मिल्कीपुर चुनाव: परिवारवाद बनाम बाहरी की जंग हुई तेज, सपा ने भाजपा उम्मीदवार को बताया बाहरी, भाजपा ने लगाया परिवारवाद का आरोप
अयोध्या। मिल्कीपुर उपचुनाव को लेकर भाजपा और सपा के बीच बयानबाजी का दौर तेज हो गया है। मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव को लेकर परिवारवाद बनाम बाहरी की जंग तेज हो गई है।
एक तरफ भाजपा परिवारवाद का आरोप लगा रही है तो दूसरी तरफ सपा बाहरी का तंज कस रही है। दोनों ही पार्टी के उम्मीदवारों ने उप चुनाव के लिए नामांकन कर दिया है। इसके बाद अयोध्या में चुनावी माहौल गर्म हो चुका है।
भाजपा ने हाल में चंद्रभान पासवान को मिल्कीपुर सीट से उम्मीदवार घोषित किया। वहीं सपा ने पार्टी से अयोध्या सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को काफी पहले ही प्रत्याशी तय कर दिया था।
दोनों ही उम्मीदवारों ने अपना-अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। वहीं इसी के बाद से दोनों दलों के बीच जुबानी जंग तेज हो गई। दोनों ही पार्टी जीत का दावा कर रही हैं। वहीं परिवारवाद और बाहरी का नारा तेज कर दिया गया है।
सपा सांसद अवधेश के बेटे अजीत को टिकट मिलते ही भाजपा ने हमला बोल दिया। भाजपा ने इसे परिवारवाद करार दिया। वहीं भाजपा प्रत्याशी चंद्रभान पासवान ने कहा कि समाजवादी पार्टी के लिए सबसे पहले परिवार आता है।
भाजपा में मुझ जैसे छोटे कार्यकर्ता को टिकट दिया गया है। उन्होंने मिल्कीपुर में भाजपा की जीत का दावा किया।दूसरी तरफ रुदौली क्षेत्र के रहने वाले भाजपा उम्मीदवार चंद्रभान पासवान सपा के हमले का शिकार हो गए।
सपा ने भाजपा उम्मीदवार को बाहरी करार दिया। सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने दावा किया कि चुनाव के बाद मिल्कीपुर में केवल मैं और अजीत प्रसाद ही दिखाई पड़ेंगे। उन्होंने खुद को वोटर के क्षेत्र से होने का कार्ड भी खेला।
मिल्कीपुर में भाजपा की जीत का दावा : कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने मिल्कीपुर में भाजपा की जीत का दावा किया। कहा, सपा और कांग्रेस परिवारवादी पार्टी हैं और जनता से कोई सरोकार नहीं है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह ने सपा-कांग्रेस परिवारवादी पार्टी हैं।
इनका जनता से इनका कोई सरोकार नहीं है। दूसरी तरफ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव को देश का सबसे बड़ा उपचुनाव करार दिया। उन्होंने कहा, पीडीए (पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक) का प्रतिनिधि सपा का उम्मीदवार है, जो उप चुनाव लड़ रहा है। उन्होंने मिल्कीपुर सीट पर जीत का दावा भी किया।
टोलियां बनाकर घर-घर सम्पर्क करें मोर्चा-प्रकोष्ठों के कार्यकर्ता, सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर ने बैठक कर बनाई चुनावी रणनीति
मिल्कीपुर उपचुनाव में भाजपा के सभी सात मोर्चा एवं प्रकोष्ठों का सम्मेलन होगा। युवा, महिला, किसान, अनूसूचित, किसान, अल्पसंख्यक व पिछड़ा मोर्चा सहित प्रकोष्ठों के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता टोली बनाकर घर-घर सम्पर्क करेंगे।
जनसम्पर्क अभियान की तैयारियों को लेकर सहकारिता राज्य मंत्री जेपीएस राठौर ने मोर्चा अध्यक्षों तथा विभाग के संयोजकों के साथ बैठक की। बैठक में सहकारिता मंत्री ने कहा मोर्चा तथा विभागों के कार्यकर्ता छोटी-छोटी टोलियां बना लें। मोर्चा अध्यक्ष सभी से समन्वय स्थापित करते हुए हर घर हर मतदाता से सम्पर्क की योजना बनाएं। हर घर-हर मतदाता से तीन बार संपर्क करना है।
सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों से विशेष तौर पर संपर्क करना है। सार्वजनिक स्थलों पर एवं जनसंपर्क के दौरान लोगों से सरकारी योजनाओं के बारे में चर्चा करनी है। टोलियां अपने क्षेत्र में विशेष ध्यान दे कि कोई भी घर न छूटे जिनसे सम्पर्क न हो सके।
सपा प्रत्याशी ने दो सेट में फिर किया नामांकन, कहा-अखिलेश यादव के साथ है मिल्कीपुर की जनता
मिल्कीपुर उपचुनाव के लिए नामांकन के आखिरी दिन सपा प्रत्याशी अजीत प्रसाद ने भी दो सेटों में अपना नामांकन दाखिल किया। नामांकन दाखिल करने के बाद अजीत प्रसाद ने कहा कि मिल्कीपुर में सिर्फ अखिलेश यादव की साइकिल देखी जा रही है।
मिल्कीपुर में बहुत बड़े अंतर से सपा चुनाव जीतेगी। इस चुनाव में बाहरी और घर वाले की लड़ाई है। भाजपा के पास प्रत्याशी नहीं था, उसे बाहर से प्रत्याशी उतारना पड़ा। भाजपा में जो टिकट की दावेदार थे, उन सब में नाराजगी देखी जा रही है और वे सभी अखिलेश यादव की साइकिल देख रहे हैं।
भाजपा ने यदि मिल्कीपुर में विकास किया होता तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी कैबिनेट को नहीं उतरना पड़ता। मिल्कीपुर की जनता अखिलेश यादव और अवधेश प्रसाद को देख रही है। यह स्वर्गीय मित्रसेन यादव की धरती है। यहां से समाजवादी पार्टी बहुत बड़े अंतर से जीतेगी।
वोट कटवा बनकर रह जाएंगे संतोष उर्फ सूरज चौधरी!, अवधेश प्रसाद को विधायक व सांसद हमने बनाया : सूरज चौधरी
मिल्कीपुर में सूरज चौधरी के लिए जमानत बचा पाना होगा बड़ी चुनौती
मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव, नामांकन के आखिरी दिन सपा के बागी नेता संतोष उर्फ सूरज चौधरी ने आजाद समाज पार्टी से नामांकन करने के बाद अब राजनीतिक हलकों में उनके वोट कटवा की भूमिका में होने की चर्चा आम हो गयी है।
हालांकि नामांकन के बाद सूरज चौधरी ने कहा है कि जनता एक बार हमें मौका दे, वे कोई मिल्कीपुर की दबी कुचली जनता की आवाज बनेंगे, उनके हर दुख दर्द में साथ खड़े रहेंगे। बड़ बोलेपन का शिकार हो चुके सूरज चौधरी ने यह भी कह डाला कि उन्होंने अवधेश को विधायक बनाया सांसद बनाया और जब टिकट देने की बारी आई तो किनारा कर लिया।
उनका दावा है कि वह सपा का खेल बिगाड़ सकते हैं, लेकिन जानकरों का कहना है कि सूरज चौधरी के लड़ने या न लड़ने से सपा पर कोई फर्क नही पड़ने वाला है। सूत्र बताते है कि तंत्र मंत्र की दुनिया से चर्चा में आये संतोष उर्फ सूरज चौधरी भले ही आज प्रॉपर्टी डीलिंग और अन्य एमएलएम कंपनियों के जरिये अच्छी खासी दौलत बना चुके हो लेकिन राजनीति के मामले में अवधेश प्रसाद जैसे लोगो के सामने उनकी हैसियत कुछ भी नही है।
लोगों का तो यह भी कहना है कि संतोष उर्फ सूरज चौधरी के लिए अपनी जमानत बचा पाना भी टेढ़ी खीर साबित हो सकता है। मिल्कीपुर में सीधी लड़ाई सपा और बीजेपी के बीच मे देखी जा रही है।
सूरज के आजाद पार्टी से नामांकन के बाद उनके कुछ समर्थकों का यह भी कहना है कि यहां उनके मैदान में उतरने से मामला त्रिकोणीय हो गया है, लेकिन जानकर इसे सिरे से खारिज करते है उनका कहना है कि वह दूर दूर तक नजर नही आएंगे। उनके लिए तो अपनी जमानत बचा पाना सबसे बड़ी चुनौती होगी।