वक्फ संशोधन विधेयक बन गया कानून: संसद के दोनों सदनों के बाद राष्ट्रपति से भी मिली मंजूरी

Wakf Amendment Bill
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शनिवार देर रात राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वक्फ संशोधन विधेयक पर अपने हस्ताक्षर किए। जिसके बाद अब यह एक कानून बन गया है जो पूरे देश में लागू होगा।

संसद के दोनों सदनों के बाद अब वक्फ संशोधन विधेयक को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मंजूरी मिल गई है। सीधे शब्दों में कहें तो पूरे देश में अब एक नया क़ानून लागू होगा। जिससे देश के ग़रीब और पसमांदा मुसलमानों और मुस्लिम समुदाय की महिलाओं की स्थिति में सुधार लाया जा सकेगा। शनिवार देर रात राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस विधेयक पर अपने हस्ताक्षर किए। इसके पहले बुधवार देर रात लोकसभा में और गुरुवार देर रात राज्यसभा में विधेयक पूर्ण बहुमत से पारित हुआ था।

संसद के दोनों सदनों में विपक्ष ने किया था विरोध

संसद के दोनों सदन लोकसभा और राज्यसभा में जब इस बिल को पेश किया गया था तो विपाक्षियों ने भारी विरोध किया। उच्च सदन राज्यसभा में वक्फ संशोधन विधेयक के पक्ष में 128 और विपक्ष में 95 पड़े थे। वहीं, लोकसभा में बिल के पक्ष में 288 और विपक्ष में 232 वोट पड़े थे। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सरकार से विधेयक वापस लेने की अपील की थी। बाद में विपाक्षियों ने इसे कोर्ट में चुनौती देने की बात भी कही थी।


सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई याचिकाएं

शनिवार को कानून के प्रावधानों को लागू करने या उसे कार्यान्वित करने पर रोक लगाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में दो याचिकाएं लगाई गई हैं। पहली याचिका आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह ने दायर की है। दूसरी याचिका एसोसिएशन फॉर द प्रोटेक्शन इन द मैटर्स ऑफ सिविल राइट्स नामक संस्था ने दाखिल की है।

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड करेगा देशव्यापी आंदोलन

दूसरी तरफ़ वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ ऑल इंडिया मुस्लिम लॉ पर्सनल बोर्ड ने देशव्यापी आंदोलन करने का ऐलान किया है। 'Save Waqf, Save the constitution' नाम से इस अभियान को मुख्यत: दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद और बेंगलुरु में चलाया जाएगा।

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