सरकारी एजेंसी ने किया अलर्ट, गूगल क्रोम ब्राउजर से अटैक का खतरा
नई दिल्ली। गूगल की ओर से हाल ही में कम से कम 106 क्रोम एक्सटेंशंस को यूजर्स की प्रिवेसी के लिए खतरा मानते हुए हटाया गया है। सामने आया है कि ये एक्सटेंशन यूजर्स का सेंसिटिव डेटा कलेक्ट कर रहे थे। साइबर सिक्यॉरिटी फर्म Awake Security की ओर से ऐसे करीब 111 क्रोम एक्सटेंशन का पता लगाया गया था और गूगल को इनके बारे में अलर्ट किया। इसके बाद गूगल की ओर से 106 एक्सटेंशन क्रोम वेब स्टोर से हटा दिए गए हैं।
इंटरनेट यूजर्स को अलर्ट करते हुए भारत सरकार की एजेंसी इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In) की ओर से एडवाइजरी जारी की गई है। एडवाइजरी में कहा गया है, 'इन एक्सेटेंशंस को यूजर्स के वेब सर्च रिजल्ट्स बेहतर करने, फाइल्स को एक फॉरमेट से दूसरे में कन्वर्ट करने जैसे फीचर्स दिए जा रहे थे और कुछ एक्सटेंशन सिक्यॉरिटी स्कैनर्स की तरह काम कर रहे थे। सामने आया है कि इन एक्सटेंशंस में ऐसे कोड्स शामिल थे, जिनकी मदद से क्रोम वेब स्टोर के सिक्यॉरिटी स्कैन्स से इन्हें छुपाया जा सका।'
CERT-In की ओर से यूजर्स से ये गूगल क्रोम एक्सटेंशंस फौरन डिलीट करने को कहा गया है क्योंकि इनकी मदद से यूजर्स की जासूसी की जा रही थी। एडवाइजरी के मुताबिक, 'फौरन यूजर्स को IOCs सेक्शन में दी गई ID वाले एक्सटेंशन डिलीट कर देना चाहिए और इनकी लिस्ट CERT-In की वेबसाइट पर भी दी गई है। इसके अलावा यूजर्स chrome://extentions पेज पर जाकर डिवेलपर मोड इनेबल कर सकते हैं, इससे उन्हें मैलिशस एक्सटेंशंस का पता चल जाएगा और उन्हें डिलीट कर सकेंगे।'
गूगल क्रोम ब्राउजर पर यूजर्स को सावधानी से और बेहद जरूरी होने पर ही एक्सटेंशन इंस्टॉल करने की सलाह दी गई है। इसके अलावा जिन एक्सटेंशंस का इस्तेमाल आप नहीं करते, उन्हें भी फौरन डिलीट कर दें। इसके अलावा कोई नया एक्सटेंशन इंस्टॉल करते वक्त उसके यूजर रिव्यू भी जरूर पढ़ लें और अनवेरिफाइड सोर्स से क्रोम एक्सटेंशन डाउनलोड ना करें क्योंकि जरा सी लापरवाही के चलते ऐसा करना पर्सनल से लेकर बैंकिंग डेटा तक की चोरी की वजह बन सकता है।