MP GIS 2025: एमपी में फूड प्रोसेसिंग उद्योग को बढ़ावा देना आवश्यक - केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान
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Shivraj Singh Chouhan in MP Global Investors Summit 2025
Shivraj Singh Chouhan in MP Global Investors Summit 2025 : भोपाल। कृषि, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा इनवेस्ट मध्यप्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 में आयोजित सीड टू सेल्फ (Seed to Self) इन लांचिंग इन्वेस्टमेंट अपार्चुनिटी इन एमपी एग्री फूड एण्ड डेयरी सेक्टर पर एक महत्वपूर्ण सत्र का आयोजन किया गया। इस सत्र में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, राज्य में फूड प्रोसेसिंग (Food Processing) उद्योग को बढ़ावा देना आवश्यक है, ताकि फसल का मूल्य संवर्धन (Value Addition) हो सके और किसान और उत्पादक इकाइयाँ दोनों को लाभ मिल सके।
किसानों को नहीं मिलता फसलों का उचित मूल्य
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस बात पर जोर दिया कि उद्यानिकी फसलों के अंतर्गत टमाटर, मटर, प्याज, लहसुन, मिर्च, गेहूं और चावल जैसे प्रमुख उत्पादों में मध्यप्रदेश का देश में अग्रणी स्थान है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इन फसलों के अधिक उत्पादन के बावजूद, किसानों को इनका उचित मूल्य प्राप्त नहीं हो पाता है।
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि, राज्य में निवेश के क्षेत्र में अपार संभावनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश निवेश के लिए आवश्यक सभी बुनियादी सुविधाओं से सुसज्जित राज्य है। प्रदेश के पास एक लाख हैक्टेयर का लैण्ड बैंक है, जो इसे देश का पहला राज्य बनाता है, जहां इतनी बड़ी भूमि उपलब्ध है।
भारत को फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में वर्ल्ड लीडर बनने का मिलेगा अवसर
कृषि-उद्यानिकी उत्पादन की प्रचुरता से न केवल राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, बल्कि भारत को फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में वर्ल्ड लीडर बनने का भी अवसर प्राप्त होगा। इस दिशा में केंद्रीय कृषि मंत्रालय नई किस्मों के बीज और पौधों का विकास कर रहा है ताकि कृषि उत्पादन को बढ़ावा मिल सके।
उन्होंने यह भी बताया कि राज्य और देश की फूड प्रोसेसिंग इकाइयों को लाभ पहुंचाने के लिए भारत सरकार ने चावल पर एक्सपोर्ट ड्यूटी को शून्य कर दिया है और ऑयल पर इम्पोर्ट ड्यूटी को 27 प्रतिशत बढ़ाया है। इस कदम से भारतीय उत्पादकों को विदेशों में अपनी उपज के लिए बेहतर मांग मिलेगी।
केंद्रीय मंत्री ने राज्य में निवेशकों को पूरी तरह से सहयोग देने का आश्वासन भी दिया और मध्यप्रदेश को निवेश के लिए एक आकर्षक स्थल बनने के कारण इसे एक महत्वपूर्ण अवसर माना।