निर्वाचन आयोग का ऐतिहासिक निर्णय: आधार कार्ड की तरह जारी होंगे यूनिक वोटर कार्ड…

आधार कार्ड की तरह जारी होंगे यूनिक वोटर कार्ड…
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अब हर मतदाता का होगा एक ही वैध पहचान पत्र

मधुकर चतुर्वेदी, आगरा। चुनाव पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ सम्पन्न कराने के लिए निर्वाचन आयोग ने ऐतिहासिक निर्णय लिया है। आयोग अब आधार कार्ड की तरह ही सभी वोटिंग कार्ड को यूनिक कार्ड नंबर देने जा रहा है।

इसके बाद देश भर में एक ही तरह की मतदाता सूची हो जाएगी और डुप्टिलेट मतदाता फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) की समस्या समाप्त हो जाएगी। एक दिवसीय प्रवास पर आगरा आए मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने स्वदेश से विशेष चर्चा में यह जानकारी देते हुए बताया कि तीन माह में इस कार्य को पूर्ण करने की योजना बनायी है।

डुप्लिकेट ईपीआईसी नंबरों की होगी पहचान

अब हर मतदाता के पास केवल एक वैध पहचान पत्र होगा। मतदाता डेटाबेस को और अधिक सटीक और विश्वसनीय बनाया जाएगा। डुप्लिकेट ईपीआईसी नंबरों की पहचान कर हर मतदाता को यूनिक ईपीआईसी नंबर दिया जाएगा। मतदाता पंजीकरण प्रणाली पहले से अधिक सुरक्षित बनाई जाएगी।

जन्म और मृत्यु सूचना का भी समन्‍य

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि मतदाता सूची के प्रकाशन में गलतियां ना हों, इसके लिए जन्म और मृत्यु पंजीकरण विभागों से समन्वय कर इन्‍हें जल्‍दी ही लिंकअप किया जाएगा। किसी के 18 साल की आयु का होने अथवा मतदाता की मृत्यु होने की स्थिति में आयोग को तत्‍काल सूचना मिल जाएगी।

सभी हितधारकों का होगा प्रशिक्षण

भारत में 100 करोड़ मतदाता हैं और 10.50 लाख बूथ। आयोग में 28 तरह से हितधारक हैं। आयोग मतदाता सूची निर्माण से जुड़े सभी हितधारकों का प्रशिक्षण भी कराएगा। यह भी तय किया जा रहा है कि एक मतदान केंद्र में 800 से 1200 तक मतदाता ही हों। मतदान स्थल की दूरी दो किमी से अधिक ना हो। मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए बुनियादी सुविधाओं वाले मतदान केंद्र बनाए जाएंगे।

आगामी चुनावों में होगा तकनीक का प्रयोग

आने वाले दिनों में पश्चिम बंगाल, बिहार, तमिलाडु, केरल में विधानसभा चुनाव होंगे। यहां समय से पूर्व तैयारी करते हुए आधुनिक तकनीक से चुनाव कराए जाएंगे। ईवीएम का प्रयोग सफल रहा है और आगे भी सभी चुनाव ईवीएम से ही होंगे। एक देश-एक चुनाव पर तेजी से कार्य चल रहा है। ज्ञानेश कुमार ने कहा कि मतदान राष्ट्रसेवा की पहली सीढ़ी है।

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