स्वदेश की खबर का असर: ग्वालियर लिटरेचर फेस्टिवल का आयोजन रद्द...

विशेष प्रतिनिधि, भोपाल। मप्र महिला बाल विकास विभाग ने 9 मार्च से आयोजित तीन दिवसीय ग्वालियर लिटरेचर फेस्टिवल एवं बिटिया महोत्सव स्थगित कर दिया है। विभाग की ओर से गुरुवार को जारी प्रेस नोट में यह जानकारी दी गई। उल्लेखनीय है कि स्वदेश ने गुरुवार के अंक में इस आयोजन के स्वरूप एवं प्रकृति से जुड़े विवादस्पद पहलुओं को केंद्रित कर समाचार प्रकाशित किया था। ग्वालियर के बुद्धिजीवी, कला प्रेमी एवं अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस आयोजन की विषय वस्तु को लेकर आपत्तियां दर्ज कराई थीं।
मप्र सरकार ने स्वदेश की खबर का संज्ञान लेते हुए इस मामले में महिला बाल विकास के आला अधिकारियों को तलब किया और आयोजन को लेकर उठ रहे विरोध के स्वरों का परीक्षण भी किया।
देर शाम महिला बाल विकास आयुक्त कार्यालय की ओर से बताया गया कि ग्वालियर बिटिया महोत्सव की विषय वस्तु, चयनित कार्यक्रम, वक्ताओं का अनुमोदन कमिश्नर से प्राप्त नहीं होने के कारण यह आयोजन रद्द कर दिया गया है। बताया जाता है कि इस आयोजन में जिस तरह से एक विचारधारा विशेष से जुड़े लोगों को बुलाया गया था उसे लेकर मुख्यमंत्री ने भी नाराजगी व्यक्त की। विभागीय मंत्री निर्मला भूरिया ने भी स्वदेश की खबर को गंभीरता से लेते हुए आयुक्त को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए।
यहां बताना होगा कि बिटिया महोत्सव में एलजीबीटी और विषैली मर्दानगी जैसे असंबद्व विषयों पर विमर्श प्रस्तावित था। यह अपने आप में विचारणीय है कि जिस कमिश्नर का अनुमोदन नहीं होने के कारण इसे रद्द किया गया है उनका खुद का नाम पैनल चर्चा में शामिल था।
सूत्र बताते हैं कि मप्र पयर्टन विकास निगम ने भी स्वदेश में खबर आने के बाद इस आयोजन से स्वयं को अलग कर लिया था। भाजपा अजा मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य एवं डॉ. नितेश शर्मा ने भी बुधवार को ही इस मामले में शासन के समक्ष आपत्ति दर्ज कराई थी।
स्वदेश एक जिम्मेदार समाचार पत्र होने के नाते यह भी स्पष्ट करना चाहता है कि इस आयोजन से संबद्ध लोगों और आमंत्रित वक्ताओं से हमारा कोई व्यक्तिगत दुराग्रह नहीं है। केवल जनसामान्य की भावनाओं को वैचारिक रूप से अभिव्यक्त करना हमारा उद्देश्य था। ग्वालियर में इस आयोजन को लेकर पहले भी विवाद रहा है, इसके बावजूद इसकी उसी स्वरूप में पुनरावृत्ति पर अधिकारियों के एक वर्ग की शरारती मानसिकता पर स्वदेश ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था।संभवत: सरकार ने जनभावनाओं के दृष्टिगत ही इसे स्थगित करने का निर्णय लिया होगा। यह स्वागतयोग्य है...!