चुनाव में ड्यूटी पर चपरासियों के अंडर में प्रोफेसर और इंजीनियर
भोपाल/स्वदेश वेब डेस्क। मध्यप्रदेश में होने जा रहे विस चुनावों को लेकर चुनाव आयोग ने ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों की सूची जारी कर दी है। कई गड़बड़ियों और नियमों को ताक पर रखकर बनाई गई यह सूची चर्चा में बनी हुई है। दरअसल इस सूची में स्वीपर और चपरासियों को पीठासीन अधिकारी बना दिया गया है, तो क्लर्क को भी यह जिम्मेदारी दी गई है। इनके अंडर में प्रोफेसर, इंजीनियर समेत अन्य अधिकारियों को रखा गया है। एमपी कॉलेज के प्रोफेसर एसोसिएशन ने इस मामले को लेकर कलेक्टर और राज्य चुनाव आयोग से रोस्टर बदलने का अनुरोध किया है।
ये है नियम
चुनाव आयोग के नियमानुसार वर्ग तीन के किसी भी कर्मचारी को पीठासीन अधिकारी नियुक्त नहीं किया जा सकता है। पीठासीन और पोलिंग अधिकारी वेतनमान, पद और रैंक के अनुसार वर्गीकृत होते हैं। नियम पुस्तिका के अनुसार गजेट अधिकारी को पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया जाता है। यदि ऐसा कर पाना संभव नहीं है, तो उसके समकक्ष रैंक वाले अधिकारी को पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया जा सकता है। साथ ही पीठासीन अधिकारी वेतनमान और रैंक में पोलिंग अधिकारी से उच्च होना चाहिए।
सूची में शामिल हैं कई अधिकारी
आयोग की सूची के मुताबिक इनमें प्रदेश के कॉलेज-विश्वविद्यालयों के प्रोफेसरों समेत अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। इस ड्यूटी की लिस्ट में गड़बडिय़ों का आलम यह है कि कई चपरासियों और स्वीपर को पीठासीन अधिकारी बना दिया गया है। कहीं-कहीं क्लर्क तक को इसका जिम्मा सौंपा गया है। यानी इनके अंडर में प्रोफेसर, इंजीनियर समेत अन्य अधिकारियों को काम करने रखा गया है।
एमपी कॉलेज से पहुंची शिकायत
मामले की शिकायत एमपी कॉलेज के एक प्रोफेसर ने राज्य निर्वाचन आयोग से की है। उनका कहना था कि वर्ग चार के कर्मचारियों को पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया गया है। वरिष्ठ प्रोफेसरों को उनके अंडर में काम करने को कहा गया है। एक अन्य कॉलेज में स्वीपर को पीठासीन अधिकारी बनाया गया है। उन्होंने मामले को लेकर कलेक्टर और राज्य चुनाव आयोग से रोस्टर बदलने का अनुरोध किया है। (हिस)