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तबला पर बनारसी उठान और नृत्य में विष्णु परन सुन आनंदित हुए श्रोता
आगरा। पं. रघुनाथ तलेगांवकर फाउंडेशन ट्रस्ट एवं संगीत कला केन्द्र के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को 73 वें गुरुजन सम्मान समारोह का आयोजन कैंट स्थित ग्रांड होटल में किया गया। जिसमें संगीत, साहित्य, शिक्षा, समाज, जनसंचार, नृत्य एवं आदर्श गुरु के क्षेत्र में विद्वत मनीषियों को सम्मानित किया गया।
प्रारंभ में केन्द्र की छात्राओं नीपा साहा, कल्पना ठाकुर, आर्ची, महक, शुभी, अभिलाषा, आरुषी, ईशा संगीत साधकों ने गुरु वंदना गुरु तेरी महिमा अपरम्पार राग बिहाग और गुरु स्तुति गुरु बिन ज्ञान कहाँ से पाऊं राग अल्हैया बिलावल में प्रतिभा तलेगांवकर के निर्देशन में प्रस्तुत की। संवादिनी पर शुभ्रा एवं तबले पर डा. लोकेन्द्र तलेगांवकर ने संगत की। मेहुल चैधरी ने पं. रवीन्द्र तलेगांवकर के निर्देशन में बांसुरी पर राग कल्याण की सुंदर प्रस्तुत की।
इनका किया सम्मान
कार्यक्रम में डा. ऊषा यादव को साहित्य शिल्पी, सुनील विकल को समाज शिल्पी, गजेन्द्र यादव को जनसंचार शिल्पी, डा. विनीता सिंह को शिक्षा शिल्पी, पं. रवीनाथ मिश्र को संगीत शिल्पी, संतोष कुलश्रेष्ठ को नृत्य शिल्पी, देवाशीष गांगुली को आदर्श गुरू की सम्मानित उपाधि से संस्था के अध्यक्ष विजय पाल सिंह चैहान, उपाध्यक्ष अनिल वर्मा, संरक्षक अरुण डंग, डॉ मंगला मठकर ने सम्मानित किया।
आराध्य का बनारसी बाज सुनकर आनंदित हुए श्रोता
कार्यक्रम में लखनऊ से आए तबला वादक आराध्य प्रवीण ने ताल पंचम सवारी और तीनताल की प्रस्तुति दी। उन्होंने पेशकार, कायदा, बनारसी उठान, रेला, चलन और चक्रदास सुनाकर श्रोताओं को आनंदित कर दिया। संवादिनी पर पं. रवींद्र तलेगांवकर ने लहरा दिया। अंतिम प्रस्तुति के रुप में आगरा की पूनम शर्मा एवं मर्यादा शर्मा ने कथक नृत्य प्रस्तुत किया। आपने विष्णु वंदना तथा पारंपरिक कथक नृत्य प्रस्तुत किया। संचालन श्रीकृष्ण और आभार विजयपाल सिंह चैहान ने व्यक्त किया।
इनकी रही उपस्थिति
कार्यक्रम में डा. नीलू शर्मा, डॉ. नीलम भटनागर, आभा चतुर्वेदी, सुरेन्द्र बंसल, आरबी दुबे, डॉ. शशि यादव, डॉ सदानन्द ब्रह्मभट्ट, ज्योति खण्डेलवाल, विशाल झा, एसडी श्रीवास्तव, डाॅ. प्रदीप श्रीवास्तव, कल्पना श्रीवास्तव, डॉ. सुनीता सागर, डॉ. महेश धाकड़, आदर्शनंदन गुप्ता, गजेन्द्र सिंह आदि उपस्थित रहे।