Manav Sangrahalaya History: जिस मानव संग्रहालय में हो रही जीआईएस समिट उसके बारे में कितना जानते हैं आप? कभी दिल्ली में हो गई थी स्थापना

जिस मानव संग्रहालय में हो रही जीआईएस समिट उसके बारे में कितना जानते हैं आप? कभी दिल्ली में हो गई थी स्थापना
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यह संस्कृति विभाग के अधीनस्थ कार्यालय के रूप में काम करता था लेकिन मार्च 1985 में इसे स्वायत्तशासी संस्थान(ऑटोनॉमस संस्था) बना दिया गया।

राजधानी भोपाल के मानव संग्रहालय में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया जा रहा। जिसमें देश - विदेश प्रमुख हस्तियां शामिल होंगी। इस निवेश के महाकुंभ का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। जिस मानव संग्रहालय में इसका आयोजन हो रहा है वह भारत ही नहीं बल्कि पूरे एशिया का सबसे बड़ा मानव विज्ञान संग्रहालय है। यह भोपाल की शान बड़ी लेक और वन विहार के पास क़रीब 200 एकड़ में फैला हुआ है। इस संग्रहालय का पूरा नाम इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय है।

राजधानी दिल्ली से भोपाल तक का सफ़र

इस संग्रहालय की स्थापना 21 मार्च 1977 को देश की राजधानी नई दिल्ली के बहावलपुर हाउस में हुई थी। तब ये संस्कृति विभाग के एक अधीनस्थ कार्यालय के रूप में काम करती थी। वहां ज़मीन के अभाव के कारण इसे 1979 में मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के रमणीय स्थल में ट्रांसफ़र कर दिया गया। तात्कालीन मध्य प्रदेश सरकार ने इस कार्यालय को 200 एकड़ की ज़मीन दी थी। मानव संग्रहालय का भोपाल आने का दूसरा कारण यह भी है कि श्यामला हिल्स क्षेत्र में पहले ही शैल चित्र बने थे जो इसकी सुंदरता और बढ़ा देती।

ऑटोनॉमस संस्थान के रूप में कर रही काम

बताते चलें शुरूआतें में यह संस्कृति विभाग के अधीनस्थ कार्यालय के रूप में काम करता था लेकिन मार्च 1985 में इसे स्वायत्तशासी संस्थान(ऑटोनॉमस संस्था) बना दिया गया। इसका रखरखाव 'राष्ट्रीय मानव संग्रहालय समिति' करती है।

संग्रहालय में क्या है खास

जनजातीय आवास, तटीय गाँव, मरूगाँव, हिमालयीन ग्राम, मिथक वीथी तथा पारंपरिक तकनीक षामिल हैं, जिनका निर्माण सम्बंधी स्थानीय समूहों ने क्षेत्र विषेष से लाई गई कच्ची सामग्री से किया है। संग्रहालय के परिसर में प्रागैतिहासिक शैलाश्रय मिलेंगे। वीथी संकुल, अंतरंग संग्रहालय में मानव जैविकी तथा सांस्कृतिक उद्विकास और विविधताओं से संबद्ध विभिन्न विषयों पर 13 दीर्घाएं आकर्षण का केंद्र बनती हैं।

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