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शिक्षक दिवस : चयनितों को दीपावली मनवा सकते है, मामा
उज्जैन। 27 % ओबीसी आरक्षण का फैसला होने के बाद 02 साल से युद्ध रत चयनित अथितियों को नियुक्ति पत्र थमा कर मामा दीवाली मनवा सकते है।आसार प्रबल है। चयनितों के लगातार प्रदर्शनों, धरना, आदि के दबाब के अलावा केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, कुछ काबीना मंत्रियो का भी दबाब बताता जा रहा है। इधर स्कूल तो खोल दिए। मगर शिक्षको के टोटे से हर स्कूल त्रस्त है।पढ़ाई का नुकसान होने से प्रचार्य को रिजल्ट का बंटाधार होने का अंदेशा है। वर्चुल मिटिंगों में अनेकों प्रचार्यो ने शिक्षक की तंगी का दुखड़ा बयान करके स्कूल के ढांचे ओर सम्भावित परिणामों से आगाह कर दिया।
प्रदेश सरकार 28 शिक्षको ओर केंद्र सरकार 44 गुरुओं को शिक्षक दिवस पर सम्मानित करने जा रही है। इस नायब मौके पर हो सकता है,मामा पिघल जाए और चयनितों को नवाज कर रोजगार की राह आसान कर दे। बेरोजगारी के खिलाफ कांग्रेस आंदोलन रत है। ये मुद्दा बहुत नाजुक और सीधे भविष्य से जुड़ा होने से प्रभावित करता है।
सरकार की अस्थिर,व्यवहारिक कार्यप्रणाली से चयनितों में आक्रोस ओर अविश्वास जड़े जमा चुका है। 15 अगस्त तक नियुक्ति देने का वायदा पूरा न होने पर पूरे प्रदेश से हजारो चयनितों ने एक बार फिर भोपाल में बीजेपी प्रदेश कार्यालय पर जोरदार दस्तक दी। मामा के लिए राखियां लेकर गयी महिला शिक्षको को भी प्रशासन ने नही बक्सा।जम कर की गई कुटाई को कांग्रेस ने अलोकतांत्रिक ओर टेटवा दबाना बताया। नतीजन चयनित एक बार फिर कूट कर बेरंग वापस हो लिए।
हालांकि एक बार फिर शिक्षा विभाग ने शीघ्र ही नियुक्ति देने का वचन दिया। वचन देते हुए कहाकि कृपा ओबीसी आरक्षण के फैसले पर रुकी है। इस कृपा को भी कृपा में बदल मामा ने इतिहास तो रच दिया। मगर बिना किसी अड़ंगे पर नोकरशाही अमल कर दे तो कृपा होगी।