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नागचंद्रेश्वर मंदिर में दर्शन करने उमड़ा जनसैलाब, 3 लाख से अधिक ने किए दर्शन
उज्जैन। श्रावण मास के सातवें सोमवार को महाकाल की सवारी निकाली जा रही है। भगवान महाकाल जटाशंकर स्वरूप में दर्शन दे रहे हैं। सोमवार यानि आज के दिन नागपंचमी का संयोग होने के कारण भक्तों की भारी भीड़ देखी गई।श्री महाकालेश्वर मंदिर के द्वितीय तल पर श्री नागचन्द्रेश्वर भगवान की अपराह्न 12 बजे श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा के महंत विनितगिरी जी महाराज द्वारा पूजन किया गया । इसके बाद आम लोगों के लिए दर्शन करने का सिलसिला शुरू हुआ। अभी तक 3 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के दर्शन का दावा मंदिर समिति द्वारा किया गया। देर रात तक यह संख्या और अधिक हो जाएगी।
पूजन में संभागायुक्त डॉ. संजय गोयल, मंदिर समिति के अध्यक्ष एवं कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम, नगर पालिक निगम आयुक्त रोशन कुमार सिंह, मंदिर प्रशासक संदीप कुमार सोनी, पुलिस अधीक्षक सचिन शर्मा आदि ने भी नागचंद्रेश्वर भगवान का पूजन किया।दर्शन का सिलसिला सोमवार रात 12 बजे तक जारी रहेगा। इसके बाद एक वर्ष के लिए मंदिर के पट पुनः बन्द हो जाएंगे।
साल में एक दिन पट खुलने की परंपरा -
जानकारी के लिए बता दें कि प्राचीनकाल से पंचांग तिथि अनुसार सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन ही इस मंदिर के पट खुलने की परंपरा है। श्री नागचंद्रेश्वर भगवान की यह प्रतिमा 11वीं शताब्दी की है। इस प्रतिमा में फन फैलाए नाग के आसन पर शिव जी के साथ देवी पार्वती बैठी हैं। संभवत: दुनिया में ये एक मात्र ऐसी प्रतिमा है, जिसमें शिवजी नाग शैया पर विराजमान हैं। मंदिर में शिवजी, मां पार्वती, श्रीगणेश जी के साथ ही सप्तमुखी नाग देव हैं। दोनों के वाहन नंदी और सिंह भी विराजमान हैं। शिव जी के गले और भुजाओं में भी नाग लिपटे हुए हैं।