UP Weather Update: पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश, सरयू नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर,आज 29 जिलों में अलर्ट

पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश, सरयू नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर,आज 29 जिलों में अलर्ट

UP Weather Today : उत्तर प्रदेश में पांच दिन की भारी बारिश के बाद नदी-नाले उफान पर है। पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश और नेपाल से पानी छोड़े जाने के बाद सरयू नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। श्मशान घाट पर पानी आ चुका है। प्रयागराज में सड़कों पर अंतिम संस्कार किया जा रहा। देहात इलाकों में 10 हजार से ज्यादा घरों में पानी घुस गया। इसी कड़ी में मौसम विभाग ने आज प्रदेश के 29 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।

इन जिलों में बारिश का अलर्ट

लखनऊ, श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, बस्ती, संतकबीरनगर, महाराजगंज, कुशीनगर, गोरखपुर, देवरिया, बलिया, मऊ, आजमगढ़, जौनपुर, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर, सोनभद्र, फतेहपुर, बांदा, चित्रकूट, कौशांबी, प्रतापगढ़, जौनपुर, प्रयागराज, भदोही, आजमगढ़ और बस्ती में आज भारी से अतिभारी बारिश की चेतावनी है।

खतरे के निशान से ऊपर सरयू नदी

केंद्रीय जल आयोग अयोध्या के प्रभारी अमन राज सिंह ने बताया कि, सरयू नदी खतरे के निशान से 53 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है...पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश और बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण जलस्तर बढ़ रहा है। काशी के सभी घाट और करीब 2000 छोटे-बड़े मंदिर गंगा में डूब गए हैं।

गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा

वाराणसी में गंगा नदी का वाटर लेवल हर घंटे 3 सेंटीमीटर बढ़ रहा है। गंगा खतरे के निशान के करीब बह रही हैं। अस्सी घाट पूरी तरह से डूब चुका है। मर्णिकर्णिका और हरिश्चद्र घाट डूब चुके हैं। 6 फीट की पतली गली में दाह संस्कार हो रहे हैं। वहीं, मणिकर्णिका घाट की छत पर शव जलाए जा रहे हैं। गंगा नदी से सटे कोनिया, सलारपुर, रत्नाकर विहार, काशीपुरम इलाकों तक पानी पहुंचने के बाद DM ने लोगों को खुद ही शिफ्ट होने के लिए कह दिया है। वरुणा पार के इलाकों में लोग शिफ्ट भी होने लगे हैं। करीब 25 हजार लोग घर छोड़ चुके हैं। नाविकों को नदी में नाव ले जाने से मना किया गया है।

यूपी में नहीं हुआ कोटा पूरा

यूपी में रविवार को औसतन 2.2 मिमी बारिश हुई। सहारनपुर में सबसे ज्यादा 40.4 मिमी जबकि 52 जिलों में पानी नहीं बरसा। 1 जून से अब तक प्रदेश में 638.1 मिमी बारिश हुई है। जो सामान्य बारिश (692 मिमी) से 8% कम है। मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि हिमालय के तराई और मध्यप्रदेश से सटे जिलों में ही अच्छी बारिश हुई।

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