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औरंगजेब की जिस जेल से बच निकले थे शिवाजी, अब महाराष्ट्र सरकार आगरा में वहीँ मनायेगी जयंती
आगरा। ऐतिहासिक आगरा के किले में पहली बार महाराष्ट्र सरकार तथा स्वयंसेवी संस्थाओं की ओर से शिवाजी महाराज की जयंती 19 फरवरी को मनाई जायेगी। उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल राम नाईक ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से शिव जयंती महोत्सव को शुभकामनाएं दी है। उन्होंने कहा कि शिवजयंती महोत्सव में आनेवाले सभी शिवप्रेमी नागरिकों को छत्रपति शिवाजी की अवमानना करनेवाले शिलालेख के बदले सही इतिहास पढने को मिलेगा इस बात का मुझे संतोष है।
जब आगरा विश्वविद्यालय के कुलाधिपती के नाते रामनाईक पहली बार आगरा गए थे, तो किले में जहाँ औरंगजेब और शिवाजी की भेंट हुई थी उस स्थान पर लगाया शिलालेख पढ़ कर श्रीनाईक आगबबूला हुए थे। छत्रपति की अवमानना करने वाले उस शिलालेख पर लिखा था "शिवाजी औरंगजेब से मिलने 1666 में आए थे और आगरा की गर्मी से त्रस्त होकर बेहोश होने लगे थे और उन्होंने सहारे के लिए खम्भा पकड़ लिया था" इतिहास गवाही देता है कि किस वीरता से औरंगजेब को तपाक से उस जगह छत्रपति शिवाजी ने ललकारा था।
शिवाजी की अवमानना करने वाला शिलालेख आगरा किले से हटाने के लिए राम नाईक ने पुरातत्व अधिकारी से कहा था। आखिरकार शिलालेख बदला गया। 23 जुलाई 2017 को फिर एक बार आगरा किले पर जा कर रामनाईक ने स्वयं पुष्टि कर दी कि सही शिलालेख लगा है। उसी समय किले के द्वार पर छत्रपति शिवाजी का जो अश्वारुढ शिल्प है उसके रखरखाव व सुशोभित करने का जिम्मा राम नाईक ने आगरा विश्वविद्यालय को सौंपा।