दिग्विजय सिंह को महाकाल मंदिर की शुल्क व्यवस्था पर आपत्ति, ज्योतिरादित्य सिंधिया पर लगाए आरोप

दिग्विजय सिंह को महाकाल मंदिर की शुल्क व्यवस्था पर आपत्ति, ज्योतिरादित्य सिंधिया पर लगाए आरोप
- परंपरागत शैली में सिंधिया पर लगाए आरोप, ठेकेदारों को भी गुजरात से जोड़ा

उज्जैन/वेब डेस्क। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह शुक्रवार को उज्जैन के दौरे पर है। उनकी यह यात्रा पूरी तरह से राजनीतिक थी। उन्होंने शहर की दोनों विधानसभा उत्तर और दक्षिण के कार्यकर्ताओं से चर्चा की। आगामी विधानसभा चुनाव की रणनीति को समझा और सभी को एकजुट होकर पार्टी के लिए कार्य करने की सलाह दी। अपने उज्जैन दौर की शुरूआत उन्होंने पत्रकारवार्ता से की। यहां उन्होंने अपनी परम्परागत शैली में भाजपा पर आरोपों की छड़ी लगा दी। कांग्रेस की सरकार आने पर क्या किया जाएगा, यह गिनाना शुरू कर दिया। उनके आरोपों के केंद्र में हर बार की तरह ज्योतिरादित्य सिंधिया रहे। चर्चा के दौरान दिग्विजय ने प्रदेश में होने वाले चुनाव में कांग्रेस की सरकार आने की बात कहीं। जब उनसे प्रश्न पूछा गया कि अगर फिर किसी ने सरकार गिरा दी तब क्या करेंगे ? उन्होंने जबाब दिया कि वह बाबा महाकाल से प्रार्थना करते है कि अब कोई दूसरा ज्योतिरादित्य सिंधिया न हो। उन्होंने यह भी कहा कि अब पार्टी बिकाऊ नहीं टिकाऊ प्रत्याशी को टिकट देगी। कुल मिलाकर एक बार फिर दिग्विजिय सिंह ने अप्रत्यक्ष रूप से अपनी ही पार्टी को घेरा। उनके अनुसार अब तक बिकाऊ को टिकट दिया जाता रहा है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि एसी और एसटी के विधायक 50 करोड़ में नहीं बिके और राजा-महाराज बिक गए।

महाकाल मंदिर के शुल्क व्यवस्था पर आपत्ति

दिग्विजय सिंह ने श्री महाकालेश्वर मंदिर में लगने वाले विभिन्न शुल्क पर आपत्ति ली। उनके अनुसार मंदिर में हर काम का शुल्क लिया जा रहा है। उन्होंने मंदिर पर पास संचालित एक न्यास पर बेबुनियादी तौर पर दुकानदारी के आरोप लगा दिया। उनके अनुसार प्रदेश में जितने भी निर्माण कार्य हो रहे है। सभी के ठेकेदार गुजराती कंपनी हैं। प्रदेश में योग्य ठेकेदारों की कमी है क्या? उन्होंने श्री महाकाल लोक प्रोजेक्ट का श्रेय कमलनाथ को दिया और उनकी सरकार में ही राशि स्वीकृत होने की बात कही। उज्जैन की केंद्रीय जेल में हुए कर्मचारियों के जीपीएफ खाते में से करीब 15 करोड़ के गबन कांड की जांच सीबीआई से करवाने की मांग का भी समर्थन किया। दिग्विजय सिंह ने लाड़ली बहना योजना पर भी सवाल खड़े किए। उनका कहना था कि यह योजना भी संबल जैसी हो जाएगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह करीब 2100 ऐसी घोषणा कर चुके हैं, जिन पर कोई अमल नहीं हुआ है।

कश्मीर में आंतक बढ़ने का आरोप लगाया

दिग्विजय सिंह का कहना था कि जम्मू कश्मीर शांत प्रदेश था। सरकार का दावा था कि धारा 370 हटने के बाद जम्मू में आंतकवाद खत्म हो जाएगा। जबकि उल्टा वह घटना बढ़ गई है। वहां पर आंतकवादी घटना में उपयुक्त होने वाले हथियार में चीन की मार्किंग मिली है। चीन की इन घटना को प्रश्रय दे रहा है। उन्होंने पूर्व राज्यपाल सतपाल मलिक के एक इंटरव्यू की बातों को भी उठाया। जो वर्तमान में चर्चा में है।

दोनों विधानसभा में हुए दो कार्यक्रम

दिग्विजय सिंह द्वारा दक्षिण और उत्तर दोनों विधानसभा में दो बैठक ली। पहली बैठक पार्टी के मंडल और सेक्टर पदाधिकारियों की रही। दूसरी तरफ पार्टी के वर्तमान और पूर्व पदाधिकारी, वरिष्ठ नेता, कार्यकर्ता शामिल हुए। दक्षिण की बैठक इंदौर रोड स्थित होटल और उत्तर की बैठक आगर रोड स्थित मैरिज हॉल में हुई।

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