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सावन के पहले दिन महाकाल मंदिर में उमड़ा भक्तों का सैलाब, जानिए नई दर्शन व्यवस्था
उज्जैन। श्रावण मास के पहले दिन मंगलवार को भगवान महाकाल भक्तों को दर्शन और आशीर्वाद देने के लिए करीब एक घंटा पहले जागे। सुबह तीन बजे मंदिर के पट खोले गए। हजारों श्रद्धालुओं ने सावन के पहले दिन बाबा महाकाल की भस्म आरती के दर्शन किए। इसी के साथ मंदिर में श्रावण मास के लिए तय की गई नई व्यवस्थाएं भी लागू हो गई हैं।
भोर में तीन बजे मंदिर के पट खुलने के बाद पुजारी, पुरोहितों ने जलाभिषेक किया। इस दौरान भगवान महाकाल का शृंगार कर भस्म आरती की गई।हजारों श्रद्धालुओं ने चलायमान भस्मारती व्यवस्था के तहत दर्शन किए। सुुबह भस्मारती के पूर्व भगवान महाकाल का जल से स्नान कराने के बाद भांग, अबीर, चन्दन से शृंगार कर मस्तक पर तिलक, आभूषण और नवीन वस्त्र अर्पित किए गए। महानिर्वाणी अखाड़ा महंत द्वारा भस्म अर्पित की गई। सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है। इस मास में भगवान शिव की विशेष रूप से पूजा-अर्चना की जाती है।
मंदिर के प्रशासक संदीप सोनी के मुताबिक शीघ्र दर्शन 250 रुपये की टिकट काउंटर से लेकर या इसे मंदिर की वेबसाइट से ऑनलाइन प्राप्त किया जा सकता है। नंदी हॉल से दर्शन की केवल प्रोटोकॉल यानी विशेष अनुमति प्राप्त लोगों को ही पात्रता रहेगी। आरती के दौरान संख्या सीमित रहेगी। कावड़ यात्रियों का प्रवेश केवल मंगलवार से शुक्रवार तक रहेगा। वे जलाभिषेक कर सकेंगे। दर्शनार्थी गणेश मंडपम एवं कार्तिकेय मंडपम में बेरिकेड्स के पीछे से दर्शन कर सकेंगे। मंगलवार से सामान्य दर्शनार्थियों को त्रिवेणी संग्रहालय के पास से महाकाल लोक होकर मानसरोवर से मंदिर में प्रवेश दिया जा रहा है। अन्य दिनों में इस मार्ग के साथ हरसिद्धि से बड़ा गणेश होकर मानसरोवर से मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे।
भस्म आरती, ऑनलाइन एवं ऑफलाइन अनुमति दी जा रही है। बिना अनुमति वाले लोगों को आज सुबह चलित भस्म आरती दर्शन कराए गए। हर सोमवार को रात ढाई बजे पट खुल जाएंगे, बाकी दिनों में मंदिर के पट रात 3 बजे खुलेंगे। आज 4 जुलाई से 11 सितंबर तक 70 दिन के लिए गर्भगृह में प्रवेश बंद रहेगा। इस दौरान केवल पंडे-पुजारी ही पूजन कर सकेंगे।
एक नजर प्रवेश व्यवस्था पर
सामान्य दर्शनार्थी : महाकाल लोक से प्रवेश कर नए फैसिलिटी सेंटर 2 से होकर पुराने फैसिलिटी से होकर नई टनल अथवा टनल की छत से कार्तिकेय मंडपम् पहुंचेंगे।
250 रुपये : बड़े गणेश मंदिर के सामने से 4 नंबर गेट से होकर विश्रामधाम से सभामंडप होकर बैरिकेड्स से दर्शन के बाद निर्गम कराया जाएगा।
वीआईपी: वीआईपी को गेट नंबर एक यानी महाकाल प्रशासनिक कार्यालय के सामने से मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा। अतिविशिष्ट को निर्माल्य गेट से मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा।
नियमित दर्शनार्थी: गेट नंबर 4 से विश्रामधाम से सभामंडप होकर बैरिकेड्स से दर्शन करवाए जाएंगे।
हरिओम जल: नियमित रूप से आने वाले श्रद्धालु यह जल चढ़ा सकेंगे।