ताजमहल के न खुलने से पर्यटन व्यवसायियों के चेहरे पर छाई मायूसी

ताजमहल के न खुलने से पर्यटन व्यवसायियों के चेहरे पर छाई मायूसी
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आगरा। संस्कृत मंत्रालय के निर्देश के बाद सोमवार (आज) से ताजमहल सहित शहर के अन्य स्मारक खोले जाने थे। लेकिन जिला प्रशासन ने कोविड-19 के संक्रमण के कारण जनहित में इन्हें न खोलने का फैसला लिया है। इससे पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों की आस टूट गई है और उनके चेहरे पर मायूसी छा गई, हालांकि उन्होंने जनहित में लिए गए प्रशासन के फैसले का समर्थन किया है।

गौरतलब है कि केंद्रीय संस्कृत मंत्री प्रह्लाद पटेल ने दो जुलाई को ट्वीट में लिखा था कि छह जुलाई में ताजमहल सहित देशभर के सभी स्मारक खोले जा सकते हैं। इससे पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों में उम्मीद जगी थी। ताजमहल के खुलने की खुशी में होटल रेस्टोरेंट संचालकों, गाइड, फोटोग्राफर व दुकानदार सभी तैयारियों में लग गए थे। दुकानें चमचमाने लगी थी, होटल रेस्टोरेंट में साफ सफाई की कर ली गई थी। यही नहीं भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने पर्यटकों के कोविड-19 से बचाव के लिए पूरी तैयारियां कर ली थी। प्रवेश द्वारों पर सोशल डिस्टेंशन के पालन के लिए गोले, थर्मल स्क्रीनिंग व उनके नाम पते दर्ज करने की व्यवस्था की थी। लेकिन रविवार देर रात आए प्रशासन के आदेश ने सबकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया।

जिलाधिकारी प्रभु नारायण सिंह ने रविवार रात कोविड टीम और एएसआई के अधिकारियों के साथ बैठक की। उसमें ताजमहल सहित अन्य स्मारकों के बफर जोन में होने के कारण जनहित में न खोलने का फैसला लिया। इस फैसले के बाद पर्यटन कारोबार से जुड़े लगभग चार लोग रोजगार को लेकर संकट में है। उनकी रोजी-रोटी सीधे तौर पर पर्यटन से ही चलती है।

ताज दक्षिणी गेट पर हैंडीक्राफ्ट, मार्बल की दुकान करने वाले बॉबी का कहना है कि ताजमहल के खुलने की खबर से हम बहुत खुश थे। दुकान को हमने साफ-सफाई कर चमका दिया था। उम्मीद थी लॉकडाउन के दौरान जो आर्थिक संकट पैदा हुआ है, वह दूर होगा। लेकिन प्रशासन के फैसले ने हमारी सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। फोटोग्राफर मोहम्मद मुस्ताक का कहना है कि प्रशासन ने सोच समझकर ही ताज न खोलने का लिया होगा। लेकिन यह भी सच है कि हमारी आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई है। प्रशासन को इस बारे में भी कुछ सोचना चाहिेए।

रेस्टोरेंट्स संचालक मनप्रीत सिंह ने कहा कि ताजमहल के आसपास के रेस्टोरेंटओं का संचालन केवल पर्यटकों के आने पर निर्भर है। जो ताजमहल के बंद रहने से लगभग ठप हो गया है। प्रशासन को अपना मेडिकल सिस्टम सुधारना चाहिए, ना कारोबार पर प्रहार करना चाहिए। होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश वाधवा ने कहां के ताजमहल के न खुलने से लोगों मायूसी है। लेकिन हमें कुछ दिन और इंतजार चाहिए। यह सही है कि इसके बंद रहने से पर्यटन कारोबारियों पर बड़ा आर्थिक बोझ आ गया है। लेकिन कोविड-19 का संक्रमण अभी कम नहीं हुआ है।

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