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आगरा में लगातार बढ़ रहा यमुना नदी में पानी, 492.3 फुट पर पहुंचा जलस्तर
आगरा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के विभिन्न जिलों में भारी बारिश के कारण उत्पन्न बाढ़ तथा जलभराव की स्थिति को देखते हुए अलर्ट रहने के निर्देश दिए है। सीएम के निर्देश पर जिला प्रशासन भी हरकत में आ गया है। ताजनगरी में यमुना नदी और चंबल नदी के जलस्तर में लगातार बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। दिल्ली के ओखला बैराज, ताजेवाला और गोकुल बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़ा गया है। ऐसे में ताजनगरी आगरा में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। बाढ़ के खतरे को देखते हुए गुरुवार को जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने प्रशासनिक अमले के साथ डूब क्षेत्र के गांव का दौरा किया। उन्होंने तहसील सदर के गांव तनौरा, नूरपुर आदि गांव के लोगों को अलर्ट भी किया।
80 गांव संवेदनशील
दिल्ली में यमुना खतरे के निशान पर बह रही है। ऐसे में ओखला बैराज से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। जिससे आगरा में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। गुरुवार को ओखला बैराज से यमुना में 3.5 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया। ताजेवाला से 88329 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया। वहीं गोकुल बैराज से शाम 5 बजे 61201 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। गोकुल बैराज से छोड़ा गया पानी 12 घंटे में आगरा पहुंचेगा। बाढ़ के खतरे को देखते हुए जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने डूब क्षेत्र के गांव का दौरा भी किया। उन्होंने तहसील सदर के गांव तनौरा, नूरपुर आदि गांव के लोगों को अलर्ट किया। पिनाहट क्षेत्र में चंबल में जल स्तर बढ़ने को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। आगरा सीमा क्षेत्र में 80 से अधिक गांव ऐसे हैं, जिनमें यमुना और चंबल में खतरे के निशान के ऊपर जाते ही बाढ़ आ जाती है। अकेले यमुना डूब क्षेत्र में ही ऐसे 45 से अधिक गांव हैं। प्रशासन स्तर से इन गांवों में मुनादी कराई जा रही है। मोटर बोट और गोताखोरों को भी तैयार रहने के लिए कहा गया है। वहीं प्रशासनिक अधिकारी रोजाना यमुना और चंबल किनारे के गांव में बनी बाढ़ चौकियों का निरीक्षण कर रहे हैं।
बढ़ रहा बाढ़ का खतरा
आगरा में वाटरवर्क्स पर गुरुवार को यमुना का जलस्तर 492.3 फुट था। यहां लो-फ्लड लेवल 499 फुट है। हाई फ्लड लेबल 508 फुट है। वहीं चंबल नदी में पिनाहट में जल स्तर 113.60 मीटर बना हुआ है। जबकि यहां हाईफ्लड लेबल 137.60 मीटर है। अलर्ट लेबल 130 मीटर है। सिंचाई विभाग के एसई ज्ञानप्रकाश श्रीवास्तव ने बताया कि दिल्ली से छोड़े गए पानी के बाद आगरा में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान या इससे ऊपर जा सकता है। फिलहाल यमुना में जलस्तर खतरे के निशान से काफी नीचे है। यमुना नदी का जलस्तर वर्तमान में करीब 3 मीटर नीचे है। मथुरा की तरफ यमुना में जलस्तर बढ़ रहा है। आज रात से आगरा शहर में भी यमुना का जल स्तर बढ़ने का अनुमान है।
1978 में आई थी बाढ़
बता दें कि आगरा में वर्ष 1978 में बाढ़ आई थी। उस वक्त यमुना का जल स्तर 508 फुट पर पहुंच गया था। जिससे बेलनगंज, बल्केश्वर, दयालबाग के अलावा यमुना के तटवर्ती गांवों में पानी भरने से इस स्थानों पर नाव और स्टीमर के जरिए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा गया था। जहां आज बेलनगंज में सड़कों पर वाहन दौड़ रहे हैं, वह इतना जलभराव हो गया था कि नाव चलने लगी थी। हाथी घाट, दरेसी आदि क्षेत्र में गोदामों लाखों रुपए का माल पानी भरने से खराब हो गया था।