Bahraich violence: रामगोपाल हत्याकांड पर UP सरकार का एक्शन, CO के बाद हटाए गए एडिशनल SP
रामगोपाल हत्याकांड पर यूपी सरकार का एक्शन, CO के बाद हटाए गए एडिशनल एसपी भी हटाए
Bahraich Violence : उत्तर प्रदेश। रामगोपाल हत्याकांड पर यूपी सरकार का क्शन जारी है। उत्तर प्रदेश के बहराइच में हुई हिंसा के बाद प्रशासनिक कार्रवाई जारी है। महसी सीओ रूपेंद्र गौड़ के बाद, लापरवाही बरतने के आरोप में एडिशनल एसपी पवित्र मोहन त्रिपाठी को हटा दिया गया है। उनकी जगह दुर्गा प्रसाद तिवारी को नया एडिशनल एसपी नियुक्त किया गया है, जबकि त्रिपाठी को डीजीपी मुख्यालय से अटैच किया गया है, जिससे आगे की कार्रवाई की संभावना बनी हुई है।
महसी से भाजपा विधायक सुरेश्वर सिंह ने 13 अक्टूबर को हिंसा के मामले में एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसमें अर्पित श्रीवास्तव समेत आठ लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया। आरोपों में दंगा फैलाने, पथराव और हत्या के प्रयास जैसी गंभीर धाराएँ शामिल हैं, और मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
ये है पूरा मामला
बहराइच के थाना हरदी क्षेत्र के रेहुआ मंसूर गांव निवासी रामगोपाल मिश्रा 13 अक्टूबर की शाम दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के लिए निकले जुलूस में शामिल थे। जब यह जुलूस महराजगंज बाजार में एक समुदाय विशेष के मोहल्ले से गुजर रहा था, तो दो पक्षों के बीच कहासुनी हो गई। इस दौरान आरोप है कि छतों से पत्थर फेंके गए, जिससे भगदड़ मच गई। इसी बीच रामगोपाल को एक घर की छत से गोली मार दी गई, जिससे उनकी मौत हो गई।
बुलडोजर एक्शन पर रोक
बहराइच में बुलडोजर एक्शन पर इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने 15 दिनों के लिए रोक लगा दी है। पीडब्ल्यूडी विभाग ने जिन 23 लोगों के घरों और दुकानों पर नोटिस चिपकाए थे, उन्हें जवाब दाखिल करने के लिए 15 दिनों का वक्त दिया गया है। अब 23 अक्टूबर को सुनवाई के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट में याचिका
बहराइच हिंसा के एक आरोपी ने राज्य सरकार द्वारा जारी बुलडोजर एक्शन नोटिस पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। याचिका में कहा गया है कि आरोपित का निर्माण 25 साल पुराना है और हिंसा के बाद अनावश्यक रूप से घरों को निशाना बनाया जा रहा है।