सभी ऐंड्रॉयड यूजर्स पर मंडरा रहा है खतरा

सभी ऐंड्रॉयड यूजर्स पर मंडरा रहा है खतरा
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-आपके स्मार्टफोन को बिना छुए हो सकता है हैक

नई दिल्ली। भले ही दुनिया के 80 प्रतिशत से ज्यादा स्मार्टफोन्स ऐंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम पर चल रहे हों लेकिन इसमें आए दिन खामियां सामने आती रहती हैं। ऐसे ही एक हाई-रिस्क सिक्यॉरिटी फ्लॉ का पता चला है, जिसकी मदद से डिवाइस को बिना छुए उसमें मैलिशस कोड इंस्टॉल किए जा सकते हैं। इसे रिमोट कोड एग्जक्यूशन कहा जाता है और इसकी वजह से सबसे ज्यादा खतरा यूजर्स के अलावा बिजनस और गवर्मेंट इंस्टीट्यूशंस को है, जिनका प्राइवेट डेटा कोई और ऐक्सेस कर सकता था।

गूगल की ओर से इस खामी को मई 2020 के सिक्यॉरिटी पैच में फिक्स कर दिया गया है लेकिन वही डिवाइसेज सेफ रहेंगे, जिन्हें लेटेस्ट सिक्यॉरिटी पैच का अपडेट मिलेगा। इस तरह 5 मई से पहले के सिक्यॉरिटी पैच लेवल वाले सभी ऐंड्रॉयड डिवाइसेज पर अब भी खतरा बना हुआ है। सेंटर फॉर इंटरनेट सिक्यॉरिटी (CIS) की ओर से कुल 39 हाई-रिस्क वाली खामियों की लिस्टिंग की गई, जिन्हें लेटेस्ट गूगल सिक्यॉरिटी अपडेट में फिक्स कर दिया गया है।

सीआईएस की ओर से जिन 39 खामियों के बारे में एक ब्लॉग पोस्ट में बताया गया है, उन्हें फिक्स जरूर किया जा चुका है लेकिन सभी ऐंड्रॉयड डिवाइसेज उनसे सेफ नहीं हैं। पोस्ट में बताया गया है कि किस तरह इन खामियों की वजह से छोटे, मीडियम और बड़े बिजनस या गवर्मेंट ऑर्गनाइजेशंस हाई-रिस्क पर थे। हालांकि, इन खामियों के चलते अब तक किसी तरह का नुकसान होने की रिपोर्ट सामने नहीं आई है लेकिन इसकी आशंका को पूरी तरह नकारा नहीं जा सकता।

सबसे खतरनाक कमी ऐंड्रॉयड में रिमोट फाइल एग्जक्यूशन से जुड़ी देखने को मिली है। इसकी मदद से कोई अटैकर या हैकर दूर से ही डिवाइस में कोड इंस्टॉल करके उसका ऐक्सेस ले सकता है। ऐसा करने के बाद अटैकर आसानी से फाइल्स में बदलाव और छेड़छाड़ कर सकता है और कोई भी मैलवेयर या मैलिशस ऐप कोड इंस्टॉल कर सकता है। साथ ही डिवाइस को पूरी तरह लॉक या फिर डेटा चोरी भी आसानी से की जा सकती है। यूजर्स को अपना डिवाइस अपडेट करने की सलाह दी गई है।

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