मुख्यमंत्री मोहन यादव ने क्षिप्रा में लगाई डुबकी, बोले- कुछ लोग प्रश्न करते हैं तो दुख होता है

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने क्षिप्रा में लगाई डुबकी, बोले- कुछ लोग प्रश्न करते हैं तो दुख होता है
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शिप्रा में मिल रहे गंदे नाले के पानी को लेकर तराना से विधायक व उज्जैन लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी महेश परमार ने सवाल उठाएं थे

उज्जैन। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव गुरुवार को उज्जैन प्रवास के दौरान क्षिप्रा के दत्त अखाड़ा घाट पहुंच गए। उन्होंने नदी में डुबकी लगाई और तैराकी भी की। उन्होंने क्षिप्रा के जल से आचमन भी किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि उज्जैन की पहचान मां क्षिप्रा से है। हमारी परंपरा है कि स्नान के बाद तीर्थ की महत्ता बढ़ाएं, लेकिन बड़ा दुख होता है कि कुछ लोग मां शिप्रा पर प्रश्न करते हैं।

दरअसल, मुख्यमंत्री डॉ. यादव गुरुवार को कार्यकर्ता सम्मेलन में शामिल होने के लिए उज्जैन पहुंचे थे। वे यहां फ्रीगंज इलाके में आयुष्मान लाभ विस्तार अभियान में शामिल हुए और 70 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों को आयुष्मान भारत योजना के तहत फॉर्म भरवाए। उन्होंने नव मतदाता और लाभार्थियों से मुलाकात भी की।

कांग्रेस नेता ने उठाएं सवाल -

बता दें कि गत 23 अप्रैल को शिप्रा में मिल रहे गंदे नाले के पानी को लेकर तराना से विधायक व उज्जैन लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी महेश परमार ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि पिछले 20 साल से मध्यप्रदेश और 10 साल से देश में भाजपा की सरकार है। धर्म के नाम पर राजनीति करने वाले लोग कहां हैं? 40-50 लाख इंदौर वासियों का मल-मूत्र रोज इसमें मिलता है। शिप्रा मां अशुद्ध हो रही है। मुख्यमंत्री ने शिप्रा मां को शुद्ध करने की शपथ ली थी। टिकट मिलने पर डुबकी लगाई थी। 600-1000 करोड़ खर्च हो गए। बात सनातन, महाकाल और प्रभु श्रीराम की करते हैं, मां शिप्रा को शुद्ध नहीं कर पाए।

मुख्यमंत्री ने किया पलटवार -

उज्जैन प्रवास पर आए मुख्यमंत्री ने परमार का नाम लिए बिना कहा कि सभी जानते हैं कि मां का तट है, इसकी पवित्रता बनाई रखनी चाहिए। शिप्रा का पानी हरा-भरा है, मई के महीने में भी पानी है। नदी में स्नान करने का आनंद ही अलग है।' उन्होंने कहा कि कल से यहां पंचक्रोशी की बड़ी परिक्रमा प्रारंभ होगी। उज्जैन में हमारी सरकार द्वारा किए गए काम के कारण पूरे साल नदी का जल मिल रहा है, मुझे इस बात का संतोष है। आज से 20 साल पहले यहां नवंबर-दिसंबर के बाद पानी नहीं मिलता था।

साधु-संतों का आशीर्वाद लिया

मुख्यमंत्री ने संत समागम एवं कार्यकर्ता सम्मेलन में कहा कि आज भी कांग्रेस के बड़े-बड़े नेता अयोध्या में भगवान राम के दर्शन के लिए नहीं जा रहे। क्यों नहीं जा रहे? क्योंकि उनको लगता है कि दूसरे धर्म के वोट नहीं मिलेंगे। ये उनकी गलतफहमी है।'आज भगवान राम का आनंद आया है। कल नई सरकार बनेगी। निश्चित रूप से गोपाल कृष्ण भी मुस्कुराएंगे। मुख्यमंत्री सम्मेलन के बाद दत्त अखाड़ा पहुंचे और साधु-संतों का आशीर्वाद लिया। इसके बाद उन्होंने भाजपा प्रत्याशी अनिल फिरोजिया के लिए वार्ड- 38 में जनसंपर्क किया। भाजपा के संभागीय कार्यालय शक्ति भवन में अखंड ज्योति हनुमान मंदिर में दर्शन किए।

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