सनातन पर राजनीति

सनातन पर राजनीति
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प्रो मनीषा शर्मा डीन व हेड पत्रकारिता एवं जनसंचार इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक

वेबडेस्क। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और राज्य सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म पर जो बेहूदा बयान दिया है उससे un un उत्पन्न विवाद की आंच से निकली चिंगारियां सम्पूर्ण भारत में फैल गई है। चेन्नई के कामराजार एरीना में सनातन उन्मूलन सम्मेलन में भाग लेते हुए उदयनिधि स्टालिन ने 'भारतीय मुक्ति संग्राम में आरएसएस का योगदान' शीर्षक से व्यंग्य चित्रों वाली एक पुस्तक का विमोचन किया और सनातन धर्म और बीजेपी को लेकर अपनी हेट स्पीच दी। इसमें उन्होंने कहा की "हम उसका विरोध नहीं कर सकते हमें मच्छर ,डेंगू, बुखार ,मलेरिया कोरोनावायरस इत्यादि का विरोध नहीं करना चाहिएl हमें इसका उन्मूलन करना चाहिए सनातन धर्म भी ऐसा ही है"।अभी यह विवाद थमा नही था कि कल डीएमके नेता सांसद ए राजा के बोल भी सनातन पर फूटे उन्होंने कहा कि - 'सनातन धर्म H.I.V.-कोढ़ जैंसा' । सनातन धर्म पर ऐसी टिप्पणी कर ये अपनी अज्ञानता का सामूहिक परिचय दे रहे है। ये

लोग सनातन को नष्ट करने की बात कर रहे है ।उसकी तुलना डेंगू,मलेरिया, एड्स से कर रहे है। सत्ता के लिए, सत्ता के मद में चूर होकर ये विष वमन कर रहे है। इस बयान पर शिक्षा मंत्री प्रधान ने कहा कि ये I.N.D.I.A गठबंधन का हिंदूफोबिया दिखाता है। ए राजा ने कहा- 'सनातन धर्म सामाजिक बीमारी है. यह कुष्ठ रोग और एचआईवी से भी ज्यादा घातक है.'

प्रो मनीषा शर्मा डीन व हेड पत्रकारिता एवं जनसंचार

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक

बीते हफ्ते शनिवार (2 सितंबर 2023) को डीएमके सीएम एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन जोकि तमिलनाडु सरकार में मंत्री है, उन्होंने सनातन को खत्म की बात कही थी. जिसके बाद पूरे देश में इस बयान की आलोचना की गई. बीजेपी नेता अमित मालवीय ने ट्वीट कर इन बयानों की आलोचना की।

बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट करके कहा, 'अब डीएमके सांसद ए राजा हिंदू धर्म को सामाजिक बुराई बता रहे हैं, ये उस धर्म के बारे में बोल रहे हैं जिस धर्म को इस देश की 80 प्रतिशत आबादी मानती है।'सनातन के खिलाफ इस प्रकार के नफरत भरे विचारों माफ् कीजिये विचार नही कुविचारों की दक्षिण से लेकर उत्तर भारत तक में निंदा हो रही है। धर्मगुरुओं से लेकर राजनेताओं और आम जनता में आक्रोश है। उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ देशभर में कई जगहों पर एफआईआर भी दर्ज किए गए।

उदयनिधि ने सनातन उन्मूलन सम्मेलन में कहा,"सनातन का सिर्फ विरोध नहीं किया जाना चाहिए बल्कि, इसे समाप्त ही कर देना चाहिए। सनातन धर्म सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है। कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता, उन्हें खत्म ही कर देना चाहिए। हम डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोना का विरोध नहीं कर सकते। हमें इसे मिटाना है। इसी तरह हमें सनातन को भी मिटाना है।'

