दीनदयाल जी और बाबा सहाब के विचारों में हमेशा एक समानता रही है-बेबी रानी मौर्य

-हरिनाम संर्कीतन के साथ तीन दिवसीय पंडित दीनदयाल जन्मोत्सव प्रारंभ

दीनदयाल धाम,फरह। एकात्ममानव दर्शन के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय व संविधान शिल्पी डाॅ. बाबा सहाब आंबेडकर के विचारों में समानता रही है। दोनों ही महापुरूषों ने समाज एवं वंचितों के कल्याण के लिए चिंतन किया और उनका उत्थान किया। बुधवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के जन्मोत्सव कार्यक्रम में सहभागी होने के लिए दीनदयाल धाम आयीं उत्तराखंड की राज्यपाल बेबीरानी मौर्य ने कहा कि दीनदयाल जी की जन्मभूमि में आकर वह अपने को गौरवान्वित अनुभव कर रही हैं।

मातृमंडल सेवा भारती के तत्वावधान में आयोजित रंगोली प्रतियोगिता का उन्होंने शुभारंभ किया और मातृमंडल की बहिनों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि दीनदयाल जी के विचारों को उन्होंने अपने जीवन में उतारा, इसी का परिणाम है कि वह आज उत्तराखंड की राज्यपाल हैं।

बेटियों को आसमान में उड़ने दो


उन्होंने कहा कि वह स्वयं एक संयुक्त परिवार में पली-बढ़ी हैं और कभी उन्होंने ऐसा महसूस नहीं किया कि परिवार पर बेटी बोझ होती है, कहा कि अब्दुल कलाम जी कहते थे कि बेटियों को आसमान में उड़ने दो, खुला छोड़ दो जिससे कि बड़े-बड़े सपने देखे और उनको पूरा कर सकें।

प्रतिभागियों को किया सम्मानित

उन्होंने रंगोली प्रतियोगिता में छात्राओं द्वारा पर्यावरण सरंक्षण, बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ, जल सरंक्षण आदि पर बनाई गई मनमोहक रंगोलियों की प्रशंसा की। कार्यक्रम के अंत में उन्होंने रंगोली प्रतियोगिता के प्रतिभागियों को मंच से सम्मानित भी किया।

इनकी रही उपस्थिति

कार्यक्रम का संचालन रीना सिंह ने किया और इस दौरान मंच पर स्मारक समिति के सरंक्षक बाँके बिहारी माहेश्वरी, अशोक कुमार टेंटीवाल, डॉ. रोशनलाल, रेनुका डंग, निर्मला सिंह आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम में क्षेत्रीय सेवा प्रमुख गंगाराम जी, गोवर्धन के विधायक विधायक कारिंदा सिंह, चेयरमैन फरह केके पचैरी, गीतासिंह, जगमोहन पाठक, नरेन्द्र पाठक, महीपाल सिंह जादौन, फरह के संघचालक मनीष गुप्ता, ब्रजमोहन गौड़, सेवा भारती आगरा के अध्यक्ष वीरेंद्र वाष्र्णेय, महामंत्री जगमोहन गुप्ता, आगरा विभाग प्रचार प्रमुख मनमोहन निरंकारी, प्रतिभा जिंदल आदि उपस्थित रहेे। कार्यक्रम का संचालन मातृमंडल सेवा भारती की क्षेत्रीय बौद्धिक प्रमुख रीना सिंह ने किया।

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