Delhi Election: कांग्रेस ने कैसे खत्म करवाया भाजपा का 27 साल का वनवास, AAP के बड़े नेताओं की हार में ही छिपा राज

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नई दिल्ली। विधानसभा चुनाव के परिणामों सामने आ गए हैं। आप के बड़े नेताओं के विकेट एक - एक कर भाजपा नेताओं द्वारा चटका दिए गए हैं। भाजपा की इस जीत और आप की शर्मानक हार का कारण कांग्रेस को माना जा रहा है। कुछ राजनीतिक विश्लेषक भाजपा की जीत का श्रेय भी कांग्रेस को ही दे रहे हैं।

आम आदमी पार्टी के नेशनल कन्वेनर अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली सीट से, पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया जंगपुरा से, आप सरकार में मंत्री रहे सौरभ भरद्वाज ग्रेटर कैलाश से, शकूरबस्ती से सत्येंद्र जैन तो मालवीय नगर से सोमनाथ भारती और राजेंद्र नगर से दुर्गेश पाठक चुनाव हार गए हैं। आप पार्टी की लाज बचाने में केवल आतिशी और गोपाल राय ही सफल हुए हैं। हाल ही में आप में शामिल हुए अवध ओझा भी चुनाव की परीक्षा में फेल हो गए हैं।

इस जीत का क्रेडिट भाजपा की मेहनत से ज्यादा कांग्रेस की नादानियों और INDIA गठबंधन में एकता की कमी को दिया जा रहा है। INDIA गठबंधन के प्रमुख दल नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और जम्मू - कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने तो रुझान आते ही दोनों दलों पर तंज कसा था।

पिछले विधानसभा चुनाव की तरह इस बार भी कांग्रेस शून्य पर है। राष्ट्रीय पार्टी देश की राजधानी दिल्ली में अपना खाता खोलने में लगातार दूसरी बार विफल हुई है। इस बार कांग्रेस वोट काटू पार्टी के रूप में उभरी है। आप के बड़े नेताओं की हार के पीछे भी यही प्रमुख कारण माना जा रहा है। इस बात को विस्तार से समझने के लिए पहले AAP पार्टी के बड़े नेताओं के विधानसभा क्षेत्र का चुनाव परिणाम पढ़िए।

ग्रेटर कैलाश विधानसभा सीट :

इस सीट से भाजपा की शिखा रॉय विजयी हुई हैं। उन्हें कुल 49594 वोट मिले हैं। वहीं AAP नेता सौरभ भाराद्वाज को 46406 वोट मिले हैं। दोनों के बीच वोट का अंतर 3188 है। यहां से कांग्रेस ने गर्वित सिंघवी को मैदान में उतारा था। उन्हें 6711 वोट मिले हैं।

जंगपुरा विधानसभा सीट :

यहां से भारतीय जनता पार्टी के तरविन्दर सिंह मारवाह को 38859 वोट मिले हैं और आम आदमी पार्टी के मनीष सिसोदिया को 38184 वोट मिले हैं। कांग्रेस उम्मीदवार फरहाद सूरी को यहां से 7350 वोट मिले हैं। भाजपा ने मनीष सिसोदिया को यहां मात्र 675 वोट से हराया है।

राजिंदर नगर विधानसभा सीट :

राजिंदर नगर से भाजपा के उमंग बजाज विजयी हुए हैं। उन्हें 46671 वोट मिले हैं। उमंग बजाज ने आम आदमी पार्टी के दुर्गेश पाठक को 1231 वोट से हराया है। दुर्गेश पाठक को इस सीट से 45440 वोट मिले हैं। कांग्रेस ने यहां विनीत यादव को मैदान में उतारा था। उन्हें यहां 4015 वोट मिले हैं।

शकूर बस्‍ती विधानसभा सीट :

भारतीय जनता पार्टी के करनैल सिंह शकूर बस्‍ती से विजयी हुए हैं। उन्हें 56869 वोट मिले हैं। आम आदमी पार्टी के सत्येन्द्र जैन को 35871 वोट मिले हैं। यहां भाजपा ने आप को बड़े मार्जिन (20998) से हराया है। कांग्रेस के सतीश कुमार लूथरा को यहां बस 5784 वोट मिल पाए।

नई दिल्‍ली विधानसभा सीट :

यहां से प्रवेश साहिब सिंह विजयी हुए हैं। उन्हें 30088 वोट मिले हैं। उन्होंने आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को 4089 वोट से हराया है। अरविंद केजरीवाल को यहां से बस 25999 वोट ही मिल पाए। पूर्व सीएम शीला दीक्षित के बेटे सन्दीप दीक्षित यहां से कांग्रेस प्रत्याशी थे। उन्हें 4568 वोट ही मिल पाए।

बिजवासन विधानसभा सीट :

