प्रभू श्रीराम के आदर्शो का समाज में प्रसार करेगी श्रीराम कथा

प्रभू श्रीराम के आदर्शो का समाज में प्रसार करेगी श्रीराम कथा
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सेवा भारती के तत्वावधान में 26 से 4 अक्टूबर तक आयोजित

आगरा। सेवा भारती, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रेरणा से चलने वाला एक ऐसा संगठन है तो समाज में शिक्षा, संस्कार, सामाजिक जागरूकता, समरसता, स्वरोजगार, वंचितों की सेवा व दूरस्थ रहने वाले वनवासियों की सेवार्थ कार्य करता है। समाज में प्रभू श्रीराम के आदर्शो व मर्यादाओं की स्थापना की दृष्टि से सेवा भारती, छावनी महानगर आगरा द्वारा 26 सितंबर से 4 अक्टूबर तक ग्वालियर रोड, सेवला सराय स्थित प्रकाश फार्म हाउस पर प्रतिदिन 2 बजे सांय 5 बजे तक संगीतमय श्री राम कथा का आयोजन किया जा रहा है।

मंगलवार को कार्यक्रम की जानकारी देने के लिए कार्यक्रम स्थल पर एक प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया। प्रेसवार्ता में संरक्षक राजवीर सिंह ने बताया कि व्यासपीठ से संत श्री भानुदेवाचार्य जी श्रीराम कथा का रसपान कराएंगे। इस रसमयी रामकथा के माध्यम से प्रभू श्री राम के चरित्र-वर्णन कर समाज को समरसता, उच्च नैतिक जीवन मूल्यों का पालन तथा परिवार प्रबोधन कराना भी मुख्य उद्देश्य रहेगा। कथा के मुख्य यजमान सांईनाथ विवि के चेयरमैन डाॅ. आकाश अग्रवाल एवं सारांश अग्रवाल रहेंगी।

इस अवसर पर कथा के आमंत्रण पत्र का कथा के संरक्षक मंडल राजवीर सिंह, अनुज राठी, दिनेश बंसल, रामबाबू वरूण, अध्यक्ष डाॅ. प्रमोद मिश्रा, महामंत्री संजय सिंघल, उपाध्यक्ष महेश त्यागी, कोषाध्यक्ष ऋषि गुप्ता, मंत्री झम्मन सिंह, हरिओम आर्य, मीडिया प्रभारी प्रवीन शर्मा, समन्वयक दिनेश अग्रवाल, एड. अनिल अग्रवाल, मदन मोहन उपाध्याय, कक्ष व्यवस्था प्रभारी मदन मोहन उपाध्याय, संजय मगन, विकास गोयल, विजय सिंह, विश्वनाथ चतुर्वेदी, शुभम सिंघल, राजेश सिंघल, हरीश चंद्र मंगल, संजय गुप्ता, राजकुमार कुशवाह, डाॅ. राजेंद्र सिंह, संजना शर्मा, शिवनारायण, प्रदीप निगम, आदि ने विमोचन किया।

श्रीराम कथा का कार्यक्रम इस प्रकार रहेगा।

प्रथम दिन-श्रीराम कथा महिमा

द्वितीय दिन-सती चरित्र, नारद मोह

तृतीय दिन-श्रीराम जन्म

चतुर्थ दिन-अवध आनंद, बाललीला, अहिल्या उद्धार

पंचम दिन-पुष्प वाटिका, धुनषयज्ञ, विवाह लीला

षष्ठ दिन-श्रीराम वन गमन, केवट चरित्र

सत्तम दिन-भरत राम संवाद,

अष्ठम दिन-सीता हरण, शबरी प्रसंग,

नवम दिन-सुग्रीव मित्रता, सुंदरकांड, रावण वक्ष व रामराज्याभिषेक

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