मैडिटेशन, योग और स्पिरिट्युअलिटी से अब नशा मुक्त होगा भारत !
सोशल जस्टिस मिनिस्ट्री का श्री राम चंद्र मिशन के साथ एमओयू साइन
नईदिल्ली। नशा मुक्त भारत अभियान के साथ अब श्री राम चंद्र मिशन भी जुड़ गया है। नशा मुक्त भारत अभियान के तहत मंगलवार को सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग और गैर लाभकारी सामाजिक संस्था श्री राम चंद्र मिशन के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया। इस मौके पर सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री वीरेन्द्र कुमार, राज्य मंत्री रामदास अठावले मौजूद थे। इसके साथ श्री राम चंद्र मिशन के अध्यक्ष कमलेश डी. पटेल दाजी भी वर्चुअल माध्यम से जुड़े थे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री वीरेन्द्र कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर तीन साल पहले 15 अगस्त को शुरू हुए नशा मुक्त भारत अभियान के कार्यक्रमों में 11 करोड़ से अधिक लोग जुड़ चुके हैं और इसे जन अभियान बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। श्री राम चंद्र मिशन के साथ समझौते पर खुशी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि नशा मुक्त भारत बनाने का काम सिर्फ मंत्रालय का नहीं है बल्कि इससे समाज के हर वर्ग के लोगों को आगे ले जाना होगा। इस कड़ी में मंत्रालय ने आध्यात्मिक संस्था के साथ हाथ मिलाया है ताकि इस अभियान का संदेश ज्यादा से ज्यादा तक न सिर्फ पहुंचे बल्कि इस संदेश को लोग अपने जीवन में आत्मसात करें। इस दिशा में आध्यात्मिक संस्था बेहद महत्वपूर्ण कड़ी साबित हो सकती है।
वीरेन्द्र कुमार ने कहा कि नशा मुक्त भारत अभियान की शुरुआत पहले सिर्फ 272 जिलों में की गई थी लेकिन अब इसे पूरे भारत में शुरू किया गया है और सफलतापूर्वक लोगों को जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नवचेतना मॉड्यूल के माध्यम से शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है, बच्चों के अभिभावकों को भी जागरूक किया जा रहा है। नशे के कारोबारी हमेशा से देश के लिए चिंता का विषय है। भारत को नशा मुक्त बनाने और इसे समस्या को जड़ से खत्म करने की दिशा में पूरे समाज को एकजुट होकर आगे आना होगा। इस दिशा में धर्म गुरु अहम भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का देश को विकसित भारत बनाने के सपने को साकार करने में युवाओं की भागीदारी अहम है।
इस मौके पर राज्य मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि नशा मुक्त भारत अभियान में श्री राम चंद्र मिशन का जुड़ना अभियान के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि इस अभियान से अबतक छह आध्यात्मिक संस्थान जुड़ चुके हैं। इस समझौते से उम्मीद है कि नशा मुक्त भारत अभियान को गति मिल सकेगी।