ग्वालियर-चंबल अंचल कनेक्टिविटी से तो जुड़ेगा ही इस क्षेत्र में औद्योगिक विकास के नए द्वार भी खुलेंगे। मुरैना जिले के कैलारस-सुमावली क्षेत्र में रक्षा मंत्रालय की 1500 करोड़ की रक्षा परियोजना हो या निजी क्षेत्र की देश की पहली हथियार निर्माण इकाई की स्थापना मालनपुर में कराना हो, श्री तोमर के प्रयासों ने इस अंचल के विकास को नई दिशा दी है। श्री तोमर ने हाल ही में यहां सैनिक स्कूल की स्थापना भी कराई है। 160 करोड़ रुपए की लागत से मुरैना शहर मे चंबंल नदी के पानी की पेयजल के रूप में सप्लाई के कार्य ने यहां की मूलभूत समस्या को हल कर नागरिकों को निजात दिलाई है।

श्री तोमर की अपने क्षेत्र की जनता के प्रति चिंता एवं उनके प्रति ह्दय में भारी संवेदना मुझे कोरोना काल में उनके द्वारा किए गए प्रयासों से नजर आती है। कोविड-19 की दूसरी लहर की गंभीरता को भांपते हुए श्री तोमर ने अप्रैल माह के प्रारंभ में ही अपने स्तर पर आँक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता एवं स्वास्थ्य सुविधा के विस्तार की दिशा में कार्य प्रारंभ कर दिया था। श्री तोमर ने अपने केंद्रीय इस्पात मंत्री कार्यकाल के दौरान बने इस्पात क्षेत्र के उद्योगपतियों से संपर्क करके इस क्षेत्र में तत्काल टेंकर के माध्यम से आँक्सीजन उपलब्ध कराने का तो कार्य किया ही ग्वालियर-चंबल अचंल में अस्पतालों में आँक्सीजन प्लांट के निर्माण के लिए भी वे जुट गए। इस समय मुरैना संसदीय क्षेत्र के साथ ही पूरे ग्वालियर चंबल अंचल में कुल 17 सरकारी अस्पतालों में आँक्सीजन प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं ताकि मरीजों को समय पर प्राणवायु मिल सके। इसमें ग्वालियर मेडिकल काँलेज हास्पीटल में 1000 एलपीएम, जिला चिकित्सालय मुरैना में 500 एलपीएम, जिला चिकित्सालय श्योपुर में 250 एवं 200 एलपीएम के दो प्लांट स्थापित करने के साथ ही विजयपुर, बड़ौदा, अंबाह, पोरसा, कैलारस, मोहना, हस्तिनापुर, गोहद, करैरा, कैलारस,पोहरी चाचैड़ा, चंदेरी और सेवड़ा में भी आॅक्सीजन प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं।

सिविल अस्पताल अंबाह मुरैना में सीटी स्केन मशीन स्थापित की जा रही है। वहीं आरोग्यधाम अस्पताल ग्वालियर में सीटी स्केन मशीन की स्थपना के लिए 1.22 करोड़ रुपए उपलब्ध कराए गए हैं। मुरैना एवं श्योपुर जिला चिकित्सालय में लगभग 50 आॅक्सीजन कंसन्ट्रेटर और 8 एंबुलेंस भी उपलब्ध कराई गई है। एक्सरे की व्यवस्था में भी सुधार किया गया है। मरीजों को लगने वाले अन्य आवश्यक उपकरण एवं चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराने का कार्य श्री तोमर रह रहे हैं।

श्री तोमर कोरोना काल में न केवल मुरैना-ग्वालियर क्षेत्र के अधिकारियों से सतत संपर्क में रहकर व्यवस्थाओं को दुरूस्त करने में सक्रिय भूमिका निभाते रहे अपितु आपदा के इस काल में वे पीड़ित परिवारों के बीच पहुंचकर संबल भी प्रदान करते रहे हैं।

राजनीति में नायाब प्रयोग

लोकतंत्र सेनानियों के लिए भी प्राणवायु देने में श्री नरेंद्र सिंह जी और शिवराज जी की युगल जोड़ी की महती भूमिका रही.पं. दीनदयाल उपाध्याय जी के सपने को साकार करते हुए कि-"पुराना छूटे नहीं, और नया जुड़ता चला जाये" को चरित्रार्थ करते हुए राजनीति में अभिनव प्रयोग किया, जिसके अनुसार पहली बारबार मध्यप्रदेश में सिद्धांत बनाया गया कि भाजपा के सीनियर सिटीजन (वृद्ध) को टिकट तो नहीं देंगें, लेकिन टिकट वितरण में उनकी राय को प्राथमिकता दी जायेगी. जिससे पुरानी पीढ़ी के मन में यह भावना बनी रहे कि भाजपा उनकी अपनी पुरानी पार्टी है. इस युगल जोड़ी के सामूहिक प्रयास से ही देश के 11 राज्यों में लोकतंत्र सेनानियों को सम्मान प्राप्त हुआ तथा राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान दिलाने के लिए प्रयासरत हैं.जन्मदिन पर दीर्घायु और उत्तम स्वास्थ्य के लिए देशभर के लोकतंत्र सेनानियों की ओरसे हार्दिक शुभकामनाएं.

नरेंद्र सिंह तोमर राजनीति के एक ऐसे ही कर्मयोगी हैं, जो बिना थके-बिना रुके सतत जनसेवा के मार्ग पर चले जा रहे हैं। मन में शुचिता, कर्म में तप-त्याग और व्यवहार में अपनत्व औैर सहजता के धनी श्री तोमर सभी के लिए प्रेरणा के स्त्रोत हैं।

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