भारतीय जनता पार्टी के कैलाश गहलोत यहां से विजयी हुए हैं। उन्होंने आम आदमी पार्टी के सुरेंद्र भारद्वाज को हराया है। कैलाश गहलोत को 62377 वोट मिले। वहीं सुरेंद्र भारद्वाज को 52544 वोट मिल पाए। कांग्रेस के कर्नल देवेन्द्र कुमार सहरावत यहां 9039 वोट ही पा पाए। गौरतलब है कि, कैलाश गहलोत 9833 के मार्जिन से विजयी हुए।

मालवीय नगर विधानसभा सीट :

मालवीय नगर विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के सतीश उपाध्याय को 39564 वोट मिले हैं। आम आदमी पार्टी के सोमनाथ भारती को यहां 37433 वोट मिले हैं। कांग्रेस उम्मीदवार जितेन्द्र कुमार कोचर इस सीट से 6770 वोट पाए हैं। भाजपा की जीत का मार्जिन 2131 है।

पटपड़गंज विधानसभा सीट :

पटपड़गंज विधानसभा सीट से रविन्दर सिंह नेगी (रवि नेगी) को 74060 वोट मिले हैं। आम आदमी पार्टी ने यहां से अवध ओझा को मैदान में उतारा था। वे मात्र 45988 वोट ही पा सके। बीजेपी ने उन्हें 28072 मतों से हराया है। कांग्रेस को इस सीट पर 16549 वोट ही मिले।

कालकाजी विधानसभा सीट :

कालकाजी विधानसभा सीट से आप की आतिशी विजयी हुई हैं। उन्हें 52154 वोट मिले। उनके सामने भाजपा की ओर से खड़े हुए रमेश बिधूड़ी मैदान में थे। उन्हें 48633 वोट मिले हैं। कांग्रेस की अल्का लाम्बा को यहां से 4392 वोट ही मिले। आप की जीत का मार्जिन 3521 ही है।

बाबरपुर विधानसभा सीट :

बाबरपुर विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी के गोपाल राय को 76192 वोट मिले हैं। भारतीय जनता पार्टी के अनिल कुमार वशिष्ठ को 57198 वोट मिले। आम आदमी पार्टी 18994 वोट से यह सीट बचा पाई। यहां कांग्रेस के मोहम्मद इश्राक खान को केवल 8797 वोट मिले हैं।

सबसे कम वोट मार्जिन से जीतने वाले अन्य भाजपा प्रत्याशी :

- तिमारपुर से बीजेपी के सूर्य प्रकाश खत्री को 55941 वोट मिले। उन्होंने आप के सुरिन्द्र पाल सिंह (बिटटू) को 1168 वोट से हराया। कांग्रेस के लोकेन्द्र कल्याण सिंह को यहां 8361 वोट मिले।

- महरौली से बीजेपी के गजेंद्र सिंह यादव को 48349 वोट मिले। उन्होंने आप के महेंद्र चौधरी को 1782 वोट से हराया। कांग्रेस के पुष्प सिंह (9338) यहां चौथे नंबर पर थी। उनसे ज्यादा वोट निर्दलीय प्रत्याशी बालयोगी बाबा बालकनाथ को मिले।

- संगम विहार से बीजेपी के चन्दन कुमार चौधरी को 54049 वोट मिले। आप उम्मीदवार दिनेश मोहनिया को 53705 वोट मिले हैं। बीजेपी यहां 344 वोट से जीती है। कांग्रेस के हर्ष चौधरी को यहां 15863 वोट मिले हैं।

- त्रिलोकपुरी से भाजपा के रविकांत को 58217 वोट मिले हैं। आम आदमी पार्टी की अंजना परछा को उन्होंने 392 वोट से हराया है। कांग्रेस के अमरदीप को यहां 6147 वोट मिले हैं।

इन प्रमुख सीटों में हुए मतदान के आंकड़ों को ध्यान से देखने पर एक बात साफ है। कांग्रेस वोट काटू पार्टी के रूप में उभरी है। अधिकतर सीटों पर आप की हार और भाजपा की जीत का आंकड़ा लगभग उतना ही रहा जितने कांग्रेस को वोट मिले। कालकाजी सीट से आतिशी मुश्किल से जीत पाईं।

चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने INDIA गठबंधन के तहत एकसाथ चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया था। दोनों पार्टियों ने एक दूसरे के खिलाफ खूब प्रचार किया। लोकसभा चुनाव में जो एक दूसरे के त्याग बलिदान और ईमानदारी की दुहाई दे रहे थे उन्होंने विधानसभा चुनाव में एक दूसरे पर बेईमानी और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। जब विधानसभा चुनाव के परिणाम आने शुरू हुए तो नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने एक्स पर मीम शेयर किया और तंज कसते हुए कहा - "और लड़ो आपस में"

हालांकि इस बात पर विचार करने का कोई मतलब नहीं लेकिन राजनीतिक गलियारों में यह सवाल गूँज रहा कि, क्या आप और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ी होतीं तो क्या बीजेपी का 27 साल का वनवास खत्म होता?

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