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ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अचानक भाषण रोक महिला शिक्षिकाओं को दिलाई बैठने की जगह
उज्जैन दौरे पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया
उज्जैन। शिक्षकों के साथ कार्यक्रम में विशेष स्तिथि उत्पन्न हुई जब महिलाशिक्षकों को बैठने को जगह नहीं मिल रही थी तो केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपना अभिभाषण रोक कर महिला शिक्षकों को जगह दिलाई । उन्होंने पुरुष शिक्षकों व पूरी भीड़ को बड़े दिलचस्प तरीक़े से कहा , “ यत्र नारायस्तु पूजनते तत्र रमनते देवता। “ , जहां नारियों का सम्मान किया जाता है वहाँ देवता विराजते है । पूरे भारत में सर्वप्रथम नारियों का सम्मान किया जाता है ..और ये कहते कहते उन्होंने चिन्हित करते हुए पुरुष शिक्षकों को कुर्सियों से उठवाकर महिला शिक्षकों को बैठने की जगह दिलाई । एक पुरुष शिक्षक महिला शिक्षिकाओ के बीच अकेले बैठे थे तो उसे कहा की “आप अल्पसंख्यक हो उठ जाओ और कार्यक्रम में आई बहुसंख्यक महिला शिक्षकों को जगह दो । हम पुरुषों को कभी नहीं लगा था कि अल्पसंख्यक शब्द हमारे लिए उपयोग होगा लेकिन इस कार्यक्रम में वास्तविक तौर पर हम अल्पसंख्यकों है और मैं अपनी मातृ शक्ति को बधाई देना चाहता हूँ की वो इस संख्या में कार्यक्रम में पधारे।“
उन्होंने अपना निजी अनुभव साझा करते हुए यह भी बताया की उन्होंने अपने शैक्षिक जीवन में यह अनुभव किया है की महिला शिक्षक - अनुशासन और ज्ञान वितरण, दोनों ही पहलुओं में नवीनता लाती है और साथ ही उन्होंने सभा में मौजूद सभी महिला शिक्षकों को नमन भी किया। उन्होंने कहा की ये जो हमारी मातृ शक्ति है ये हमारी ऊर्जा , पिछले 9 साल में 10 से 5वीं स्थान और 2030 तक 5वीं से विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में हमारी मातृ शक्ति के योगदान से प्राप्त होगा ।