कौन है काश पटेल: अमेरिका में बन गए FBI चीफ, कभी अयोध्या राम मंदिर को लेकर की थी टिप्पणी

अमेरिका में बन गए FBI चीफ, कभी अयोध्या राम मंदिर को लेकर की थी टिप्पणी
X
डेमोक्रेट्स सीनेटर ने इसका विरोध किया और कहा कि काश पटेल, ट्रंप और रिपब्लिकन के कड़े समर्थक हैं।

अमेरिका में फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन(FBI) के नए चीफ भारतीय मूल के काश पटेल बन गए हैं। काश पटेल को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का खास माना जाता है। अमेरिकी सीनेट में काश कि नियुक्ति को 51-49 मतों से मंजूरी मिली है। डेमोक्रेट्स सीनेटर ने इसका विरोध किया और कहा कि काश पटेल, ट्रंप और रिपब्लिकन के कड़े समर्थक हैं। ऐसे में एफबीआई का इस्तेमाल राष्ट्रपति के राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने के लिए भी किया जा सकता है।

कौन है काश पटेल?

कश्यप प्रमोद विनोद पटेल (काश पटेल) का जन्म 25 फरवरी, 1980 को गार्डन सिटी, न्यूयॉर्क में हुआ था। उनके माता-पिता भारतीय गुजराती अप्रवासी हैं, इसलिए उनका पालन पोषण हिंदू धर्म में हुआ। उनके माता पिता को लेकर बताया जाता है कि पहले वो अफ्रीका गए जहां उन्हें जातीय उत्पीड़न झेलना पड़ा उसके बाद वो अमेरिका पहुंचे और वहीं बस गए।

कहां से हुई पढ़ाई?

गार्डन सिटी हाई स्कूल से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद काश पटेल ने 2002 में यूनिवर्सिटी ऑफ रिचमंड से इतिहास और अपराध न्याय में बैचलर ऑफ आर्ट्स की डिग्री ली। 2005 में पेेस यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लॉ से कानूनी डिग्री प्राप्त की और 2004 में यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन से अंतर्राष्ट्रीय कानून में डिप्लोमा भी किया।

कुछ ऐसा रहा अब तक का करियर

काश पटेल ने 2006 से 2014 तक मियामी-डेड काउंटी, फ्लोरिडा में एक पब्लिक डिफेंडर के रूप में करियर की शुरुआत की। इसके बाद 2014 से 2017 तक वह यूएस डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस में ट्रायल अटॉर्नी रहे। 2017 में हाउस इंटेलिजेंस कमिटी में काउंटरटेररिज्म के लिए सीनियर काउंसल बने।

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का किया था समर्थन

जब भारत के अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी, उस समय काश पटेल ने सोशल मीडिया पोस्ट कर इसका समर्थन किया था उन्होंने पोस्ट में लिखा था कि अयोध्या के 50 वर्षों की बात कर रही है लेकिन राम मंदिर के 500 साल से भी पुराने इतिहास को भुला दिया गया है। उनके इस पोस्ट ने विदेशी मीडिया में खूब सुर्खिया बटोरी थी।

Tags

Next Story