भाजपा नेताओं ने उदयनिधि स्टालिन के जरिए विपक्षी गठबंधन आई.एन.डी.आई.ए. को ही घेरना शुरू कर दिया। उन्होंने राजस्थान के जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, "दो दिन से आप (गठबंधन) इस देश की संस्कृति और सनातन धर्म का अपमान कर रहे हैं। I.N.D.I.A गठबंधन के दो प्रमुख दल कांग्रेस और डीएमके (एक वित्त मंत्री का बेटा और एक मुख्यमंत्री का बेटा) कह रहे हैं कि सनातन धर्म को समाप्त कर देना चाहिए। तुष्टिकरण और वोटबैंक की राजनीति करने कि लिए इन लोगों ने 'सनातन धर्म' का अपमान किया है।"

हिंदू महासभा के अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि ने कहा कि सनातन धर्म सदियों से अस्तित्व में है और रहेगा। आईएनडीआईए गठबंधन से जुड़े लोग पीएम मोदी से नहीं, 'सनातन धर्म' से लड़ रहे हैं। उनका उद्देश्य 'सनातन धर्म' को खत्म करना है।वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे और कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे ने उदयनिधि के बयान का समर्थन किया और कहा,"कोई भी धर्म जो समानता को बढ़ावा नहीं देता है या यह सुनिश्चित नहीं करता है कि आपके पास मानव होने की गरिमा है, वह धर्म नहीं है।" कोई भी धर्म जो आपको समान अधिकार नहीं देता या आपके साथ इंसानों जैसा व्यवहार नहीं करता वह बीमारी के समान ही है।" सनातन के विषय में इन विषवमन करने वालो की अज्ञानता का यह स्तर कि इन्होंने असमानता हेतु सनातन धर्म को ही दोषी ठहरा दिया। जबकि सनातन का आधार ही समानता और सह अस्तित्व है। और इसमें कहीं भी असमानता व भेदभाव की कोई बात नहीं कही गई। जो धर्म देश के बाहर से आए हैं वह अलगाव और भेदभाव की बात करते हैं।

जिस सनातन को द्रविड़ भूमि से हटाने की बात उदयनिधि कर रहे हैं वह सनातन ही तमिल भाषा व संस्कृति का अवलंब है। ऐसी प्रचलित मान्यता है कि तमिल भाषा भगवान शंकर ने अगस्त्य ऋषि को सिखाई फिर अगस्त्य ऋषि ने तमिल संस्कृति और भाषा के प्रचार प्रसार के साथ उत्तर व दक्षिण भारत की एकता के लिए काम किया। यदि उदय निधि अपनी बुद्धि पर चढ़ी हुई धुन्ध को साफ करें तो उन्हें पता चलेगा कि तमिल संस्कृति का आधार ही सनातन धर्म है। वे सनातन पर नहीं भारतीय आत्मा के मूल पर प्रहार कर रहे हैं।

'ऋग्वेद' (3-18-1)में कहा गया है -'यह पथ सनातन है। समस्त देवता और मनुष्य इसी मार्ग से पैदा हुए हैं तथा प्रगति की है। हे मनुष्यो आप अपने उत्पन्न होने की आधाररूपा अपनी माता को विनष्ट ना करें ।'

सनातन का अर्थ है जो शाश्वत हो, सदा के लिए सत्य हो। जिन भी बातों का शाश्वत महत्व है वह सनातन कही गई है। जैसे सत्य सनातन है। ईश्वर ही सत्य है। आत्मा ही सत्य है। वह सत्य जो अनादि काल से चला रहा है जिसका कभी अंत नहीं होगा वही सनातनी या शाश्वत है। वैदिक या हिंदू धर्म को इसलिए सनातन धर्म कहा जाता है क्यों की यह धर्म ईश्वर ,आत्मा, मोक्ष को जानने का मार्ग बताता है मोक्ष से ही आत्मज्ञान और ईश्वर का ज्ञान होता है। यही सनातन धर्म का सत्य है ।सनातन में सत्य, अहिंसा ,दया, जप तप , नियम आदि का विशेष महत्व है।यहाँ कही भी भेदभाव की बात नही है। समानता,समरसता सनातन के मूल आधार है।उचित यही है कि भारत के लोग जान ले कि वोट बैंक के लिए ,सत्ता पाने के लिए जो लोग भारत की मूल आत्मा पर प्रहार कर सकते है वो कितने भारतीय है और उनका असली चरित्र क्या है।

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